tag:blogger.com,1999:blog-54362093411321316342024-03-06T08:52:01.204+05:30www.HindiDiary.comहिंदी-डायरी ब्लॉग - इधर उधर की अच्छी बातों का ब्लॉग www.HindiDiary.com - A Blog in Hindi for good stories from life.Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.comBlogger210125tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-79342323027113924832022-01-09T21:01:00.000+05:302022-01-09T21:01:07.616+05:30नये वर्ष में रुपये पैसे के नये नियम<h2 style="text-align: left;">नये वर्ष में रुपये पैसे के नये नियम</h2><br />नये वर्ष शुरु हो गया है और यह अपने साथ बहुत सारे ऐसे वित्तीय परिवर्तन लाया है जिससे कि आपके रुपये पैसे को यानी की आपको आर्थिक रूप से कुछ घाटा और कुछ लाभ होगा। रुपये पैसे के नये नियम बनाये गये हैं जिससे आपको कई सेवाओं के लिये अधिक मूल्य चुकाना पड़ सकता, वहीं कुछ सेवाओं पर आपको आर्थिक लाभ हो सकता है।
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<div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjokixIhxnkxab6_DKq8gFUqYVHHfWfmlpz_Q5YBzgfV-bLXzyIdxeu7PJBVlrWB81IpGtsqagvVE_qzL4BgyRH9BvpRM15OpncQo44zJqOLKyaCxYLmmAfLcDrwanZI-GmUVvnuGvJmBmasupLnaJmIMp652xjhgW2TZt3fboXViZZu1mAEg" style="display: block; padding: 1em 0px; text-align: center;"><img alt="Charges on Financial Transactions नये वर्ष में रुपये पैसे के नये नियम" border="0" data-original-height="164" data-original-width="270" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjokixIhxnkxab6_DKq8gFUqYVHHfWfmlpz_Q5YBzgfV-bLXzyIdxeu7PJBVlrWB81IpGtsqagvVE_qzL4BgyRH9BvpRM15OpncQo44zJqOLKyaCxYLmmAfLcDrwanZI-GmUVvnuGvJmBmasupLnaJmIMp652xjhgW2TZt3fboXViZZu1mAEg" title="नये वर्ष में रुपये पैसे के नये नियम" /></a></div>
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आइये देखते हैं कि नये वर्ष में क्या क्या ऐसे आर्थिक नियमों में परिवर्तन हुये हैं-
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<br /><h3 style="text-align: left;">
1. वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर में परिवर्तन
</h3>
<br />सरकार ने पहले से ही बता दिया था कि नये वर्ष में 1 जनवरी से बने बनाये कपड़ों पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) 12% की दर से लगेगा। दरअसल अभी तक ₹1000 से कम के सिले सिलाये कपड़ों पर 5% की दर से GST लगता है, जिसको बदलकर कर 12% करने का प्रस्ताव था। लेकिन भला हो भारत में लगातार होने वाले चुनावों का 😉 कि अब इस बढ़े हुये 12% की दर के GST के प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया है और इस विषय पर विचार करने के लिये एक समिति का गठन कर दिया गया है। अत: अभी सिले सिलाये कपड़ों को खरीदने में अधिक खर्चा नहीं करना पड़ेगा।<br />
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<br /><h3 style="text-align: left;">
2. बैंक शुल्क में बढ़ोत्तरी</h3>
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नये वर्ष में कई बैंको ने, खासकर कई निजी बैंको ने विभिन्न प्रकार के शुल्कों में बड़ी बढ़ोत्तरी की है। चैक वापस होने, क्रेडिट कार्ड के बिल जमा करने की आखिरी तिथि निकल जाने के बाद लगने वाला शुल्क इत्यादि को अच्छी खासी संख्या में बढ़ाया गया है।
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<br /><h3 style="text-align: left;">
3. बैंक लॉकर अब अधिक सुरक्षित हैं</h3>
<br />एक जनवरी से बैंकों के लॉकर अधिक सुरक्षित हो सकते हैं क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India - RBI) ने लॉकर को लेकर नये नियम लागू कर दिये हैं। अब किसी भी बैंक कर्मचारी द्वारा किये जाने वाले घोटाले, बैंक की बिल्डिंग गिर जाने पर, आग लगने पर, चोरी हो जाने पर बैंक लॉकर के किराये का 100 गुना उस बैंक को अपने ग्राहक को देना होगा।<br /><br />लेकिन किसी प्राकृतिक घटना की स्थिति में जैसे कि भूकंप, बाढ़, बिजली गिरना, तूफान या फिर खातेदार की खुद की गलती में ये नहीं मिलेगा।
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<br /><h3 style="text-align: left;">
4. ऑनलाइन खाना मंगाना मंहगा हुआ
</h3><br />1 जनवरी से घर पर खाना मंगाने की सेवा देने वाली विभिन्न ऑनलाइन सुविधा सेवाओं जैसे की जोमैटो, स्विगी इत्यादि पर 5 की दर से सुविधा एवं सेवा कर (GST) लगाने से घर पर खाना मंगाना मंहगा हो गया है।
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<h3 style="text-align: left;">
5. इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक के शुल्क में बढ़ोत्तरी</h3>
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इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक जो कि भारतीय डाक विभाग का एक उपक्रम हैं, ने बैंक में नकद जमा किये वाले रूपये के ऊपर एक खास प्रकार का शुल्क लगा दिया है। एक जनवरी से लागू इस नियम के अनुसार महीने में चार बार रूपये निकालने की सीमा या फिर ₹10000 की निकासी के बाद 0.50% की और कम से कम ₹25 की दर से शुल्क लगेगा। नकद जमा करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
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<div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiEofQ8hUkehQ3cUR0BZpZWu0QO6BhPws5NDY4yPX5FUJzvpx6m_73f2EeT96KBS5fF7uI4HxC0kmTW7KihKdxNd6QCLFqi7if5kxl2LRSXMvzf2f7Uc2GKLkCh1WqmXGMg5bvgwKi7380C0w6fzKLDWQOwkFtApJpOWJmmlvbBPAtNUq_4mQ" style="display: block; padding: 1em 0px; text-align: center;"><img alt="Rupee रूपया" border="0" data-original-height="391" data-original-width="650" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEiEofQ8hUkehQ3cUR0BZpZWu0QO6BhPws5NDY4yPX5FUJzvpx6m_73f2EeT96KBS5fF7uI4HxC0kmTW7KihKdxNd6QCLFqi7if5kxl2LRSXMvzf2f7Uc2GKLkCh1WqmXGMg5bvgwKi7380C0w6fzKLDWQOwkFtApJpOWJmmlvbBPAtNUq_4mQ" title="Rupee रूपया" /></a></div>
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<h3 style="text-align: left;">
6. आयकर विवरणी देर से जमा करने पर कम शुल्क
</h3>
<br />आयकर विवरणी (Income Tax Return) को देर से जमा करने पर अब कम शुल्क लगेगा। अभी तर किसी व्यक्ति द्वारा आयकर विवरणी देर से जमा करने पर ₹10000 रूपये का शुल्क लगता था जिसको कि अब घटा दिया दिया गया है। अब ₹5000 रूपये का ही शुल्क लगेगा लोकिन यदि आपके आयकर विवरण की सीमा 5 लाख रूपये तक है तो देरी पर लगने वाला जुर्माना ₹1000 रूपये रहेगा।
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<h3 style="text-align: left;">
7. एटीएम (ATM) से पैसे निकालने की नई सीमा
</h3>
<br />एटीएम (ATM) से पैसे निकालने की नई सीमा 1 जनवरी से बदल दी गई है, जिसके अनुसार 5 बार रुपये निकालना ही फ्री है। दूसरे बैंक के एटीएम से रूपये निकालने की नई सीमा 3 बार है। इसके बाद के लेन-देन पर 21 रुपये (पहले ये दर 20 रूपये थी) प्रति व्यवहार की दर से शुल्क लगेगा।
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<h3 style="text-align: left;">
8.छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज की यथास्थिति
</h3>
<br />सरकार द्वारा डाकघर से चलाऊ जाना वाली कई प्रकार की छोटी बचत योजनाओं तथा विभिन्न प्रोविडेंट फंडों में दी जाने वाली ब्याज दरों को यथास्थिति में रखा गया है। सरकार का इरादा तो इन ब्याज दरों को घटाने का है लेकिन विभिन्न राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों की वजह से सरकार पीछे हट गई है और कुल मिलाकर पहले से मिल रही ब्याज दर ही लागू रहेगी।<br />Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-51996211795503934482021-06-03T21:31:00.001+05:302021-06-03T21:34:30.414+05:30एक सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बने?<h2>एक सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बने?</h2><br />लेखक किसी भी समाज का वह प्रतिभाशाली व्यक्ति होता है। जो अपनी लेखनी के माध्यम से अपने भावों भावनाओं को सबके सामने प्रस्तुत करता है। दूसरे शब्दों में, जिस प्रकार से कोई कलाकार मंच पर अपने पात्र को बखूबी निभाता है, ठीक उसी प्रकार से, एक लेखक भी अपनी कहानी के समस्त पात्रों का किरदार स्वयं ही निभाता है। <br /><br />ऐसे में लेखक की यह नैतिक जिम्मेदारी होती है कि वह जो भी लिखें, वह आधार पूर्ण हो। जिसके लिए उसे लेखन में पारंगत होने की आवश्यकता होती है।<br /><br/>अच्छा लेखक श्रेष्ठ वो है जिसको पाठक पढ़ना चाहें। पढ़ने के बाद उसे लोग भूल ना पायें। उसे् लोग बार बार पढ़ना चाहें। अच्छा लेखक वो होता है जिसे पढ़ने के बाद पाठकों के अंदर से आवाज आए कि वाह ! क्या लिखा है।<br /><br />इसलिए आज हम आपके लिए एक अच्छा सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बनें? उपरोक्त विषय पर उपयोगी लेख लेकर आए हैं। <br /><br />उम्मीद है कि इसे पढ़कर आप अवश्य ही अपनी लेखन क्षमता को विकसित करके एक प्रभावी लेखक बन पाएंगे। चूंकि एक ब्लॉगर भी वास्तव में एक लेखक ही होता है अतः यहां पर लिखी हुई बातें <a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html" target="_blank">एक सफल और अच्छा ब्लॉगर</a> बनने के लिये भी काम आ सकती हैं।
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<div id="TOC" style="background-color: #f0f0f0;">
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<span>Table of Content विषय सूची - एक सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बने?</span></h3>
<br /><ul style="text-align: left;"><ul><ul><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html">एक सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बने?</a></li></ul></ul>
<ol><ol><ol><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#language">भाषा का शुद्ध होना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#reading">पढ़ने की आदत डालना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#subject">विषय का चयन करना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#emotions">भावों को स्पष्टता से प्रकट करना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#reader">आम पाठक के साथ जुड़ा होना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#writing">लिखने का अभ्यास करना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#learner">निरंतर सीखने वाला बनना</a></li></ol></ol>
</ol>
<ul><ul><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#what-to-do">अच्छा लेखक बनने के लिये क्या करें?</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#what-not-to-do">लेखन में क्या न करें</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#publish">लिखा हुआ कहां प्रकाशित करें?</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2021/06/how-to-be-good-writer-achchha-lekhak.html#conclusion">अंतिम बात</a></li></ul></ul>
</ul>
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<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjuvp4noFdZ_k8Al39wsrX-NJUco_37nKeCKrSV2B9fULLMfKHCUH_YD12kQ3b5TsQanR3UR5rEcTWjLlWHB9PaPDqzMgosnalFlu29uN7JOUnN3K0gqUsCTm9OHG7RrfuVybo_SZORIRGc/s640/achchha-lekhak-good-writer-qualities.webp" style="display: block; padding: 1em 0px; text-align: center;"><img alt="How to be Good Writer एक सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बने?" border="0" data-original-height="426" data-original-width="640" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjuvp4noFdZ_k8Al39wsrX-NJUco_37nKeCKrSV2B9fULLMfKHCUH_YD12kQ3b5TsQanR3UR5rEcTWjLlWHB9PaPDqzMgosnalFlu29uN7JOUnN3K0gqUsCTm9OHG7RrfuVybo_SZORIRGc/s16000/achchha-lekhak-good-writer-qualities.webp" title="एक सफल श्रेष्ठ लेखक कैसे बने? Good Writer" /></a>
<br /><br />सर्वप्रथम एक अच्छा लेखक बनने के लिए आवश्यक है कि आप अपनी लेखन रुचि को प्रधानता दें। यानि आप क्या लिखना पसंद करते हैं? इसका ज्ञान किसी भी लेखक को भली प्रकार से होना चाहिए। इसके बाद ही उपरोक्त बिंदुओं पर विचार करके आप अपनी लेखन शैली को निखार सकते हैं।<br /><br />लिखने की कला बेहतरीन कलाओं में से एक है। जिस व्यक्ति के अंदर यह कला होती है, वह व्यक्ति अपने जीवन में किसी भी तरह के विचारों को कलमबद्ध कर सकता है। अपनी बातों को अपने लेखन के माध्यम से समाज को जागरुक करना, समाज को संदेश देना एक बहुत ही योग्यता भरा काम है<br /><br /> तो आइये देखते हैं कि <b>अच्छे सफल लेखक बनने के लिये क्या क्या खूबियां और लेखन की गुणवत्ता</b> होनी चाहिये। - <br /><br /><h3 id="language" style="text-align: left;">1. भाषा का शुद्ध होना</h3><br />लेखक बनने के लिए आपको अपनी मात्रभाषा चाहे वो कोई सी भी हो, हिंदी या फिर कोई भी क्षेत्रीय भाषा, का ज्ञान अवश्य होना चाहिए। या उस भाषा में पारंगत होना चाहिए जिसमें आप अपने लेखन को सुचारू करना चाहते हैं।<br /><br />ऐसे में यदि आप हिंदी भाषा का ज्ञान रखते हैं तो आपको <a href="https://gurukul99.com/hindi-grammar-vyakaran" target="_blank">हिंदी व्याकरण</a> संबंधी नियमों और शर्तों के बारे में सही जानकारी होनी चाहिए। यही अन्य भाषाओं के साथ भी लागू होता है।<br /><br />इस प्रकार एक अच्छा लेखक बनने के लिए भाषा पर पकड़ होना जरूरी है। क्यूंकि यदि हमारे लेखन में भाषा और व्याकरण संबंधी अशुद्धियां विद्यमान होती है। तो हमारा लेख किसी भी दृष्टि से उचित और प्रभावी नहीं कहलाएगा।<br /><br />इसलिए हमें लेखन के दौरान अपनी भाषा को रोचक और प्रवाहपूर्ण बनाने की आवश्यकता होती है। जिसके आधार पर ही हम एक श्रेष्ठ लेखक बन सकते हैं।<br /><br /><h3 id="reading" style="text-align: left;">2. पढ़ने की आदत डालना</h3><br />जिस प्रकार से एक अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा श्रोता बनना पड़ता है। ठीक उसी प्रकार से, एक अच्छा लेखक बनने के लिए पाठक बनना पड़ता है। यानि किताबों और पत्रिकाओं को पढ़ने की आदत डालनी होती है।<br /><br />पढ़ने से आप अपनी लेखन शैली को शुद्ध कर सकते हैं, क्योंकि जब हम कुछ पढ़ते है। तो उससे कहीं ना कहीं हमारी जानकारी बढ़ती है। साथ ही हमारे पास लेखन के दौरान शब्दावली का अभाव नहीं होता है। इसके लिए आवश्यक है कि आप उन किताबों को पढ़ने की कोशिश करें। जिनमें आपकी रुचि हो।<br /><br />आप जितना ज्यादा पढ़ेंगे, उतना ही ज्यादा आपकी विषय-वस्तु की जानकारी, भाषा पर पकड़, लेखक द्वारा अपनी बात कहने का अंदाज की जानकारी और आपके ज्ञान में वृध्दि होती जाता है।<br /><br />उदाहरण के लिए, यदि आप आत्मकथा लिखना चाहते हैं तो आपको किसी की आत्मकथा पढ़नी चाहिए। जिससे आपको आत्मकथा लिखते समय लिखने के तरीके का ज्ञान हो जाएगा।<br /><br />वर्तमान युग डिजिटल युग है। जहां आप कभी और कहीं भी बैठकर पठन पाठन का कार्य कर सकते हैं। आजकल ई-बुक चलन (ट्रेंडिंग) में है। जिसके कारण आप अपने मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट इत्यादि में अनेकों प्रकार की बहुत सारी किताबें बिना साथ ले जाए पढ़ सकते हैं।<br /><br />आप चाहे तो पढ़ने की रुचि अखबार या पत्रिका के माध्यम से भी विकसित कर सकते हैं। अधिकांश समाचार पत्रों में रोजाना ही संपादकीय के साथ साथ की लेख प्रकाशित होते हैं। इसके अलावा इनमें सप्ताह में कम से कम एक बार साहित्यिक सामग्री जैसे कि लेख, कहानी कविता इच्यादि भी प्रकाशित होते हैं, उन सब को भी पढ़ना चाहिये जिससे आपकी भाषा और लेखन शैली का विकास होगा।<br /><br />इसके साथ ही साथ आप अपनी पसंद की किताब (इतिहास, मनोविज्ञान, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान) आदि का चयन करके उसे पढ़ सकते है। जिससेे आपके मस्तिष्क में नवीन विचारों और सोच का विकास होता है। जो कि एक प्रभावी लेखन की शुरुआत करने के लिए आवश्यक है।<br /><br />
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</script><br /><h3 id="subject" style="text-align: left;">3. विषय का चयन करना</h3><br />एक लेखन तभी सार्थक प्रतीत होता है। जब लेखक को उसका उद्देश्य और विधेय स्पष्ट हो। यानि लेखक को यह ज्ञात हो कि उसे किस विषय पर लिखना है या लिखना पसंद है।<br /><br />लेखन के अपने कई भाग होते हैं, जैसे कविता, निबंध, आत्मकथा, उपन्यास, लेख, कहानी आदि। उपरोक्त सभी विधाओं को लिखने का अपना तरीका और अपनी विशेषता होती है।<br /><br />जहां कविता लिखते समय शब्दों की लय का ध्यान रखा जाता है। तो वहीं कहानी लिखते समय हर एक पात्र पर विशेष ध्यान दिया जाता है।<br /><br />ऐसे में यदि किसी लेखक को लेखन का विषय ज्ञात है। तो वह अवश्य ही प्रभावी लेखन में सक्षम होगा।<br /><br /><h3 id="emotions" style="text-align: left;">4. भावों को स्पष्टता से प्रकट करना</h3> <br />इसके साथ ही लेखन में भावों को अधिक प्रधानता दी जाती है। क्योंकि भावों के अभाव में किसी भी लेख की प्रासंगिकता नहीं रह जाती है। ऐसे में लेखक को लिखते समय भावों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।<br /><br />आपके द्वारा लिखी गई रचना में दुख सुख, आश्चर्य, प्रेम, हास्य आदि भावों की उपस्थिति अनिवार्य है।<br /><br />जो भी अपने लेखन में पन्नो पर शब्द नहीं भावनायें उतारता हो हर वो व्यक्ति लेखक कहलाया जाता है। मनोविज्ञान की परतों से कुछ भी निकाल के वाकया बना देने वाला ही लेखक होता है। लेखक अपनी रचना को प्रतुत करे सुनने वाले की ऑंखें ख़ुशी से चमका दे, जब विरह की बात करे तो दिल भर आये, जब वीर रस की बात करे तो कुछ कर गुजरने का जूनून सवार हो जाये।<br /><br />लेखक को अपनी बात भावना प्रदान तरीके से कहने का तरीका पता होना चाहिए| अपने लेखन में भावनाओं का ज्वार लाकर आप पाठकों को साथ गहरा जुड़ाव कर सकते हैं। भावों को प्रकट करने के आधार पर ही आप एक सर्वोत्तम लेखक बन सकते हैं।<br /><br /><h3 id="reader" style="text-align: left;">5. आम पाठक के साथ जुड़ा होना</h3><br />यदि लेखक अपनी भावनाओं को अपने लेखन के माध्यम से अपने पाठकों से गहरा जुड़ाव कर पाता है तो फिर उसक लेखन सफल हो जाता है और बतौर लेखक अपनी प्रसिद्धि की बुलंदी पर पहुंच जाता है।<br /><br />अच्छे लेखक वही है जो दूसरे की भावनाओं को या फिर अपनी भावनाओं को पेश करते हुए इस तरीके से लिखते हैं जब कोई दूसरा इंसान से पढ़ता है तो लगता है यह मेरी कहानी है और बस यहीं पर बात बन जाती है और वह लेखक पाठक से जुड़ जाता है ।<br /><br />साधारण भाषा में जनता की बोलचाल एवं रहन सहन को अपने लेखन से दर्शाना हमेशा ही आम पाठक को प्रभावित करता है। अच्छा लेखक वो है जो सरल सहज ढंग से अपने विचारों की अभिव्यक्ति कर सके,कम शब्दों में ज्यादा बातें कह सके जिसकी भाषा शैली आसान और रुचिपूर्ण हो जिस से आम जन को समझ आ सके। इसी को लेकर आम जन लेखक के प्रति झुकाव महसूस करते हैं और लेखक और पाठक में दिल से जुड़ाव हो जाता है।<br /><br /><h3 id="writing" style="text-align: left;">6. लिखने का अभ्यास करना</h3> <br />हिंदी की एक प्रसिद्ध कहावत है कि "करत करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान रसरी आवत जात ते"।। अर्थात् किसी कार्य का निरंतर अभ्यास करने से मूर्ख व्यक्ति भी उस कार्य में पारंगत हो जाता है। ठीक उसी प्रकार से, यदि आप यह दृढ़ निश्चय कर लें कि आपको प्रतिदिन लिखने का अभ्यास करना है। तो आप आगे चलकर अवश्य ही एक अच्छे लेखक कहलाएंगे।<br /><br />हालांकि इसके लिए आपको प्रतिदिन अपनी रुचि के आधार पर लिखने की आदत डालनी होगी। प्रतिदिन लिखते समय आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप जितना अधिक से अधिक लिखने का प्रयास करेंगे। आप लेखन के क्षेत्र में उतनी ही जल्दी निपुण हो जाएंगे।<br /><br />लेखन अभ्यास के साथ साथ यदि आप निरंतर सीखने की प्रक्रिया को चालू रखते हैं। तब हीआप एक श्रेष्ठ लेखक बन सकते हैं।<br /><br /><h3 id="learner" style="text-align: left;">7. निरंतर सीखने वाला बनना</h3><br />लेखक को लेखन के अलावा भी बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता होती है। जकल बहुत से लेखक अपनी कृतियों का स्वयं प्रकाशन करते हैं। परंपरागत रूप से प्रकाशित होने वाले भी अपने प्रकाशकों के द्वारा किए जाने के बाद भी, अतिरिक्त विक्रय तथा विपणन का उतत्तरदायित्व स्वयं लेते हैं। इसलिए सीखने में सक्षम होना और इससे भी महत्वपूर्ण — सीखने के प्रति अपना दिमाग खुला रखना अत्यंत आवश्यक है।!!<br /><br />सफल लेखक बनने की ओर आपकी यात्रा में, नई कुशलताएँ सीखने में एक शिशु की मानसिकता अपनाइए जो बेहतर लिखने में, संवर्धित रूप से अपने पाठकों से जुड़ने में आपकी सहायता करेंगे, और उत्पादकता के साथ पुस्तक व्यापार चलाने के लिए आवश्यक, आपको अधिक से अधिक चीजें सिखाएँगे<br /><br />
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</script><br /><h3 id="what-to-do" style="text-align: left;">अच्छा लेखक बनने के लिये क्या करें</h3><br /><ul style="text-align: left;"><li>महान अच्छे लेखकों को पढ़ें। जितना पढेंगे उतना ही सीखेंगे</li><li>यदि आपके पास एक अच्छा विचार है, तो इसे मुफ्त में उपलब्ध कराएं। यह वही है जो महान लेखकों ने हमेशा किया है।</li><li>हमेशा अपने पास एक नोटबुक रखें ताकि दिमाग में आये किसी भी विचारों को Note कर सकें</li><li>लेखन में आने वाली रुकावटों (Distractions) को दूर करें। <a href="https://www.hindidiary.com/2009/09/Hindi-Blogging-rukawat-writer-block.html" target="_blank">ब्लॉगिंग/लेखन में छोटी छोटी बहुत सी रूकावटें</a> होती हैं</li><li>अपने विचारों को दिमाग में उथल पुथल मचाने दें</li><li>अपने लेखन की अपनी शैली और अंदाज बनायें। अपनी मौलिकता के लिए किसी शैली का अनुसरण ना करें</li><li>लेखन की शुरुआत को अंजाम तक पहुंचायें</li><li>अपना लेखन कभी अधुरा ना छोड़ें, चाहे कितना भी समय लगे, पूरा करने की कोशिश करें</li><li>अपना सोच को सकारात्मक (Positive) रखिये। यह सोचकर लिखें कि आप बेहतर लिखेंगे</li><li>जितना हो सके अच्छे लोगों के बीच बैठे उनकी बातें सुने | खास कर साहित्यिक समुदाय में उठें बैठें</li><li>हर दिन कुछ ना कुछ लिखने का प्रयत्न करें, शुरुआत में आपको अपनी लिखावट बचकानी लग सकती है। परंतु, इससे हताश न हो ।</li><li>लेखन का कार्य जारी रखे। आप एक दिन जरूर सफल होंगे। खुद पर विश्वास करें और निरंतर अभ्यास करें</li><li>किसी विश्वासपात्र व्यक्ति या पहले से लेखन में स्थापित लोकप्रिय लोगों से अपने लेखन की समीक्षा भी अच्छे लेखन के लिए मददगार होती है।</li><li>व्याकरण की गलतियों को सुधारने का पूरा प्रयास करें</li><li>कोशिश करें कि आजकल के समय के अनुरूप अपनी ऑनलाइन प्रेजेंस बनाएं</li><li>पाठकों की रूचि को समझने का प्रयास करें। जो अच्छा लेखक होता है वह अपने पाठकों की रुचि को समझता है</li><li>प्रकाशकों द्वारा अस्वीकार किए जाने के लिये तैयार रहें। रचना अस्वीकार होने पर प्रतिक्रिया स्वयं के साथ कठोर न होकर, स्वयं को सुधारने के लिए रचनात्मक आलोचना का उपयोग करें<br /><br />
<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEix0jC_kcAo_6TFG0yJcEv-r3orwLjLMvwdfVM6NEIunSarbdnMUWVUnsbi-8qJfTSNfxhSxz1t83gb876mlej54uK0U149AyVcQ0o0JeUfjm9Dl9dxPkYpz8_6T2qnjXMvJGOQlKCErpI3/s0/better-writing.webp" style="display: block; padding: 1em 0px; text-align: center;"><img alt="Better Writing श्रेष्ठ लेखन" border="0" data-original-height="426" data-original-width="640" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEix0jC_kcAo_6TFG0yJcEv-r3orwLjLMvwdfVM6NEIunSarbdnMUWVUnsbi-8qJfTSNfxhSxz1t83gb876mlej54uK0U149AyVcQ0o0JeUfjm9Dl9dxPkYpz8_6T2qnjXMvJGOQlKCErpI3/s0/better-writing.webp" title="Better Writing श्रेष्ठ लेखन" /></a>
<br /><br />
<h3 id="what-not-to-do" style="text-align: left;">लेखन में क्या न करें</h3><br /><ul style="text-align: left;"><li>ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कभी न करें जिनके अर्थ के बारे में आप को पक्का नहीं पता</li><li>गाली गलौज या अश्लील शब्दों का अपने लेखन में प्रयोग न करें</li><li>लिखना मुश्किल और चुनौती भरा काम है, लेकिन अगर आप इसे खराब तरीके से कर रहे हैं तो फिर इसमें कोई चुनौती नहीं है</li><li>अपने दिमाग में आने वाले विचार प्रवाह को रोकें नहीं</li><li>अपने लेखन को पाठकों द्वारा अनुमानित होने से बचायें</li><li>अपने लेखन के पात्रों को को सामान्य इंसान ही बनाये रखें, इन पात्रों को अत्यधिक आदर्श वादी न बनायें</li><li>लेख आपका अपना होना चाहिए किसी और का लेख चुराकर अपना न कहें</li><li>आपका लेख किसी भी प्रकार का तनाव न पैदा करे। समुदायों को, जातियता को, क्षेत्रीयता को व राष्ट्रीयता को भड़काने वाला लेखन न करें</li>
<li>ऐसे शब्द या वाक्यों के प्रयोग से बचना चाहिये जिनका एक से ज्यादा अर्थ निकलता हो क्योंकि इससे पाठक भ्रमित (कन्फ्यूज़) हो जाते हैं</li>
<li>अपने लेखन में अपनी बात अति संक्षिप्त रूप में या संक्षेप में भी न कहें</li>
<li>ऐसी भाषा का प्रयोग करें जो विश्वास योग्य हो। अविश्वसनीय और अतिशयोक्ति वाक्यों से बचें।</li>
<li>अपने लेखन में दोहराव से बचना चाहिए</li>
</ul>
<br />
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</script><br /><h3 id="publish" style="text-align: left;">लिखा हुआ कहां प्रकाशित करें?</h3><br />प्रत्येक लेखक के मन में यह सवाल अवश्य आता होगा। कि उसने जिस लेख को लिखने में इतनी मेहनत की है। उसे वह कहां प्रकाशित (पब्लिश) करें? क्योंकि यदि आपका लिखा हुआ लेख आपके अलावा किसी दूसरे व्यक्ति के पास नहीं पहुंचा। तो वह कहीं ना कहीं महत्वहीन हो जाएगा।<br /><br />क्योंकि आपकी नवीन रचना सदैव ही किसी नवीन जानकारी या आविष्कार की ओर इंगित करती है। ऐसे में यदि वह महत्वपूर्ण जानकारी दूसरों तक नहीं पहुंचती है। तो कहीं ना कहीं इस वजह से लिखने वाले के मन में भी निराशा उत्पन्न होने लगती है।<br /><br />इसलिए आवश्यक है कि आपने जो लिखा है उसे मीडिया के माध्यम से दूसरों तक पहुंचाया जा सके। साथ ही उसपर अन्य लोगों की प्रतिक्रिया भी आपको प्राप्त हो सके। जिससे आप आगे लिखने के लिए प्रेरित हो सकेंगे।<br /><br />मीडिया के तौर पर वर्तमान समय में आपके समक्ष अखबार, पत्र पत्रिकाएं, वेबसाइट्स, सोशल मीडिया आदि अनेकों माध्यम मौजूद है। जहां उचित प्रक्रिया के पश्चात् आप अपने लेख को पब्लिश करवा सकते हैं। जिसके बाद आपके लेख की प्रसिद्धि आपको एक श्रेष्ठ लेखक बनाने के लिए प्रेरित करती है।<br /><br /><h3 id="conclusion" style="text-align: left;">अंतिम बात (निष्कर्ष)</h3><br />इसके अतिरिक्त, एक श्रेष्ठ लेखक बनने के लिए आपको अपनी लेखन शैली में स्पष्टता, नवीन विचारों की अधिकता, तथ्यों की जानकारी, उपयोगी शब्दावली, संक्षिप्तता और उचित शब्दों का चयन आदि पर विशेष ध्यान देना होता है। तभी आप एक प्रभावी लेख लिखने में सफल हो सकेंगे।<br /><br />जिस प्रकार से, एक डॉक्टर मरीज के रोग को जानकर उसे अपनी औषधि देकर ठीक करता है। ठीक उसी प्रकार से, एक लेखक को भी लिखते समय लेखन संबंधी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ताकि पाठकों के लिए उसके लेख की उपयोगिता बनी रहे।<br /><br />ऐसे में हम कह सकते हैं कि पाठकों की निश्चिंतता ही किसी व्यक्ति को एक श्रेष्ठ लेखक बनाती है। साथ ही वर्तमान समय में कई सारे महाविद्यालय लेखन संबंधी कोर्स संचालित करते हैं। जिसे करके आप एक Professional Writer बन सकते है।<br /><br />साथ ही जिन संस्थानों और क्षेत्रों में अच्छा लिखने वालों की आवश्यकता होती है। उनके लिए बतौर लेखक आप लेखन कार्य कर सकते है। जिसके लिए आपको भुगतान भी किया जाता है।<br /><br />वर्तमान समय में, लेखन का कार्य किसी भी लेखक के लिए आमदनी का अच्छा जरिया हो सकता है। जिसके लिए आपको अपनी लेखन क्षमता को विकसित करने की जरूरत है। तभी आप एक अच्छे लेखक के रूप में सफल हो सकते हैं।<br /><br />उम्मीद है हमारे इस लेख के माध्यम से आपको एक श्रेष्ठ लेखक बनने के लिए आवश्यक कारकों की जानकारी निश्चित रूप से हो गई होगी।</li></ul>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-76262984678351728622020-10-04T20:26:00.007+05:302021-05-26T13:22:01.409+05:30संघर्ष में मजदूरों के जोशीले सदाबहार नारे<a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjU0CVCaPWByk8ipVmmzr4SWWCOH0ppFeOzGT2gkwzB1RqsASFJlVeEEIanaZii7OWO6FuB_Hc4q533luGO5W1uQdIWlp_1UM3a92L21S6aXdQvvaZ7DbqY8sYNuSQh2Q6_CN7oJx6uS3UZ/s640/strike-slogans-fight.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Communist Labour Demonstration Slogans" border="0" data-original-height="336" data-original-width="640" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjU0CVCaPWByk8ipVmmzr4SWWCOH0ppFeOzGT2gkwzB1RqsASFJlVeEEIanaZii7OWO6FuB_Hc4q533luGO5W1uQdIWlp_1UM3a92L21S6aXdQvvaZ7DbqY8sYNuSQh2Q6_CN7oJx6uS3UZ/s16000/strike-slogans-fight.webp" title="Communist Labour Demonstration Slogans" /></a><br /><br />भारत में वर्ष 1925 में कम्यूनिस्ट पार्टी की स्थापना हुई थी। इसकी स्थापना के बाद से भारत में मजदूरों के बेहतर कामकाजी स्थिति के लिये बहुत सारे धरने-प्रदर्शन किये गये और संघर्ष किये गये। गरीब किसान और खेत मजदूरों को शोषण से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें संगठित करने में बहुत से आंदोलन किये गये।<br /><br />धरने-प्रदर्शन, हड़तालों, आन्दोलनों और जलुसों में बहुत से <b>जोशीले नारे</b> लगाये जाते रहे । हम ने बचपन से बड़े होने तक देश में तमाम तरह के ऐसे नारे सुने हैं जो कि कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोग लगाया करते हैं। कुछ नारे तो ऐसे हैं कि अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता भी लगा देते हैं।<br /><br />जोशीले नारे गढ़ने में वाम दलों को महारत हासिल रही है। इनके नारों की आक्रामकता को दूसरे दलों ने भी स्वीकारा और उन्होंने भी इसी तर्ज को अपनाया। यूं तो ये नारे अंग्रेजी समेत भारत की तमाम भाषाओं में रहे हैं पर हम यहां पर हिंदी भाषा में लगाये जाने वाले नारों की ही बात करेंगे।<br /><br />यहां पर हम ऐसे ही कुछ मजदुरी हड़ताल या फिर अन्य प्रकार के धरने-प्रदर्शनों में लगने वालो नारों के देखेंगे।
<br />
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<br /><h3 style="text-align: left;">मजदूरों के संघर्ष में लगाये जाने वाले जोशीले सदाबहार नारे</h3><br /><ol><li><b>जनता जिन्दाबाद</b> - आमतौर पर प्रयोग होने वाला नारा या कथन जिससे ये अहसास होता है कि जनता ही सर्वोच्च है। लोकतंत्र में तो वैसे भी जनता का फैसला ही माना जाता है। लेकिन इन नारों के द्वारा ये संदेश भी दिया जाता है कि जनता तो हमारे (आन्दोलन वालों के) साथ है।</li><li><b>यह आजादी झूठी है, देश की जनता भूखी है</b> - ये नारा कम्यूनिस्टों द्वारा भारत की आजादी के तुरंत बाद लगाया जाता था और आन्दोलन भी किया गया लेकिन इससे जनता इस पार्टी से दूर हो गई और इस नारे की वजह से नुकसान ही हुआ।</li><li><b>इंकलाब जिंदाबाद</b> - ये नारा समाजवादी, कम्यूनिस्ट विचारधारा का सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली नारा है। क्योंकि इस नारे को भगत सिहं इत्यादि क्रांतिकारियों ने भी प्रयोग किया था इसलिये जनता में भी ये बहुत मान्य है।</li><li><b>हर जोर-जुल्म की टक्कर में, संघर्ष हमारा नारा है</b> - यह एक सबसे ज्यादा प्रचलित नारों में से एक है। लोग कहते हैं कि अगर यह नारा न होता तो दुनिया के आधे संघर्ष शुरू होते ही खतम हो जाते। इस नारे को लगाते समय लोग उनके हर काम को संघर्ष की तरह लेते हैं। विरोध प्रदर्शनों का ये एक आमतौर पर सुनाई देने वाला नारा है।</li><li><b>दुनिया के मजदूरों एक हो</b> - ये कम्यूनिस्टों का पूरी दुनिया में लगाया जाने वाला नारा है।</li><li><b>मजदूर एकता, जिन्दाबाद</b> - एक आम नारा जो हर प्रबंधन विरोधी प्रदर्शन में मजदूर लगाते हैं।</li><li><b>चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगे पूरी हों</b> - हर प्रदर्शन में लगने वाला नारा जिमसें हर हाल में अपनी मांग पूरी करने पर जोर दिया जाता है।</li><li><b>सिहासन खाली करो कि जनता आती है</b> - ये नारा एक राजनैतिक नारा है जिसमें सत्ता के सिंहासन पर बैठा व्यक्ति निरंकुश और अत्याचारी है और वामपंथियों के नेतृत्व में जनता अपना शासन चाहती है। वैसे जनता के नाम पर जहां भी एक बार वामपंथी या कम्यूनिस्ट विचारधारा के लोग अगर शासन में आ जाते हैं वहां पर जनता फिर किसी दूसरे शासन को नहीं देख पाती है, ये हमेशा के लिये सत्ता पर बैठ जाते हैं। ये रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियाँ हैं।</li><li><b>तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी</b> - मजदूरों और आम विरोध प्रदर्शनों का नारा</li><li><b>आवाज दो हम एक हैं</b> - आंदोलनकारियों में एकता बनाये रखने के लिये लगने वाला नारा</li><li><b>हल्ला बोल, हल्ला बोल</b> - विरोध प्रदर्शनों का ये एक आमतौर पर सुनाई देने वाला नारा है। </li><li><b>अभी तो अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है </b> - विरोध प्रदर्शनों का ये एक आमतौर पर सुनाई देने वाला नारा है। इस नारे के माध्यम से आंदोलनकारियों को अपना मनोबल बनाये रखने का आव्हान रहता है।</li><br />
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<script>
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</script>
<br /><li><b>XXXX मुर्दाबाद, मुर्दाबाद</b> - किसी कपंनी के प्रबंधन या फिर किसी राजनैतिक पद वाले व्यक्ति के खिलाफ नारेबाजी</li><li><b>जो हम से टकरायेगा, चूर चूर हो जायेगा</b> - किसी कपंनी के प्रबंधन या फिर किसी राजनैतिक पद वाले व्यक्ति के खिलाफ नारेबाजी</li><li><b>बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे</b> - हाल के दिनों में वाम समर्थित प्रदर्शनों में पोस्टरों पर लिखा जाने वाला नारा</li><li><b>हमें चाहिये आजादी</b> - ये भी हाल के दिनों में वाम समर्थित प्रदर्शनों में पोस्टरों पर लिखा जाने वाला बहुत ही विवादास्पद नारा है। विरोधी इसको विघटनकारी मानते हैं और समर्थक इसको अन्याय के खिलाफ नारा।</li></ol><br />इसके अलावा भी कई अलग-अलग तरह के नारे हैं जो कि तमाम विरोध प्रदर्शनों में लगाये जाते हैं। यदि आपको भी कोई ऐसा ही रोचक नारा याद आ रहा हो तो नीचे के टिप्पणी कक्ष (कमेंट बॉक्स) में बतायें।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-33775954401980989502020-09-28T11:55:00.007+05:302021-06-04T11:58:32.776+05:30हिंदी कहानी - समस्या का समाधान<h2 style="text-align: left;"><span>हिंदी कहानी - समस्या का समाधान</span></h2> <i>अतिथि ब्लॉग पोस्ट</i> <br /><div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjU2DdZIvq1czU3c6rDpS29gxHU3Fezqp1oOiVb5HKEgaW6uPu_W4PDLJ1BnrHpM9LFEMMwH1Vy0qo_dbowZVQ79MpCeUvGTJFUGUyOCFcSWjcyl9bvn5G40s3j-YuI-9C0Tm0LvY7aY3ok/s0/hindi-story-samasya-ka-samadhan.webp" style="display: block; padding: 1em 0px; text-align: center;"><img alt="Hindi story Kahani samasya ka samadhan" border="0" data-original-height="282" data-original-width="598" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjU2DdZIvq1czU3c6rDpS29gxHU3Fezqp1oOiVb5HKEgaW6uPu_W4PDLJ1BnrHpM9LFEMMwH1Vy0qo_dbowZVQ79MpCeUvGTJFUGUyOCFcSWjcyl9bvn5G40s3j-YuI-9C0Tm0LvY7aY3ok/s16000/hindi-story-samasya-ka-samadhan.webp" title="Hindi story Kahani samasya ka samadhan" loading="lazy"/></a></div><br />यह कहानी एक गुरु जी और उनके शिष्य की जोड़ी की है। यह साधु महात्मा एक शहर से दूसरे शहर घुमा करते थे।<br />और गुरु जी जो थे वह बहुत सारे लोगों के कष्टों का निवारण करते थे। अब शिष्य जो था उनके साथ उनकी सेवा करता और गुरु जी के साथ हमेशा उनकी सहायता और मदद करता था।<br /><br /> अब यह साधु और शिष्य की जोड़ी यह दोनों एक शहर पहुंचे वहां पर यह साधु जी का 2 दिन का सत्संग कार्यक्रम था और उन्हें वह शहर पर वहां रुकना था जब वहां पर 2 दिन का सत्संग खत्म हो गया तो अगली सुबह दुसरे शहर के लिए रवाना होना था।<br /><br />परंतु ना ही उस शहर में वे किसी को जानते थे ना ही किसी को पहचानते थे। तो उस शहर पर उन्हें वहां पर खाने और रुकने की एक समस्या थी। तभी शिष्य ने अपने गुरु जी से कहा, "गुरु जी आज की रात या तो मंदिर की सीढ़ियों पर बितानी होगी" या किसी बगीचे या रास्ते में पर ही आज की रात बितानी होगी।<br /><br />इस बात पर साधु ने शिष्य से कहा, ऐसा बिल्कुल नहीं होगा अच्छे काम के लिए निकले हैं तो ऊपरवाला ध्यान जरूर रखेगा। उन्होंने अपने शिष्य सेे कहा की आज आराम से खाना खाने को भी मिलेगा और आराम से रहने के लिए एक अच्छी जगह भी मिलेगा। <br /><br />
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<br /><br />फिर साधु जिस रास्ते पर से पैदल जा रहे थे उसी रास्ते के किनारे एक बगीचा था वहां पर जाकर वो ध्यान मुद्रा में बैठ गए और कुछ देर बाद उठे और चलने लगे। और शिष्य भी उनके पीछे हो लिया।<br /><br />कुछ देर बाद साधु महात्मा एक होटल के पास जाकर रुके और देखा तो वहां पर सूट में एकदम तैयार होटल का मैनेजर खड़ा हुआ था। मानो जैसे कि होटल का मैनेजर दोनों का स्वागत करने के लिए होटल के सामने खड़े हुए हैं<br /><br />तब मैनेजर ने साधु महात्मा जी से कहा, ऐसा लगता है कि आप सफर करके आए हैं और इस शहर में किसी को जानते तक नहीं आप जैसे महापुरुषों के लिए आपके सत्कार के लिए एक विशेष व्यवस्था हमारे होटल में रहती है।<br /><br />कृपया करके यदि आपकी इच्छा हो तो आप हमारे होटल में रुक सकते हैं, तो वह साधु और शिष्य उस होटल में रुक गए। और वहां के मैनेजर ने साधु महात्मा जी से कहा कि आप सबसे पहले भोजन कर लें। तो यह सब कुछ देखकर और सुनकर शिष्य चौंक जाता है।<br /><br />उसे विश्वास नहीं हो रहा था उसे लगा कि मेरे गुरु जी को यह सब कैसे पता। अगली सुबह जब वे जिस स्थान पर पहुंचने वाले थे वह वहां पर पहुंच गए। और वहा पर पांच दिवसीय सत्संग था जिसके लिए बहुत सारे लोग भी आए थे। और वह सत्संग शुरू हो गया।
<br/><br />
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<br/><br />साधु महात्मा जी को प्रवचन सुनते और लोगों के कष्टों को दूर करते हुए 2 दिन समाप्त हो गए। तीसरे दिन सुबह एक महिला यह गुरुजी के पास आ पहुंची उसने कहा कि गुरु जी आप के प्रवचन सुनने से मुझे बहुत बल मिलता है लेकिन मैं यह शिविर छोड़ रही हूं।<br/><br/>मैं यहां शिविर में कल से नहीं आऊंगी। साधु ने ध्यान से उसकी बातों को सुना और फिर कहा, उसका कारण क्या है कि तुम आगे का प्रवचन सुनना नहीं चाहती हो?<br/><br/>>तब महिला ने बताया कि आपके प्रवचन के बाद जो समय होता है उसमें ध्यान में बैठना होता है और मैं ध्यान में नहीं बैठ पाती, उस जगह में या तो कोई पैर पसार के बैठा होता है या फिर कोई अपने मोबाइल फोन में बतिया रहा होता है।<br/><br/>ऐसे में ध्यान में कैसे बैठा जाए? गुरुजी ने ध्यान से बातें सुनी और फिर उस महिला से गुरूजी ने कहा कोई बात नहीं कल से शिविर नहीं आना तुम। लेकिन तुम्हें एक क्रिया खत्म करके जाना होगा। और गुरुजी ने कहा उस महिला से कहा कि तुम्हें एक लोटे में बिल्कुल ऊपर तक भरा हुआ पानी लेना होगा और यह जो मंदिर है उसकी चारों ओर 5 चक्कर लगानी होगी।<br/><br/>लेकिन ध्यान इतना रहे कि लोटे में से एक बूंद भी पानी बाहर ना गिरे। जैसा गुरु जी ने कहा था बिल्कुल वैसा खत्म करके महिला गुरुजी के पास पहुंची। गुरुजी ने देखा कि लोटे में पानी हिला तक नहीं था तो गुरु जी ने महिला से पूछा, जब तुम मंदिर के चक्कर लगा रही थी। तो क्या तुम्हें कोई शोरगुल सुनाई दिया या फिर कोई मोबाइल फोन पर बतियाता रहा, या कोई पैर पसार कर बैठा हो, वह दिखाई पड़ा। तब महिला ने सर झुकाते हुए कहा, नहीं गुरु जी मुझे कुछ भी ऐसा ना दिखाई दिया ना ही सुनाई दिया।<br /><br />
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<br /><br />तब गुरुजी ने कहा कि बेटी तुम्हारा सारा का सारा ध्यान इस एक लोटे के पानी पर केंद्रित था। वैसे ही तुम उस सत्संग के खत्म होने के बाद जब ध्यान के लिए बोला जाता है तो तुम बिल्कुल ऐसे ही लोटे के पानी की तरह ध्यान को केंद्रित किया करो।<br/><br/>अर्थात जैसा कि कहा जाता है आज की दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण जरूरी बात है जो यह है कि अगर सफल होना है तो समस्या पर नहीं समाधान पर ध्यान केंद्रित करिए।<br/><br/>>लेकिन आज कल की दुनिया में होता यह है कि ना ही किसी को सच्चाई की सलाह सुननी है और ना ही किसी को धोखे की तारीफ, परंतु हर कोई एक दूसरे को बस यही दोनों चीजें सुनाते रहते हैं और तारीफ के झूठे धोखे में लिपट कर अपने आप पर घमंड करके चारों ओर घूमते रहते हैं।<br/><br/>यह कहानी आपको कैसी लगी कृपया कर कमेंट में बताएं, और यदि आपको यह कहानी पसंद आई तो कृपया आप इसे अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ साझा करें और भी इसी तरह की बहुत सी अन्य <a href="https://motivestory.in/short-motivational-stories-with-moral/" target="_blank">short motivational story, मोरल स्टोरी</a> पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें । धन्यवाद। Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-24877688272377677442020-09-22T10:00:00.005+05:302021-06-04T11:57:01.503+05:30भारत की कंपनियों के नामों की फुल फार्म<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgMuDrku83rNGAwfhYiavXTT9G6d5IZU9r3AuaMOTQY2ESnzGKCU25LtzwKq2FJXNUZkRJTQUu9o8w6h8Cysy0KV5d-QlOk7BpCWomRNIEjatliNj3MoxVl6dd6O1Ft-BzB5OIVxlkt9F13/s522/company-name-full-form.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Company name full form in Hindi" border="0" data-original-height="384" data-original-width="522" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgMuDrku83rNGAwfhYiavXTT9G6d5IZU9r3AuaMOTQY2ESnzGKCU25LtzwKq2FJXNUZkRJTQUu9o8w6h8Cysy0KV5d-QlOk7BpCWomRNIEjatliNj3MoxVl6dd6O1Ft-BzB5OIVxlkt9F13/s16000/company-name-full-form.webp" title="Company name full form in Hindi" /></a></div><br /><br />Company Name Full Form in Hindi : भारत में कंपनियों के पंजीकरण के लिये कंपनी रजिस्ट्रार कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पंजीकृत करता है। कई कंपनिया अपने पूरे नाम से पंजीकरण करती हैं और बाद में उनका छोटा नाम (Acronym) जो कि पूरे नाम के पहले अक्षरों से मिलकर बना होता है, प्रसिद्ध हो जाता है।<br /><br />कई बार कंपनियां अपने छोटे नाम की प्रसिद्धि के बाद छोटे Acronym वाले नाम से ही कंपनी का नाम बदल कर नवीन पंजीकरण करवा लेती हैं।<br /><br />भारत में काम करने वाली ऐसी ही कुछ कंपनियों के प्रसिद्ध छोटे नामों के पीछे उनके पूरे नाम की सूची (list of Full Form of Company names) यहां पर हमने बनाई है। वैसे ये बताना जरूरी रहेगा कि भारत में पंजीकृत कंपनियां आमतौर पर अंग्रेजी भाषा में ही अपने नाम रखती हैं।<br /><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">भारत की कंपनियों के प्रसिद्ध छोटे नामों पूरे नाम की सूची</h2><br /><ul style="text-align: left;"><li><b>AIASL</b> - Air India Airport Services Limited एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड</li><li><b>ALIMCO</b> - Artificial Limbs Manufacturing Corporation of India भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम</li><li><b>AMUL</b> - Anand Milk Union Limited आनन्द मिल्क यूनियन लिमिटेड</li><li><b>APEPDCL</b> - Eastern Power Distribution Company of Andhra Pradesh Limited ईस्टर्न पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ऑफ आन्ध्रा प्रदेश लिमिटेड</li><li><b>APPCL</b> - Aravali Power Company Pvt. Ltd. अरावली पॉवर कंपनी लिमिटेड</li><li><b>APPCPL</b> - Arunachal Pradesh Power Corporation Private Limited अरूणाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड</li><li><b>APPCL</b> - Assam Power Production Company Limited आसाम पॉवर प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड</li><li><b>APSFC</b> - Andhra Pradesh State Financial Corporation आंध्रा प्रदेश स्टेट फाइनेंशियल कॉरपोरेशन</li><li><b>AYCL</b> - Andrew Yule & Co. Ltd एण्ड्रू यूल एंड कंपनी लिमिटेड</li><li><b>BECIL</b> - Broadcast Engineering Consultants India Limited प्रसारण इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड</li><li><b>BEL</b> - Bharat Electronics Limited भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड</li><li><b>BEML</b> - Bharat Earth Movers Limited भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड बीईएमएल लिमिटेड</li><li><b>BFSL</b> - BOB Financial Solutions Limited बॉब फाइनेंशियल सोल्यूशन्स लिमिटेड</li><li><b>BHEL</b> - Bharat Heavy Electrical Limited भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड</li><li><b>BMW</b> - Bayerische Motoren Werke बायरिच मोटोरेन वर्क</li><li><b>BPL</b> - British Physical Laboratories ब्रिटिश फिजीकल लैबोरेटरीज</li><li><b>BSNL</b> - Bharat Sanchar Nigam Limited भारत संचार निगम लिमिटेड</li><li><b>CCL</b> - Central Coalfields Limited सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड</li><li><b>CEAT</b> - Cavi Elettrici E Affini Torino कावि इलेटरिसी इ अफीनी टोरीनो</li><li><b>CIL</b> - Coal India Limited कोल इण्डिया लिमिटेड</li><li><b>CIPLA</b> - The Chemical, Industrial & Pharmaceutical Laboratories द केमिकल, इण्डस्ट्रियल एण्ड फार्मासियूटिकल लैबोरेटोरीज</li><li><b>CISCO</b> - Computer Information System Company कंप्यूटर इन्फोरमेशन सिस्टम कंपनी</li><li><b>CNBC</b> - Consumer News and Business Channel कंज्यूमर न्यूज एण्ड बिजनेस चैनल</li><li><b>COMPAQ</b> - Compatibility and Quality कोम्पैटिबिल्टी एण्ड क्वालिटी</li><li><b>CPCL</b> - Chennai Petroleum Corporation Limited सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड</li><li><b>CSL</b> - Cochin Shipyard Limited (CSL) कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड</li><br/><br />
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<br/><li><b>DABUR</b> - Doctor Burman (Pronounce Daktar Burman) डॉक्टर बर्मन</li><li><b>DENA</b> (Bank) - Devkaran Nanjee Bank देवकरन नन्जी बैंक</li><li><b>DFCCIL</b> - Dedicated Freight Corridor Corporation of India Limited डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कार्पोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड</li><li><b>DHBVN</b> -Dakshin Haryana Bijli Vitran Nigam दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम</li><li><b>DHFL</b> - Dewan Housing Finance Corporation Limited दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>DLF</b> - Delhi Land & Finance देहली लैंड एंड फाइनेंस</li><li><b>DOCOMO</b> - Do Communication Over Mobile Network डू कम्यूनिकेशन ओवर मोबाइल नेटवर्क</li><li><b>EBAY</b> - Echo Boay इको बॉय</li><li><b>ECIL</b> -Electronics Corporation of India Limited इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड</li><li><b>EIL</b> - Engineers India Limited इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड</li><li><b>ETV</b> - Eenadu Television ईनाडु टेलीविजन</li><li><b>EXIDE</b> - Excellent Oxide एक्सीलेंट ऑक्साइड</li><li><b>EXIM</b> - Export-Import Bank of India इंडिया एक्ज़िम बैंक</li><li><b>FACT</b> - Fertilisers And Chemicals Travancore Ltd. दि फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स ट्रावनकोर लिमिटेड</li><li><b>GAIL</b> - Gas Authority India Limited गैस अथारिटी इंडिया लिमिटेड</li><li><b>GIC</b> - General Insurance Corporation of India भारतीय साधारण बीमा निगम</li><li><b>GMR</b> - Grandhi Mallikarjuna Rao ग्रांधी मल्लीकार्जुन राव</li><li><b>GRASIM</b> - Gwalior Rayon & Silk Mills ग्वालियर रेयान एंड सिल्क मिल्स</li><li>GRSE - Garden Reach Shipbuilders & Engineers Limited गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड</li><li><b>HAL</b> - Hindustan Aeronautics Limited (HAL) हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड</li><li><b>HARTRON</b> - Hartron Informatics Limited हरियाणा इन्फोर्मेटिक्स लिमिटेड</li><li><b>HCL</b> - Hindustan Computer Limited हिन्दुस्तान कंप्यूटर लिमिटेड</li><li><b>HCL</b> - Hindustan Copper Limited हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड</li><li><b>HDFC - Housing Development Finance Corporation हाउसिंग डवलपमेंट फाईनेंस कॉरपोरेशन</b></li><li><b>HDIL</b> - Housing Development and Infrastructure Limited हाउसिंग डवलपमेंट एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड</li><li><b>HII </b>- Huntington Ingalls Industries हंटिंगटन इंगाल्स इंडस्ट्रीज</li><li><b>HIL</b> - Hindustan Insecticides Limited हिन्दुस्तान कीटनाशक लिमिटेड</li><li><b>HIL</b> - Hyderabad Industries Limited हैदराबाद इंडस्ट्रीज लिमिटेड</li><li><b>HMT</b> - Hindustan Machine Tools हिंदुस्तान मशीन टूल्स</li><li><b>HP</b> - Hewlett Packard हैलट पैकार्ड</li><li><b>HP</b> - Hindustan Petroleum हिंदुस्तान पेट्रोलियम</li><li><b>HPCL</b> - Hindustan Petroleum Corporation Limited हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>HRRL</b> - HPCL Rajasthan Refinery Ltd. एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड</li><li><b>HSDIIC</b> - Haryana State Industrial & Infrastructure Development Corporation Limited हरियाणा राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड</li><li><b>HSL</b> - Hindustan Shipyard Limited हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड</li><li><b>HVPN</b> -Haryana Vidhyut Prasaran Nigam Limited हरियाण विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड</li><li><b>IBN</b> - Indian Broadcasting Network इंडियन ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क</li><li><b>ICICI</b> - Industrial Credit and Investment Corporation of India इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया</li><li><b>IDBI </b>- Industrial Development Bank of India इंडस्ट्रियल डवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया</li><li><b>IFB</b> - Indian Fine Blanks Limited इंडियन फाइन ब्लैंक्स लिमिटेड</li><li><b>IFFCO</b> - Indian Farmers Fertiliser Cooperative Limited इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड</li><li><b>IIFCL</b> - India Infrastructure Finance Company Limited इंडिया इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड</li><li><b>IIFL</b> - India Infoline Finance Limited इंडिया इन्फोलाइन फाइनेंस लिमिटेड</li><li><b>IL&FS</b> - Infrastructure Leasing & Financial Services इंफ्रास्टक्चर लीजिंग एवं फाइनेंशियल सर्विसेज</li><li><b>INFOSYS</b> - Information Systems इन्फोर्मेशन सिस्टम्स</li><li><b>IOCL</b> - Indian Oil Corporation Limited (IOCL) इडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>IRCON</b> - Indian Railway Construction Limited भारतीय रेलवे निर्माण निगम लिमिटेड</li><li><b>IRCTC</b> - Indian Railway Catering and Tourism Corporation इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>ITC</b> - Imperial Tobacco Company इम्पीरियल टोबैको कंपनी</li><li><b>ITDC</b> - India Tourism Development Corporation Limited भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड</li><li><b>ITI</b> - Indian Telephone Industries Limited इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज लिमिटेड</li><li><b>JMRC</b> - Jaipur Metro Rail Corporation Ltd. जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>JSW</b> - Jindal South West Group जिंदल साउथ वेस्ट ग्रुप</li><li><b>KEI</b> - Krishna Electrical Industries कृष्णा इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज</li><li><b>KRBL</b> - Khushi Ram Behari Lal खुशी राम बिहारी लाल</li><li><b>L&T</b> - Larsen & Toubro Limited लारसन एंड टुब्रो लिमिटेड</li><li><b>LG</b> - Lucky Goldstar (Life's Good) लकी गोल्डस्टार</li><li><b>LIC</b> - Life Insurance Corporation लाइफ इंश्योरेंस कार्पोरेशन</li><li><b>LIC</b> - Life Insurance Corporation of India भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड</li><li><b>LML</b> - Lohia Machines Limited लोहिया मशीन्स लिमिटेड</li><li><b>MDH</b> - Mahashian Di Hatti महाशियां दी हट्टी</li><li><b>MDNL</b> - Mishra Dhatu Nigam Ltd. मिश्र धातु निगम लिमिटेड</li><li><b>MECL</b> - Mineral Exploration Corporation Limited मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>MFL</b> - Madras Fertilizers Limited मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड</li><li><b>MMRCL</b> - Mumbai Metro Rail Corporation Limited मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>MOIL</b> - Manganese Ore India Limited मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड</li><li><b>MRF</b> - Madras Rubber Factory मद्रास रबड़ फैक्टरी</li><li><b>MRPL</b> - Mangalore Refinery and Petrochemicals Limited मैगलौर रिफािनरी एंड पेटेरोकेमिकल्स लिमिटेड</li><li><b>MSPGCL</b> - Maharashtra State Power Generation Company Limited (MahaGenco) महाराष्ट्र राज्य पॉवर उत्पादन निगम लिमिटेड</li><li><b>MTNL</b> - Mahanagar Telephone Nigam Limited महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड</li><li><b>NABARD</b> - National Bank for Agriculture and Rural Development राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक</li><li><b>NALCO</b> - National Aluminium Company Limited नेशनल अल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड</li><li><b>NBCC</b> - National Buildings Construction Corporation Ltd. नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>NCL</b> - Northern Coalfield Limited नोर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड</li><li><b>NDTV</b> - New Delhi Television न्यू देहली टेलीविजन</li><li><b>NFL</b> - National Fertilizers Limited नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड</li><li><b>NHB </b>- National Housing Bank नेशनल हाउसिंग बैंक</li><li><b>NHPC</b> - National Hydroelectric Power Corporation Limited नेशनल हाईड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>NIIT</b> - National Institute of Information Technology नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलोजी</li><li><b>NLC </b>- NLC India Limited (Formerly Neyveli Lignite Corporation) नेवेली लिगनाइट लिमिटेड</li><li><b>NMDC</b> - National Mineral Development Corporation नेशनल मिनरल डेवेलपमेंट कारपोरेशन</li><li><b>NMRCL</b> - Noida Metro Rail Corporation नोयडा मेट्रो रेल कारपोरेशन</li><li><b>NPCC</b> - National Projects Construction Corporation Limited नेशनल प्रोजेक्ट्स कंसट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>NSIL</b> - NewSpace India Limited न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड</li><li><b>NTPC</b> - National Thermal Power Corporation नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन</li><li><b>OMC</b> - Odisha Mining Corporation Limited ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>ONGC</b> - Oil and Natual Gas Corporation ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>OPaL</b> - ONGC Petro Additions Limited ओएनजीसी पेट्रो एडीशन्स लिमिटेड</li><li><b>OYO</b> - On Your Own Rooms ऑन योअर ओन रूम्स</li><li><b>PayTM</b> - Pay Thru Mobile पे थ्रू मोबाइल</li><li><b>PCJ</b> - Padam Chand Jewellers पदम चंद ज्वैलर</li><li><b>PGCIL</b> - Power Grid Corporation of India Limited पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड</li><li><b>PNB</b> - Punjab National Bank पंजाब नेशनल बैंक</li><li><b>PPCL</b> - Pragati Power Corporation Limited प्रगति पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>PSPCL</b> - Punjab State Power Corporation Limited पंजाब राज्य पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>PVR</b> - Priya Village Roadshow Limited प्रिया विलेज रोड शो लिमिटेड</li><li><b>RANBAXY</b> - Randhirsinh Gurubax रन्धीरसिंह गुरूबक्स</li><li><b>RBL</b> (Bank) - Ratnakar Bank Limited रत्नाकर बैंक लिमिटेड</li><li><b>RCFL</b> - Rashtriya Chemicals and Fertilizers Limited राष्ट्रीय केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड</li><li><b>RGPPL</b> - Ratnagiri Gas and Power Private Limited रत्नागिरी गैस एण्ड पॉवर प्राइवेट लिमिटेड</li><li><b>RINL</b> - Rashtriya Ispat Nigam Limited राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड</li><li><b>RITES</b> Limited - Rail India Technical and Economic Service रेल इंडिया टेक्नीकल एण्ड इकोनोमिक सर्विस</li><li><b>RPG</b> - Rama Prasad Goenka राम प्रसाद गोयनका</li><li><b>SAIL</b> - Steel Authority of India Limited स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड</li><br /><br />
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<br /><li><b>SBI</b> - State Bank f India भारतीय स्टेट बैंक</li><li><b>SCIL</b> - Shipping Corporation of India Limited भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड</li><li><b>SEBI</b> - Security and Exchange Board भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड</li><li><b>SIDBI</b> - Small Industries Development Bank of India भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक</li><li><b>SJVN</b> - Satluj Jal Vidyut Nigam Limited सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड</li><li><b>SPMCIL</b> - Security Printing and Minting Corporation of India Limited भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड</li><li><b>SYSKA</b> - Shree Sant Kripa Group श्री संत कृपा ग्रुप</li><li><b>TAFE</b> - Tractors and Farm Equipment Limited ट्रैक्टर्स एण्ड फार्म इक्विपमेंट लिमिटेड</li><li><b>TCI</b> - Transport Corporation of India ट्रांस्पोर्ट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया</li><li><b>TCIL</b> - Telecommunications Consultants India Ltd. टेलीकम्यूनिकेशन कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड</li><li><b>TCS</b> - Tata Consultancy Service टाटा कंसल्टेंसी सर्विस</li><li><b>TELCO</b> - Tata Engineering and Locomotive Company टाटा इंजीनियरिंग एण्ड लोकोमोटिव कंपनी</li><li><b>THDC</b> - Tehri Hydro Development Corporation Limited टेहरी हाइड्रो डेवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>TISCO</b> - Tata Iron and Steel Company टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी</li><li><b>TNPL</b> - Tamil Nadu Newsprint and Paper Limited तमिलनाडु न्यूज प्रिंट एण्ड पेपर लिमिटेड</li><li><b>TOI</b> - Times of India टॉइम्स ऑफ इंडिया</li><li><b>TSECL</b> - Tripura State Electricity Corporation Limited त्रिपुरा राज्य इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>TSSPDCL</b> -Southern Power Distribution Company of Telangana Limited साउदर्न पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ऑफ तेलंगाना लिमिटेड</li><li><b>TVS</b> - Thirukkurungudi Vengaram Sundaram Iyengar थिरूक्कुरूंगुडी वेंगरम अयंगर</li><li><b>UCO</b> (Bank) - United Comercial Bank Limited यूनाईटेड कोमर्शियल बैंक लिमिटेड</li><li><b>UHBVNL</b> -Uttar Haryana Bijli Vitran Nigam Limited</li><li><b>UPMRC</b> - Uttar Pradesh Metro Rail Corporation Limited उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>UPMSCL</b> - Uttar Pradesh Medical Supplies Corporation Ltd. उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड</li><li><b>UPPCL</b> - Uttar Pradesh Power Corporation Limited उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड</li><li><b>UPRVUNL</b> - Uttar Pradesh (UP) Rajya Vidyut Utpadan Nigam Limited उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत निगम लिमिटेड</li><li><b>UUIC</b> - United India Insurance Company Limited युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेन्स कंपनी लिमिटेड</li><li><b>WIPRO</b> - Western India Palm Refined Oil Limited वेस्टर्न इंडिया पॉम रिफाइन्ड ऑयल लिमिटेड</li></ul>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-5378457194427410472020-09-20T14:24:00.003+05:302021-06-04T12:10:01.611+05:30डोरस्टेप बैंकिंग से बैंक सुविधायें आपके द्वार <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1v0-Y53hnUI-76ftC360QWURZPYDkgXfv6klO6Uvh9FAbQxwVUIpOHbGu7kX_agjWvuGBZbME40j_yZoBKhT5Ysw4NkaDY1EcpIFGrAol19HKfZmwOGiu3zs0n3Hiz6SToyGhHFMLC9cN/s580/doorstep-banking-scheme.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Door Step Banking" border="0" data-original-height="465" data-original-width="580" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1v0-Y53hnUI-76ftC360QWURZPYDkgXfv6klO6Uvh9FAbQxwVUIpOHbGu7kX_agjWvuGBZbME40j_yZoBKhT5Ysw4NkaDY1EcpIFGrAol19HKfZmwOGiu3zs0n3Hiz6SToyGhHFMLC9cN/s16000/doorstep-banking-scheme.webp" title="Doorstep Banking" /></a></div><br /> <br /> डोरस्टेप बैंकिंग क्या है? डोरस्टेप बैंकिंग में आप का बैेक आप के घर पर आकर आपको आपके द्वार पर ही बहुत सारी बैंकिंग सुविधायें प्रदान करता है। <br /><br/>
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<br/><h2 style="text-align: left;">डोरस्टेप बैंकिंग क्या है?</h2><br/>देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 सितंबर, 2020 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks - PSB) द्वारा डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं का शुभारंभ किया है। इस सेवा का उद्देश्य ग्राहकों को उनके डोरस्टेप (द्वार) पर बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करना है।<br/><br/>केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी करके यह कहा है कि EASE (Enhanced Access and Service Excellence) रिफॉर्म्स के एक हिस्से के तौर पर, कॉल सेंटर, वेब पोर्टल या मोबाइल ऐप के सार्वभौमिक टच पॉइंट्स के माध्यम से ग्राहकों को उनके दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए इन डोरस्टेप बैंकिंग सेवाओं की परिकल्पना की गई है।<br/><br/>भारत के लगभग 100 शहरों में घर घर बैंकिंग की इस सुविधा के लिये डोरस्टेप बैंकिंग ऐजेन्ट आपको वित्तीय और गैर-वित्तीय सेवायें प्रदान करेंगे।<br/><br/>अगर आप निजी क्षेत्र के बैंकों के भी ग्राहक हैं तो आप जानते होंगे कि ये बैंक पहले से भी घर-घर बैंकिंग की सुविधायें दे रहे हैं। सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देर से ही सही पर अब नींद से जागे हैं तो हमें इसका स्वागत करना चाहिये।<br/><br/>देखने वाली बात सिर्फ ये ही होगी कि कितनी अच्छी और कब तक ये लोग ग्राहक को डोरस्टेप बैंकिंग की सेवाओं का लाभ दे पाते हैं। हम लोग सरकारी क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों के रवैये से परिचित तो हैं ही।<br/><br/>अच्छा होता यदि इस योजना का नामकरण हिंदी में किया जाता। खैर, भारत में अंग्रेजी में सोचने वालो नौकरशाहों से इतनी उम्मीद रखना ही बेमानी है। <br /><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">डोरस्टेप बैंकिंग सेवा कौन देगा?</h2><br/>भारत के सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के गठबंधन और इसके साथ ही साथ भारत सरकार के डाक विभाग के इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक द्वारा ये डोरस्टेप बैंकिंग की शुरुआत की गई है। इन बैंकों के नाम ये हैं -<br/><ul style="text-align: left;"><li>बैंक ऑफ बड़ौदा</li><li>बैंक ऑफ इंडिया</li><li>बैंक ऑफ महाराष्ट्र</li><li>केनरा बैंक</li><li>सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया</li><li>इंडियन बैंक</li><li>इंडियन ओवरसीज बैंक</li><li>पंजाब नेशनल बैंक</li><li>पंजाब और सिंध बैंक</li><li>भारतीय स्टेट बैंक</li><li>यूको बैंक</li><li>यूनियन बैंक</li><li>इसके अलावा - इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक</li></ul><br/><br/><h2 style="text-align: left;">डोरस्टेप बैंकिंग से क्या सुविधायें मिलती हैं?</h2><br/>डोरस्टेप बैंकिंग में आप का बैंक आप के घर पर आकर आपको ये सारी सुविधायें अभी प्रदान कर रहे हैं। इस योजना के माध्यम से भारत के 100 शहरों में बैंकों के अधिकृत एजेन्ट आपको वित्तीय और गैर वित्तीय सेवायें देंगे। अक्दूबर 2020 माह से आपसे नकद रूपये लेकर बैंक में जमा करना या फिर बैंक से लाकर नकद देने की सुविधा भी शुरू कर दी गई है।<br/><br/>अभी दी जाने वाली गैर वित्तीय बैंकिंग सुविधायें ये हैं -<br/><ul style="text-align: left;"><li>वर्तमान में ग्राहकों के लिए केवल जो सुविधायें उपलब्ध कराई गई हैं उनमें </li><ul><li>नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (चेक/ डिमांड ड्राफ्ट/ पे ऑर्डर आदि) को उठाना</li><li>नई चेक बुक के लिए पर्ची हासिल करना</li><li>15जी/ 15एच फॉर्म को उठाना</li><li>आईटी/ जीएसटी चालान को उठाना</li><li>स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन के लिए अनुरोध</li><li>खाता विवरण के लिए अनुरोध</li><li>गैर-व्यक्तिगत चेक बुक की डिलिवरी</li><li>डिमांड ड्राफ्ट, पे ऑर्डर, टर्म डिपॉजिट रसीद, पावती आदि की डिलिवरी</li><li>जारी किए गए टीडीएस/ फॉर्म 16 सर्टिफिकेट की डिलिवरी</li><li>प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट/ गिफ्ट कार्ड की डिलिवरी आदि शामिल हैं। </li></ul></ul><br />सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के ग्राहक मामूली शुल्क पर इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।<br/><br/>इन सेवाओं से सभी ग्राहकों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को लाभ होगा। उन्हें इन सेवाओं का लाभ उठाने में काफी आसानी होगी।<br/><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">डोरस्टेप बैंकिंग के लिये कहां संपर्क करें?</h2> <br /> यूं तो आमतौर पर डोरस्टेप बैंकिंग की सेवाओं का लाभ उठाने के लिये पर आपको अपने सरकारी बैंक की शाखा में ही संपर्क करना चाहिये।<br/><br/>पर डोरस्टेप बैंकिंग की और अधिक जानकारी के लिये आपको <a href="https://www.psbdsb.in/index.html" rel="nofollow" target="_blank">डोरस्टेप बैंकिंग की अधिकृत वेबसाइट</a> पर जाना चाहिये, जहां पर आपको सब प्रकार की जानकारी मिलेगी और सहायता भी मिलेगी। इस वेबसाइट पर आपको सब प्रकार के प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये हैं और आपके क्षेत्र में कौन कौन से डोरस्टेप बैंकिंग सेवा प्रदाता हैं ये भी मिलेगा।<br/><br/>तो देर किस बात की है? सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की इस नई पहल का स्वागत करिये और डोरस्टेप बैंकिंग की सेवा का लाभ भी उठाईये। Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-25658131886941561732020-09-14T10:49:00.017+05:302021-06-04T11:53:14.488+05:30भारत में गरीबी के कारण और गरीब कैसे बनते हैं?<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0ck4oVVwNQHHl-e1BX5v6-Sf9DQobYjfxdpPDUKew8AqgxeYjWVsPHKWsYVpWd1KvJv8reuU8Dr5sfoGcBPjLcqdxeQNL__cBjIE7C9kXZsbH5QRorWl8c566yLg1gBNOqg5FardDO5FB/s600/poverty-garibi.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Garibi ke karan गरीब कैसे बनें" border="0" data-original-height="348" data-original-width="600" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi0ck4oVVwNQHHl-e1BX5v6-Sf9DQobYjfxdpPDUKew8AqgxeYjWVsPHKWsYVpWd1KvJv8reuU8Dr5sfoGcBPjLcqdxeQNL__cBjIE7C9kXZsbH5QRorWl8c566yLg1gBNOqg5FardDO5FB/s16000/poverty-garibi.webp" title="Garibi ke karan गरीब कैसे बनें" /></a></div><br /><br /> आपने आज तक बहुत से लेख और ब्लॉग पोस्ट पढ़े होंगे कि गरीब से अमीर कैसै बनें? लेकिन कभी आपने ये नहीं पढ़ा होगा कि मध्यम वर्ग से या धनी वर्ग से गरीब कैसे बनें। किन कारणों से आप गरीब बन सकते हैं। जी हां आपने सही पढ़ा कि <b>भारत में गरीब कैसे बनें</b> इस के उपर कभी कोई चर्चा नहीं होती है।<br /><br />लेकिन हम बहुत से ऐसे कारणों को जान गये हैं जिसकी वजह से गरीब लोग अत्यधिक गरीबी में चले जाते हैं, कम आय वर्ग और मध्यम वर्ग गरीबी में चला जाता है। आपने देखा होगा कि कई मध्यम वर्ग के परिवारों ने तो पूरे परिवार सहित आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लिये।<br /><br />इसलिये जरूरी है कि हम सब उन कारणों को जाने जिससे भारत में गरीबी फैलती है, तभी हम उस के प्रति सचेत रह कर गरीबी के जाल से बाहर निकलने की कोशिश कर पायेंगे। इनमें से कई कारण गरीबों के खुद के हैं, कुछ अल्प आय और मध्यम वर्ग से संबंधित हैं।<br /><br />यूं कहने को तो भारत में गरीबी को कम करने के लिये केन्द्रीय और राज्य सरकारों द्वारा ढेरों योजनायें चलाई जाती हैं जिससे गरीबी आंकड़ों में कम होती जाती है पर वास्तविक रूप से कम नहीं होती। इन योजनाओं द्वारा देश का बहुत पैसा खर्च होता है (कुछ भाग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है) और गरीबी के रेखा के नीचे के निर्धन उपर उठकर वास्तविक गरीबी में आ जाते हैं।<br /><br />
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<h2 style="text-align: left;">गरीबी क्या है?</h2><br />एक बात ये है कि हम यहां पर गरीबी की सरकारी परिभाषा जिसमें शहरों में 33 रुपये और गांवों में 27 रुपये से कम कमाने वाले को गरीब माना जाता है, को न मान कर वास्तविक रूप से गरीबी को देखेंगे क्योंकि भारत में दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली वस्तुओं की जो कीमत है और इसके लिये जिस हिसाब से लोगों का खर्चा है और जिस प्रकार से लोगों की क्रय क्षमता है उसके हिसाब से तो कम से कम सरकारी तंत्र के चतुर्थ और तृतीय वर्ग के लोग भी गरीबी ही कहलायेंगे।<br /><br />परिभाषा के अनुसारी तो गरीबी उस समस्या को कहते हैं जिसमें व्यक्ति अपने और अपने परिवार के जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ जैसे कि रोटी, कपड़ा और मकान को पूरा करने में असमर्थ होता है । अधिक दृष्टिकोण से उस व्यक्ति को गरीब या गरीबी रेखा के नीचे माना जाता है जिसमें आय का स्तर कम होने पर व्यक्ति अपनी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ होता है । <br /><br />
<div id="TOC" style="background-color: #f0f0f0;"><h3 style="text-align: left;">
Table of Content विषय सूची
</h3><ul style="text-align: left;"><li>भारत में गरीबी के कारण</li><ol><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Education">उचित शिक्षा का अभाव</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Health">स्वास्थ्य में बहुत खर्च होना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Wine">शराब की लत</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Schemes">सरकारी योजनायें भी लोगों को गरीब बना रही हैं</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Policies">गलत सरकारी नीतियां</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#SocialLife">सामाजिक परिस्थितियां</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#PriceRise">बढ़ती मंहगाई</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Population">बढ़ती जनसंख्या</a></li>
<li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Nature">प्राकृतिक आपदायें</a></li>
<li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#NoConsolation">प्रेरणा की कमी</a></li>
</ol><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/garibi-ke-karan-garib-kaise-bane-hindi.html#Conclusion">निष्कर्ष</a></li></ul>
</div>
<br /> <h2 style="text-align: left;">भारत में गरीब कैसे बनते हैं? गरीबी के कारण</h2><br /><br /><h3 id="Education" style="text-align: left;">1. उचित शिक्षा का अभाव</h3><br />गरीब लोगों के लिये शिक्षा की व्यवस्था करने के लिये सरकारें अपने विभिन्न प्रकार के विद्यालय चलाती हैं। सभी लोग शिक्षा की इस सरकारी व्यवस्था के बारे में जानते हैं। इसी कारण से उचित प्रकार की शिक्षा गरीबों को मिल नहीं पाती है।<br /><br />शिक्षा के अभाव में गरीब लोग जिन्दगी में मिलने वाले मौके नही भुना पाते हैं और न ही कोई नया मौका खुद बना पाते हैं। उनको ये पता ही नहीं चलता कि किस तरह से एक या दो पीढ़ी में गरीब अपनी गरीबी के कुचक्र को तोड़ सकते हैं।<br /><br />कुछ गरीब शिक्षा को महत्वहीन मानते हैं। वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बजाय उनसे काम करवा कर परिवार की आमदनी बढ़ाना पसंद करते हैं।<br /><br />ये बात कुछ हद तक कम गरीब और निम्म मध्यम वर्ग के लोगों के लिये भी लागू होती है। ये लोग प्रारम्भिक और आगे की शिक्षा तो पा जाते हैं लेकिन विशेषज्ञता वाली शिक्षा जो कि या तो सरकारी सरकारी क्षेत्र में सीमित है या फिर बहुत ही मंहगी है। कई प्रकार के आगे बढ़ने के अवसर उचित शिक्षा के अभाव में लोगों के हाथ से निकल जाते हैं।<br /><br /><h3 id="Health" style="text-align: left;">2. स्वास्थ्य में बहुत खर्च होना</h3><br />अधिकांश गरीबों का रहन सहन ऐसी जगहों पर होता है जो कि बहुत स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छी नहीं होती हैं। ऐसे में आये दिन कुछ न कुछ बामारी लगी रहती है जिससे रोजाना की आय तो जाती ही जाती है बल्कि आय का बहुत बड़ा हिस्सा मेडिकल के खर्चे में चला जाता है।<br /><br />अल्प आय वर्ग और मध्यम वर्ग भी स्वास्थ्य में बहुत होने वाले खर्चे की वजह से अस्पतालों के बिल चुकाते चुकाते कब गरीबी में बहुंच जाते हैं पता ही नहीं चलता है। इन वर्ग के लोगों को तो खास तौर पर अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये सतर्क रहना चाहिये।<br /><br />हमने अपने जीवन में बहुत सारे मध्यम वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य समस्याओं में बहुत खर्चा होने का कारण लोन लेते हुये देखा है। जिससे फिर से रहन सहन का स्तर नीचे आ जाता है।<br /><br />नये गरीब बनने में उचित दर पर अच्छी स्वास्थ्य सेवायें न मिलना और अपने स्वास्थ्य को लेकर लोगों की लपरवाही बहुत बड़ा कारण है।<br /><br />
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<br /><h3 id="Wine" style="text-align: left;">3. शराब की लत</h3><br /> मैंने अपने जीवन में अब तक ऐसे बहुत सारे लोगों को देख लिया है जो कि शराब की लत के कारण अपना पैसा और स्वास्थ्य गंवा रहे हैं। बहुत सारे लोगों को <a href="https://www.hindidiary.com/2009/07/Sharab-peekar-marte-log.html">शराब के कारण अल्प आयु में ही मौत</a> के आगोश में जाते देखा है।<br /><br />चाहे शराब पीकर कोई अपराध करना हो, कहीं कोई दुर्घटना में चोटिल होना हो या मौत हो जानी हो या फिर स्वयं शराब के कारण खराब स्वास्थ्य के कारण कोई ढंग का काम न करना या फिर लिवर की खराबी के कारण मौत होना हो, हर हाल में लोगों का बहुत सारा पैसा खर्च होता है।<br /><br />जिस पैसे ले लोग अपना जीवन स्तर सुधार सकते हैं, उस पैसे को शराब के उपर खर्च करके लोग वापस वहीं वापस आ जाते हैं जहां से गरीबी के खिलाफ संघर्ष आरम्भ होता है। शराब को लेकर समाज अब आमतौर पर शराब के ही साथ है। कोई भी शराब के दुष्परिणामों पर बात नहीं करना चाहता है।<br /><br />शराब अब लोगों के जीवन का हिस्सा बनकर उनकी आय और आयु दोनो को चाट रही है। अब तो <a href="https://www.hindidiary.com/2010/02/sharab-peekar-accident-karne-main-bhi-aurat-mard-barabari.html">महिलायें भी शराब पीने में पूरूषों का पूरी तरह साथ दे रही हैं</a>।<br /><br /> <h3 id="Schemes" style="text-align: left;">4. सरकारी योजनायें भी लोगों को गरीब बना रही हैं</h3> <br />भारत की केन्द्रीय सरकार हो या फिर राज्यों की सरकारें, सब गरीबों के लिये दम भरते हैं और गरीबों के लिये कई कल्याणकारी योजनाओं को चलाते रहते हैं। इन सब योजनाओं से थोड़ा बहुत लाभ गरीबों का होता है और बहुत सारा फायदा बीच के दलालों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और नेताओं को होता है।<br /><br />इन योजनाओ को चलाने के लिये अनेक कंपनियां, स्वयं सेवी संस्थायें और कर्मचारी लगते हैं और वे ही इसके वास्तविक लाभार्थी बनते हैं।<br /><br />दूसरी तरफ गरीब लोगों के लिये जो ये कल्याणकारी योजनायें चलती हैं इनमें गरीबों को गरीब ही रहने का पुरस्कार मिलता है। अधिकांश सरकारी गरीबी को योजनाओं मे गरीब के किसी न किसी पैमाने के अन्दर होने के कारण लाभार्थियों को तरह तरह की राशन, घर, पढ़ाई इत्यादि की सुविधायें मिलती हैं।<br /><br />अगर कोई गरीब अपनी मेहनत से गरीबी के पैमाने से ऊपर आ गया तो उसको मिलने वाली सारी सुविधायें बंद हो जाती हैं। गरीबी के पैमाने से उपर आने पर भी गरीब आदमी कोई अमीर व्यक्ति नहीं बन जाता है। लेकिन सरकार उसकी फ्री मिलने वाली सुविधायें बन्द कर देती है। इसलिये भी गरीब अपने आप को गरीब बनाये रखने में ठीक महसूस करता है।<br /><br />दूसरी बात ये कि जब सब कुछ सरकार दे ही रही है तो गरीब लोग सोचते हैं फिर गरीबी से उपर उठ कर मेहनत कर के कमाने की व्यवस्था करने से क्या फायदा?<br /><br />क्या आपने कोई ऐसी सरकारी योजना देखी है जो लोगों से कहती हो कि यदि आप अपनी मेहनत और सरकारी सहायता से अपनी गरीबी से निकल कर कम से कम अल्प आय वर्ग में आ जाओगे तो आपको कई प्रकार की विशेष सुविधायें मिलेंगी? नहीं न।<br /><br />
<h3 id="Policies"> 5. गलत सरकारी नीतियां </h3><br /> भारत की धरती जिस पर भगवान ने इतने प्राकृतिक संसाधन जिसमें लंबे मैदानी क्षेत्र, नदियां, जिनमें एक अच्छी जलवायु और ढेर सारे प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं, दिये हैं कि अगर ढंग से सरकारी नीतियां रहें तो ये देश वापस प्राचीन काल की तरह सोने की चिड़िया बन सकता है।<br /><br />फिर भी सवाल यह है कि आज़ादी के 74 साल बाद भी भारत एक बेहद गरीब देश क्यों है? दरअसल भारत में मेहनत करके गरीबी से ऊपर आने को कभी प्रोत्साहित नहीं किया गया। लोगों को उत्पादकता के कामों में लगने के बजाय केवल नौकरी करने को ही रोजगार का माध्यम बना दिया।<br /><br />सरकारों ने सोशलिस्ट समाजवादी नीतियां बना कर ऐसे श्रम कानून और नीतियां बनाईं कि लोगों के लिये मेहनत करके अपना काम करना मुश्किल हो गया।<br /><br />इस दौरान अच्छे पढ़े लिखे लोग उचित अवसरों की तलाश में भारत से बाहर जाते रहे। मानव संपदा जो कि भारत को आगे लो जाती वो दूसरे देशों के विकास में काम आती रही।<br /><br />भारत में अधिकांश लोगों खास कर व्यवसायीओं पर इतने प्रकार के टैक्स (कर) लगा दिये गये कि लोग कर बचाने के लिये बड़े पैमाने पर काला धन बनाने लगे। और इस प्रकार जो धन भारत में लगता और देश को आगे ले जाता वो विदेशी बैंकों में जमा होने लगा।<br /><br />इस प्रकार भारत की सरकारी नीतियों के कारण भी लोग गरीब होते जाते हैं। हालांकि अब सरकारें नींद से जागी हैं और अपनी नीतियों में परिवर्तन कर रही हैं।<br /><br /><h3 id="SocialLife" style="text-align: left;">6. सामाजिक परिस्थितियां</h3><br />भारत में गरीबी का बहुत बड़ा कारण सामजिक परिस्थितियां और सामाजिक रूप से विभेद भी है। सामाजिक विभेद को तो राजनैतिक रूप से भारत में विभिन्न स्वरूपों में के आरक्षण और गरीबी हटाओ योजनाओं के द्वारा दूर किया गया है। लेकिन सामाजिक स्थितियों पर अभी भी कुछ नहीं किया गया है।<br /><br />भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल सामाजिक आधार आज तक भी पुरानी सामाजिक संस्थाएं तथा रूढ़ियां हैं। यह वर्तमान समय के अनुकूल नहीं है। ये संस्थाएं हैं - जातिप्रथा, संयुक्त परिवार प्रथा और उत्तराधिकार के नियम आदि। ये सभी भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से होने वाले परिवर्तनों में बाधा उपस्थित करते हैं।<br /><br />चाहे तड़क भड़क भरी शादी में होने वाला खर्चा हो, शादी में दिये जाना वाला दहेज हो, मृत्यु भोज हो या फिर आये दिन आने वाले तीज-त्यौहार हों, सब पर समाज में अपना मुंह दिखाने और अपनी हैसियत बताने के नाम पर बहुत खर्चा होता है।<br /><br />बहुत से लोगों को तो हमने इन सब खर्चों के लिये लोन लेते हुये देखा है। गरीबी का कुचक्र इसी प्रकार के खर्चों के कारण बना रहता है।<br /><br />इन खर्चों में मध्यम आय वर्ग भी शामिल है। मध्यम आय वर्ग में तो आजकल अपनी सामाजिक हैसियत में दिखावा करने के लिये अपनी क्षमता से ज्यादा खर्च करके बच्चों को मंहगी शिक्षा, कार खरीदना, विदेश यात्रा करना इत्यादि भी शामिल हो गये हैं।<br /><br />उधार चुकाते चकाते अपनी मेहनत की कमाई लोग ऐसे ही कामों मे लगा देते हैं और गरीबी में आ जाते हैं।<br /><br />
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<br /><h3 id="PriceRise" style="text-align: left;">7. बढ़ती मंहगाई</h3><br /><p>बुनियादी वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतें भी गरीबी का एक प्रमुख कारण हैं। गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले व्यक्ति के लिए जीवित रहना ही एक चुनौती है। भारत में गरीबी का एक अन्य कारण जाति व्यवस्था और आय के संसाधनों का असमान वितरण भी है।<br /><br />इसके अलावा पूरे दिन मेहनत करने वाले अकुशल कारीगरों की आय भी बहुत कम है। असंगठित क्षेत्र की एक सबसे बड़ी समस्या है कि मालिकों को उनके मजदूरों की कम आय और खराब जीवन शैली की कोई परवाह नहीं है। उनकी चिंता सिर्फ लागत में कटौती और अधिक से अधिक लाभ कमाना है।<br /><br />उपलब्ध नौकरियों की संख्या के मुकाबले नौकरी की तलाश करने वालों की संख्या अधिक होने के कारण अकुशल कारीगरों को कम पैसों में काम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।<br /><br />सरकार को इन अकुशल कारीगरों के लिए न्यूनतम मजदूरी के मानक बनाने चाहिये। इसके साथ ही सरकार को यह भी निश्चित करना चाहिये कि इनका पालन ठीक तरह से हो।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTkQEXe3TM8YOQNNIOIr2RBPYWAU3ozaoonJADIlGRa4h4uGPy1ZclMAYm28Lokv3tXPSeTTGYfzq0GKNmRQe37gzWQReidydPIffcEJNj6e0OxC8k_ORaS4HStoufd_vRECrKkpx-6m7C/s500/poor.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Poor गरीब" border="0" data-original-height="332" data-original-width="500" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjTkQEXe3TM8YOQNNIOIr2RBPYWAU3ozaoonJADIlGRa4h4uGPy1ZclMAYm28Lokv3tXPSeTTGYfzq0GKNmRQe37gzWQReidydPIffcEJNj6e0OxC8k_ORaS4HStoufd_vRECrKkpx-6m7C/s16000/poor.webp" title="Poor गरीब" /></a></div><br /><br /><h3 id="Population" style="text-align: left;">8. भारत की बढ़ती जनसंख्या</h3><br />भारत में गरीबी का एक बड़ा कारण बढ़ती जनसंख्या है। इससे निरक्षरता, खराब स्वास्थ्य सुविधाएं और वित्तीय संसाधानों की कमी भी बढ़ती जाती है। इसके अलावा उच्च जनसंख्या दर से प्रति व्यक्ति आय भी प्रभावित होती है और प्रति व्यक्ति आय घटती है।<br /><br />एक अनुमान के अनुसार के भारत भारत पूरी दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बनने की ओर अग्रसर है। भारत की आबादी जिस रफ्तार से बढ़ रही है उस रफ्तार से भारत की अर्थव्यवस्था नहीं बढ़ रही है। अब तो भारत की सड़कों पर बढ़ती हुई जनसंख्या महसूस होने लगी है।<br /><br />भारत में जनसंख्या इस गति से बढ़ रही है कि कुल उत्पादन बढ़ने पर प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में अधिक धन नहीं हो पाता, जिससे जीवन-स्तर ऊंचा नहीं हो पाता। इसी वजह से बेराजगारी बढ़ती है।<br /><br />बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिये कठोर कदम उठाने का समय आ गया है ताकि गरीबी को भी काबू में किया जा सके<br /><br /><h3 id="Natural" style="text-align: left;">9. प्राकृतिक आपदायें</h3><br />भारत में गरीबी के अनेक कारणों में से एक भारत के विभिन्न भागों में किसी न किसी समय आने वाली प्राकृतिक आपदायें भी कहीं न कहीं दोषी हैं। कहीं अत्यधिक ठंड का मौसम रहता और वर्ष के अधिकांश समय बर्फ रहती है, कहीं ज्यादा बारिश से बाढ़ रहती है, कहीं सूखा रहता, कहीं जमीन रेगिस्तानी है, कहीं जंगल हैं। कभी कभी भूकम्प भी आ जाता है।<br /><br />इन सब प्राकृतिक कारणों से बड़ी जनसंख्या प्रभावित होती है। जब काम करने का मौका प्राकृतिक आपदाओं की वजह से चला जाता है तो लोगों की आय भी गिर जाती हैं अतः गरीबी बनी रहती है। <br /><br /><h3 id="NoConsolation" style="text-align: left;">10. प्रेरणा की कमी - गरीबी का महिमा मंडन</h3><br />जैसा कि हमने ऊपर क्रम संख्या 4 में भी बताया था कि गरीबी उन्मूलन के फार्मूले में काम करने के प्रोत्साहन के अभाव की भी है। गरीब को सहज ही भोजन मिल जाए, तो श्रम करने की रुचि नहीं रह जाती है। लोगों को सरकारी योजनाओं की वजह से काफी वस्तुयें निशुल्क मिल रही हैं जिससे उनकी श्रम करने की चाहत समाप्त हो गई है।<br /><br />यदि समाज का एक बड़ा वर्ग इस प्रकार निष्क्रिय हो जाएगा, तो फिर उनका उत्थान तो नहीं हो पायेगा।<br /><br />इन कारणों से बढ़ती असमानता के साथ गरीबी उन्मूलन हो जाए, तो भी वह सफल नहीं होगा। हमारे सामने विकट समस्या उपलब्ध है, विकास की प्रक्रिया में असमानता में वृद्धि होती ही है।<br /><br />इसके अलावा समाजवादी सोशलिस्ट सोच के कारणों से भारत के राजनैतिक दलों ने और साहित्यकारों, महात्माओं व फिल्मों ने भी गरीबी का महिमा मंडन ही किया है। लोगों को ये ही बताया गया कि पैसे वाले और उद्योगपति चोर और बेईमान होते हैं, वे गरीबों का खून चूस कर अमीर बने हैं, गरीब ईमानदार होते हैं इत्यादि ही बताया गया है।<br /><br />किसी ने भी गरीबों का आव्हान नहीं किया कि गरीबी के चक्र को तोड़ो। इसलिये लोगों को कोई भी इच्छा नहीं होती है कि गरीबी से बाहर निकलें।<br /><br />
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<br /><h3 id="Conclusion" style="text-align: left;">निष्कर्ष</h3><br />ऊपर बताये गये कारणों के अलावा भी कई कारण हैं जिसकी वजह से न तो गरीबी कम होती है बल्कि बढ़ती भी जाती हैं। भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार, राजनीतिक दलों द्वारा गरीबों को वोट बैंक बनाये रखना, भारत की अर्थव्यवस्था की तेजी से न बढ़ना, जलवायु की वजह से लोगों की कार्यकुशलता में कमी होना, देश का चारों ओर से दुश्मनों से घिरा होना और इस कारण सुरक्षा पर बहुत ज्यादा खर्च करना इत्यादि कई अन्य कारण हैं जिनसे भी भारत में गरीबी दूर नहीं हो रही है।<br /><br />भारत की गरीबी केवल एक व्यक्ति, परिवार, समाज की की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। गरीबी एक ऐसी मानवीय परिस्थिति है जो हमारे जीवन में निराशा, दुख और दर्द लाती है।<br /><br />लोगों, अर्थव्यवस्था, समाज और देश के सतत और समावेशी विकास के लिए गरीबी का उन्मूलन आवश्यक है। यदि भारत के लोग ठान लें को कुछ किया जा सकता है।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-65349433244773483922020-09-01T15:10:00.006+05:302021-06-04T12:20:24.665+05:30अच्छा सफल ब्लॉगर कैसा होता है? कैसे बनें?<h2 style="text-align: left;">अच्छा सफल ब्लॉगर कैसा होता है? कैसे बनें?</h2><br/><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj76PlU9D8uSfhp3Fg2pUXomuiqLJYGoZUOai3MVXgMod7VCN99ot_FEmuOBJzeU1Q76xap-lL52qfMrbeaN-eTP2m4jF9rdMfIupE6-LvejbbUxLHC0QqaqIuaJCrJNzCg7MIKBMiABCgh/s650/good-sucessful-blogger.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Good and Successful Blogger अच्छा सफल ब्लॉगर" border="0" data-original-height="312" data-original-width="650" height="307" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj76PlU9D8uSfhp3Fg2pUXomuiqLJYGoZUOai3MVXgMod7VCN99ot_FEmuOBJzeU1Q76xap-lL52qfMrbeaN-eTP2m4jF9rdMfIupE6-LvejbbUxLHC0QqaqIuaJCrJNzCg7MIKBMiABCgh/w640-h307/good-sucessful-blogger.webp" title="Good and Successful Blogger" width="640" /></a></div><br /><br />ब्लॉगिंग (Blogging) के बारे में बहुत कुछ लिखा जाता है। ब्लॉगिंग कैसे करें इसको लेकर बहुत सारे ब्लॉग पोस्ट और यूट्यूब वीडियो (YouTube Videos) इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। पर ब्लॉगिंग करने वाले ब्लॉगर (चिट्ठाकार) में क्या खूबियां होनी चाहिये या फिर एक अच्छा ब्लॉगर (चिट्ठाकार) कैसा होना चाहिये या फिर एक अच्छा और सफल ब्लॉगर (चिट्ठाकार) कैसा होता है (Ek Achcha Safal Blogger Kaisa hota hai aur kaun hota hai), इस पर बहुत कम लिखा गया है।<br /> How to become Good and Successful Blogg in Hindi?<br /><br />देखें - <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/ब्लॉगर">ब्लॉगर पर लिखे गये अन्य ब्लॉग पोस्ट</a><br /><br />तो हम लोग यहां पर अपने पिछले कई सालों के अनुभव के आधार पर देखते हैं कि एक ब्लॉगर (चिट्ठाकार) के क्या गुण होने चाहिये और उसकी कौन कौन सी खूबियां और कमियां होती हैं। यदि आप भी एक सफल ब्लॉगर बनना चाहते हैं तो यहां पर लिखे गये बिन्दुओं को जानकर एक सफल ब्लॉगर (चिट्ठाकार) बन सकते हैं। <br /><br/>
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<div id="TOC" style="background-color: #f0f0f0;">
<br /><b>Table of Content विषय सूची </b><br />
<ul style="text-align: left;"><li>अच्छे ब्लॉगर के गुण और खूबियां</li><ol><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#reader">अच्छा पाठक होना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#goodlanguage">अपनी भाषा पर अच्छी पकड़</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#communication">पाठकों के साथ संवाद रखना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#learner">अच्छा ब्लॉगर हमेशा सीखता रहता है</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#dedication">अपने ब्लॉग के प्रति जूनून और समर्पण</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#igoodhuman">अच्छा मददगार इंसान होना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#seo">अपनी SEO and Technical जानकारी को बढ़ाना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#regularupdate">लगातार लिखना</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#money">पैसे के लिये नहीं विषय के लिये लेखन</a></li></ol><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/09/good-successful-blogger-hindi.html#Conclusion">अंतिम बात</a></li></ul>
</div>
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<h2>अच्छे ब्लॉगर के गुण और खूबियां</h2><br /><h3 id="reader" style="text-align: left;">1. अच्छा पाठक होना</h3><br />एक अच्छे ब्लॉगर को सबसे पहले तो एक अच्छा पाठक होना चाहिये। उसमें ज्ञान की भूख होनी चाहिये और इसके लिये वो अच्छे समाचार पत्र, किताबें और विभिन्न प्रकार के ब्लॉगों को नियमित रूप से पढ़ता है। बाद में यही ज्ञान अच्छा ब्लॉगर अपने पाठकों को संशोधित और परिवर्तित रूप में दे पाता है। अच्छे पाठक होने की वजह से ही अच्छे ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर नियमित रूप से कुछ न कुछ उपयोगी और नया दे पाते हैं।<br /><br/>
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<h3 id="goodlanguage" style="text-align: left;">2. अपनी भाषा पर अच्छी पकड़</h3><br />अच्छे ब्लॉगर की अपने ब्लॉग की भाषा (अंग्रेजी या हिंदी) पर अच्छी पकड़ होती है। क्योंकि अच्छा ब्लॉगर खूब पढ़ने वाला होता है इसलिये वो कई प्रकार के ब्लॉग लेखों की भाषाओं के तरीकों को जान पाता है। वो स्वतः ही जान जाता है कि अच्छी भाषा कैसे लिखी जाती है, कैसे पाठकों को अपने लिखने के तरीके से बांधा जाता है?<br /><br />अच्छे ब्लॉगर आपको अपनी पहली लाईन की भाषा से ही अपनी ओर खींच लेते हैं। अच्छे ब्लॉगर अपनी भाषा के जानकार होते हैं, उनकी भाषा स्पष्ट और सीधी तथा व्याकरण सधा हुआ होता है।<br /><br />अपनी भाषा से ही वे समझदारी की झलक देते हैं। अच्छे चिट्ठाकार के पास हमेशा आपको कुछ कहने के लिये होगा और यही आपको पढ़ने पर मजबूर कर देगा। सफल ब्लॉगर का लिखने का अपना खुद का अंदाज (स्टाइल) होता है।<br /><br /><h3 id="communication" style="text-align: left;">3. पाठकों के साथ संवाद रखना</h3><br />अच्छा सफल ब्लॉगर हमेशा अपने पाठकों से संवाद बनाये रखने की कोशिश करता है। ब्लॉगिंग है ही दो तरफा संवाद का माध्यम। अच्छे ब्लॉगर अपने पाठकों की इज्जत करते हैं। वे आपकी टिप्पणियों का जवाब देते हैं। वो आपकी कई प्रकार से सहायता करने की भी कोशिश करते हैं। कई ब्लॉगर सोशल मीडिया वेबसाइटों पर समान विचारधारा के पाठकों का समूह (Group) बना लेते हैं और विचारों का आदान प्रदान करते हैं।<br /><br/>
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<br /><h3 id="learner" style="text-align: left;">4. अच्छा ब्लॉगर हमेशा सीखता रहता है</h3><br />अच्छे ब्लॉगर हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहते हैं। जैसा कि हम उपर बता चुके हैं कि सफल ब्लॉगर दूसरों के ब्लॉग पढ़ते रहते हैं हैं और उनसे कुछ न कुछ सीखते हैं। वे नयी और अच्छी पुस्तकें पढ़ते हैं। वे नया सीखने और नया करने को हमेशा तत्पर रहते हैं।<br /><br />उनके अपने ब्लाॉगिग के क्षेत्र में जो भी गतिविधि होती है उसके बारे में हमेशा जानने की कोशिश करते रहते हैं। उदाहरण के लिये अगर किसी चिठ्ठाकार का ब्लॉग इंटरनेट पर पैसा कमाने के बारे में है तो वो ब्लॉगर हमेशा इस क्षेत्र में जो कुछ भी नया होता रहता है उसके बारे में जानकारी रखेगा।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhrq0Gv3CVibmFrhyphenhyphenGcMpvmiUCwXXFLHRJmRUc_hLDlAoYXlL6p7vD3dhDYgYIxFDkdk1fvtlTtOJ-LG-yeoSChSc6ZVtSj30MeK_amGk70FKORJWUFZdWHT7Aurvf2sc-82wyGtclZFw-f/s546/good-successful-blogger.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Good and Successful Blogger" border="0" data-original-height="273" data-original-width="546" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhrq0Gv3CVibmFrhyphenhyphenGcMpvmiUCwXXFLHRJmRUc_hLDlAoYXlL6p7vD3dhDYgYIxFDkdk1fvtlTtOJ-LG-yeoSChSc6ZVtSj30MeK_amGk70FKORJWUFZdWHT7Aurvf2sc-82wyGtclZFw-f/s16000/good-successful-blogger.webp" title="Good and Successful Blogger" /></a></div><br /><br /><h3 id="dedication" style="text-align: left;">5. अपने ब्लॉग के प्रति जूनून और समर्पण</h3><br />जैसा कि हम पहले भी बचा चुके हैं कि एक <a href="https://www.hindidiary.com/2009/09/blog-chalta-hai-lagan-jajbe-se.html">अच्छा ब्लॉग उसको उसको चलाने वाले ब्लॉगर के जुनून और जज्बे से चलता है</a>। दरअसल आप अपने विषय को लेकर ब्लॉग इसीलिये बनाते हैं क्योंकि आप चाहते हैं कि आप के पास जो भी उस क्षेत्र की जो कुछ जानकारी है वो आप सभी लोगों के साथ साझा करना चाहते हैं।<br /><br />अपने ब्लॉग विषय क्षेत्र (Blog niche) के लिये सफल ब्लॉगर का जूनून उसके चिठ्ठे के पाठक को नयी नयी और उच्च कोटि की जानकारी पाने का जरिया बन जाता है। अपने चिठ्ठे के लिये समर्पण और जनून के कारण अच्छा सफल ब्लॉगर अपने ब्लॉग को अपने विषय क्षेत्र का सबसे बड़ा ब्लॉग बना देता है।<br /><br /><h3 id="goodhuman" style="text-align: left;">6. अच्छा मददगार इंसान होना</h3><br />एक अच्छा इंसान ही सकारात्मक सोच रख सकता है। सफल ब्लॉगर के गुण में उसका अच्छा इंसान होना भी है। एक अच्छा इंसान ही तो अपने ब्लॉग के जरिये लोगों की सहायता करना चाहता है। अच्छे ब्लॉगर खुले दिल के होते हैं। वे जानते हैं कि हर चिट्ठे का अपना एक स्थान है। जो चिट्ठे उन्हे अच्छे लगते हैं वे उनका लिंक अपने चिट्ठे पर देते हैं, बिना यह देखे कि दूसरा चिट्ठा उनसे छोटा है या बड़ा। नया या पुराना।<br /><br />अच्छा सफल ब्लॉगर अपनी बात से ही समझदारी की झलक देते हैं। वे इस समूह में दूसरों की मदद करते हैं, नये लोगों का स्वागत करते हैं, उनका उत्साह बढ़ाते हैं तथा उनकी सहायता करते हैं। हम ने हिंदी चिठ्ठाकारी के शुरुआत के दिनों में देखा है कि किस तरह हिंदी चिठ्ठाकार एक परिवार की तरह काम करते रहे हैं।
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<h3 id="seo" style="text-align: left;">7. अपनी SEO and Technical जानकारी को बढ़ाना</h3><br />एक अच्छा सफल ब्लॉगर अपने ब्लॉग पर पोस्ट लिखने के साथ ही साथ ब्लॉग से संबंधित सभी प्रकार की SEO और तकनीकी जानकारी को भी बढ़ाता रहता है। जब तक गूगल की खोज में ब्लॉग पोस्ट रैंक नही होगा तो ब्लॉग पर कोई पाठक नही आएगा और जब पाठक नही आएगा तो ब्लॉग को कौन पढ़ेगा? और फिर ब्लॉगर पैसे कैसे कमाएंगे?<br /><br />इसके अलावा अन्य तकनाकी पक्षों की जानकारी भी एक ब्लॉगर को होनी चाहिये ताकि आने वाले पाठकों को किसी प्रकार की कोई तकनीकी परेशानी न हो। उदाहरण के लिये ब्लॉग का Responsive न होना या फिर ब्लॉग की लोड होने की गति तेज न होना (blog load speed) इत्यादि।<br /><br /><ul style="text-align: left;"><li>देखें - <a href="https://www.hindidiary.com/2009/09/Hindi-Blogging-rukawat-writer-block.html">ब्लागिंग में आने वाली रूकावटें</a></li></ul><br /><br /><h3 id="regularupdate" style="text-align: left;">8. लगातार लिखना</h3><br />अच्छे सफल ब्लॉगर बिना दिग्भ्रमित हुये अपने ध्येय पर ध्यान देते हुये और अपने पाठकों को नई नई जानकारी देने के लिये लगातार दैनिक रूप से या कम से कम सप्ताह में एक बार तो लिखते ही हैं।<br /><br />इससे ब्लॉग के पाठकों की रूचि भी बनी रहती है और सर्च इंजन वेबसाइटें (खोजक वेबसाइटें) जैसे कि गूगल, बिंग इत्यादि भी लगातार ब्लॉग पोस्ट प्रकाशन को पसंद करते हैं और ब्लॉग की कोटि (रैंक) बढ़ाते हैं।<br /><br /><ul style="text-align: left;"><li>और देखें - <a href="https://www.hindidiary.com/2009/08/troubles-and-dangers-in-blogging.html">ब्लागिंग से होने वाली परेशानियां एवं खतरे</a></li></ul>
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<br /><h3 id="money" style="text-align: left;">9. पैसे के लिये नहीं विषय के लिये लेखन</h3><br />हालाकि सभी लोग पैसा कमाना चाहते हैं बल्कि खूब कमाना चाहते हैं और ब्लॉगर भी कोई अपवाद नहीं हैं। वो भी पैसे कमाना चाहते हैं और किसी ब्लॉगर की ब्लॉगिंग करने का कारण काफी हद तक पैसा कमाना भी होता है। पर अच्छा सफल ब्लॉगर केवल पैसे के लिये नहीं लिखता।<br /><br />खाली कीवर्ड खोज कर लिखना तो एक तरह से व्यवसायिक लेखन होता है।<br /><br />ब्लॉगर कई बार अपने मन की बात लिखने के लिये भी लिखता है या फिर कई बार अपने पाठकों की रूचि के लिये भी लिखता है। जरूरी नहीं है कि हर बात गूगल या बिंग में लोग खोजें ही और केवल खोजने वाले कीवर्ड पर ही लिखा जाये।<br /><br />अच्छा सफल ब्लॉगर अपने शौक, जुनून और उत्साह के लिये भी लिखता है। लेखन के हर विषय को केवल पैसे कमाने के लिये नही छोड़ जा सकता। और क्या पता, जो बात एक ब्लॉगर आज लिख रहा है कल को वो नहीं खोजी जायेगी? अगर सब कुछ केवल पैसे के लिये होगा तो कला खत्म हो जायेगी खासकर ब्लॉगिंग और लेखन कला।<br /><br />हिंदी भाषा के अधिकांश ब्लॉगर ज्यादा पैसा न कमा पाने के बावजूद केवल अपने हिंदी भाषा की सेवा करने या अपने जूनून के लिये लिख रहे है। <a href="https://www.hindidiary.com/2016/06/Dot-Com-Lifestyle-for-Hindi-Bloggers.html">हिंदी ब्लॉगर तो पैसे कमाकर आजीविका चलाने की सोच भी नहीं सकते हैं</a>।<br /><br /><h3 id="Conclusion" style="text-align: left;">अंतिम बात (निष्कर्ष)</h3><br />तो यदि आप भी एक सफल और अच्छे ब्लॉगर (Good and Successcul Blogger) बनना चाहते हैं तो उपर लिखे गये गुणों मे से कुछ को अपनाने का प्रयास कीजिये, मेहनत कीजिये और देखिये कैसै आप बहुत बड़े और अच्छे ब्लॉगर बन जायेंगे।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-17743362976107143992020-08-25T15:01:00.007+05:302021-04-10T15:27:43.675+05:30शेयर बाजार आधारित फिल्में और वेब-सीरीज<h2 style="text-align: left;">शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) आधारित फिल्में और वेब-सीरीज</h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiRo8bymhxOzLG9Z2yGAsIRaV7CKpFHEStYAtOgLLXPLUhvL1l1WeYJ73rki0ejEEANS6twHUGyLxrgdpqgZiCbrr98MNFodSj7Rt0roHK3wsOX_P8KNdsRZHQnEHZxK6EPCuF8RfqDaayE/s596/stock-market.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Stock Share Market शेयर बाजार" border="0" data-original-height="239" data-original-width="596" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiRo8bymhxOzLG9Z2yGAsIRaV7CKpFHEStYAtOgLLXPLUhvL1l1WeYJ73rki0ejEEANS6twHUGyLxrgdpqgZiCbrr98MNFodSj7Rt0roHK3wsOX_P8KNdsRZHQnEHZxK6EPCuF8RfqDaayE/d/stock-market.webp" title="tock Share Market शेयर बाजार" /></a></div><p><br /></p><p>शेयर बाजार किसी भी देश के आर्थिक जगत का बहुत बड़ा बैरोमीटर है जिससे उस देश कि अर्थव्यवस्था का कुछ कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है। विभिन्न कंपनियों के स्टाक्स को शेयर बाजार में खरीदा बेचा जाता है और उससे कंपनियों की पूंजी बढ़ती घटती रहती है।</p><p> </p><p>करोड़ों लोग इन शेयर बाजारों में अपनी किस्मत आजमाते हैं। इसलिये इस विषय का असर बहुत व्यापक है।</p><p><br /></p><p><a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80">हिंदी</a>, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में भी शेयर बाजार के ऊपर आधारित <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE?&max-results=7">फिल्में</a>, टीवी श्रंखलायें, वेब सीरीज और ढेर सारी डाक्यूमेंट्री (documentary) बने हैं। किसी किसी फिल्म में कथानक का मूल शेयर बाजार होता है वहीं कुछ में वो घटनाकृम में रहता है। </p><p><br /></p><p>यहां पर हम कुछ ऐसी ही हिंदी/अंग्रेजी फिल्में, वेब सीरीज की चर्चा करेंगे जो कि या तो शेयर बाजार के माहिर खिलाड़ियों के ऊपर हे या फिर रोजाना काम करने वाले ट्रेडर्स के उपर बनी हैं।</p><div id="TOC" style="background-color: #f0f0f0;">
<h3>
<span><span style="font-weight: normal;"> </span><span style="font-weight: normal;"> </span>Table of Content विषय सूची</span></h3>
<ol style="text-align: left;">
<li><a hindifilm="" href="https://www.hindidiary.com/2020/08/stock-share-bazar-hindi-film.html#id=">शेयर बाजार पर बनी हिंदी फिल्में</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/stock-share-bazar-hindi-film.html#HindiWebSeries">शेयर बाजार आधारित हिंदी वेब सीरीज</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/stock-share-bazar-hindi-film.html#ShareBazarEnglishFilms">स्टॉक मार्केट आधारित अंग्रेजी में बनी फिल्में</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/stock-share-bazar-hindi-film.html#Documentary">स्टॉक मार्केट पर डाक्यूमेंटरी</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/stock-share-bazar-hindi-film.html#Conclusion">अंतिम बात</a></li>
</ol>
</div> <br />
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<br /><h2 id="HindiFilm" style="text-align: left;">शेयर बाजार पर बनी हिंदी फिल्में</h2><div>शेयर बाजार को लेकर <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80?&max-results=7">हिंदी</a> फिल्मों और टीवी धारावाहिकों का रुख कुछ नकारात्मक सा ही है। स्टॉक मार्केट को सट्टा की तरह पेश किया जाता है जहां पर लोग रातों रात धनी बन जाते हैं या फिर धनी व्यक्ति की कंपनी के शेयर इतने गिर जाते हैं कि उसका सब कुछ बिक जाता है और वो और उसका पूरा परिवार सड़क पर आ जाता है।</div><div><br /></div><div>यही कारण है कि <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80?&max-results=7">हिंदी</a> में शेयर बाजार को लेकर कुछ चंद <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE?&max-results=7">फिल्में</a> ही बनी हैं। हमारी जानकारी में यहां नीचे बताई गई हिंदी फिल्में ही स्टॉक मार्केट पर बनी हैं।</div><div><br /></div><div><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEicbqdcXCgtf_j99gj8exPk-TNAKaHqiUbzW6woZhsyuoeXPp0vWakxUPt9WWCjBEooipn2ZeWCjrNysZb-dYc7oGHfLuV_P4xzRkQ64O3DIsEO857qkEk0BfbHqnJMgGen-QuKnkWda5_S/s750/bazaar-film-saif-ali-khan-share-market.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="449" data-original-width="750" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEicbqdcXCgtf_j99gj8exPk-TNAKaHqiUbzW6woZhsyuoeXPp0vWakxUPt9WWCjBEooipn2ZeWCjrNysZb-dYc7oGHfLuV_P4xzRkQ64O3DIsEO857qkEk0BfbHqnJMgGen-QuKnkWda5_S/s640/bazaar-film-saif-ali-khan-share-market.webp" width="640" /></a></div><div><br /></div><ol style="text-align: left;"><li><b>शेयर बाजार (Share Bazar) </b>(1987) - ये हिंदी <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE?&max-results=7">फिल्म</a> शेयर बाजार के दो ट्रेडर भाइयों मनसुख और हंसमुख मेहता के उपर बनी है जो कि बांबे स्टॉक एक्सचेंज में उठापटक करते हैं। इस फिल्म में जैकी श्राफ और डिम्पल कपाड़िया ने लीड रोल में काम किया है।</li><li><b>गफला (Gafla) </b>(2006) - ये फिल्म बांबे स्टॉक मार्केट में हुये 1992 के बदनाम प्रतिभूति घोटाले के मुख्य आरोपी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है। ये फिल्म <a href="https://youtu.be/4ZJmLwBztfs" rel="nofollow" target="_blank">यू-ट्यूब पर देखने के लिये उपलब्ध</a> है।</li><li><b>सास बहू और सेन्सेक्स (Saas Bahu aur Sensex)</b> (2008) ये एक हिंदी फिल्म है जो 2008 में आई थी। शोना ऊर्वशी द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शेयर बाजार में पैसा लगाने का और वहां काम करने के बारे में कुछ कहने के साथ ही साथ अन्य मसाले डाल कर बनाई गई एक मसाला हिंदी फिल्म है। इस फिल्म में किरण खेर, तनुश्री दत्ता, अंकुर खन्ना, फारूख शेख इत्यादि ने काम किया है। </li><li><b>जो हम चाहें (Jo Hum Chahein) </b>(2011) - नवोदित कलाकार हीरो सनी गिल, हीरोईन सिमरन मुंडी और नवोदित निर्देशक पवन गिल सबकी ये पहली फिल्म थी जिसमें हीरो MBA करने के बाद बांबे स्टॉक मार्केट में ट्रेडर बन कर अपनी आजीविका चलाना शुरू करता है। </li><li><b>बाजार (Bazaar) </b>(2018) - सैफ अली खान इस फिल्म के हीरो हैं जो कि किसी भी तरह से शेयर बाजार मे पैसा कमाने में विश्वास करता है। स्टॉक मार्केट के कई काली सफेद गतिविधयां इसमें दिखाई गई हैं जैसे कि इनसाइडर ट्रेडिंग इत्यादि।</li><li><b>स्कैम 1992 - द हर्षद मेहता स्टोरी</b> <b>(Scam 1992 - the Harshad Mehta Story)</b> (हिंदी) - सोनी लिव (SonyLiv) पर उपलब्ध हो गया है। जैसा कि नाम से जाहिर है ये फिल्म हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।</li><li><b>द बिग बुल (The Big Bull)</b> (हिंदी) (2020) - अमेजन प्राइम (Amazon Prime) पर 8 अप्रैल 2021 को उपलब्ध हो गई है। इसको अजय देवगन और कुकी गुलाटी ने बनाया है और इसके मुख्य कलाकार में अभिषेक बच्चन हैं। ये फिल्म भी हर्षद मेहता के जीवन पर आधारित है।</li></ol><div><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjHOpEQInLD4qDpe6r35dVoxMLnw_B0Ldcf8XYinDbG4y5JbG54GzGkjqOSPMqzhBj9_NtreDCKR3DQPXZGpDBjDTdjbWnpp7zjCFx3iV477zTC4UoPD7YSKalghISFYAf6I7K9hbIob4zP/s600/sony-liv-scam-1992-harshad-mehta-story.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Scam 1992 Harshad Mehta Story on SonyLiv" border="0" data-original-height="343" data-original-width="600" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjHOpEQInLD4qDpe6r35dVoxMLnw_B0Ldcf8XYinDbG4y5JbG54GzGkjqOSPMqzhBj9_NtreDCKR3DQPXZGpDBjDTdjbWnpp7zjCFx3iV477zTC4UoPD7YSKalghISFYAf6I7K9hbIob4zP/d/sony-liv-scam-1992-harshad-mehta-story.webp" title="Scam 1992 Harshad Mehta Story on SonyLiv" /></a></div><div><br /></div><div><br /></div><h2 id="HindiWebSeries" style="text-align: left;"><b>शेयर बाजार आधारित हिंदी वेब सीरीज</b></h2><div>भारत में अभी OTT आधारित प्लेटफार्म का विकास हो रहा है। ऐसे में में नये नये विषय के लिये हो सकता है कि कुछ वेब सीरीज शेयर बाजार पर भी बनें। </div><div><br /></div><div>फिलहाल तो हमें केवल शेयर बाजार आधारित हिंदी वेब सीरीज में एक ही सीरीज मिली है जो कि नीचे बताई है।<br /><ul style="text-align: left;"><li><b>द बुल ऑफ दलाल स्ट्रीट</b> (The Bull of Dalal Street) (हिंदी) - एसएक्स प्लेयर (MX Player) पर उपलब्ध </li><li>शेयर बाजार पर इम्तियाज अली की लघु फिल्म (<a href="https://youtu.be/9WmwOLioUL4" rel="nofollow" target="_blank">YouTube पर उपलब्ध</a>)</li></ul><br />
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<br /><h2 id="ShareBazarEnglishFilms" style="text-align: left;">स्टॉक मार्केट आधारित अंग्रेजी में बनी फिल्में</h2></div><div><a href="https://www.hindidiary.com/search/label/अंग्रेजी">अंग्रेजी</a> भाषा में <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE?&max-results=7">फिल्म</a> बनाने में अमेरिका का हॉलीवुड (Hollywood) सबसे बड़ा केन्द्र है। वहां पर हमेशा नये नये विषय पर फिल्में बनाने का काम चलता रहता है। </div><div><br /></div><div>जाहिर सी बात है कि <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/अंग्रेजी">अंग्रेजी</a> में हॉलीवुड ने बहुत सारी शेयर बाजार आधारित फिल्में और वेब-सीरीज बनाई हैं। </div><div><br /></div><div>हमने यहां नाचे ऐसी <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/अंग्रेजी">अंग्रेजी</a> फिल्मों कि सूची बनाई है जो शेयर बाजार पर आधारित हैं। इनमें से कई फिल्में आपको हिंदी भाषा में डब होकर भी देखने को मिल जायेंगी। </div><div><br /></div><div>अगर आप यूट्यूब, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, अमेजन प्राइम, जी5, सोनीलिव आदि OTT पर अगर खोजेंगे तो आपके ये फिल्में अंग्रेजी में या हिंदी में डब होकर मिल जायेंगी और आप इनको देख सकते हैं।</div><div><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjc_2Did5SfN5nDMFMAymDpaK6AOBI1rLa4f4NxUJqy7JvrVuIQ3yi0PZht0_DdHFv0JqIdUOkW2GAEJhULgPJEmGMI1XRL9qyhvWRZ4fyH3p3g1IRXuToYk5nxzy-xjEVwU_ZztrPukEAf/s549/wolf-of-wall-street-film.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="377" data-original-width="549" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjc_2Did5SfN5nDMFMAymDpaK6AOBI1rLa4f4NxUJqy7JvrVuIQ3yi0PZht0_DdHFv0JqIdUOkW2GAEJhULgPJEmGMI1XRL9qyhvWRZ4fyH3p3g1IRXuToYk5nxzy-xjEVwU_ZztrPukEAf/s0/wolf-of-wall-street-film.webp" /></a></div><div><br /></div><div><br /></div><div><ol style="text-align: left;"><li>ट्रेडिंग प्लेसेज - <b>Trading Places</b> (1983) </li><li>वॉल स्ट्रीट - <b>Wall Street</b> (1987) </li><li>अदर पीपुल्स मनी - <b>Other People's Money</b> (1991)</li><li>बारबेरियंस एट द गेट - <b>Barbarians at the Gate</b> (1993) </li><li>रोग ट्रेडर - <b>Rogue Trader</b> (1999) </li><li>बॉयलर रूम - <b>Boiler Room</b> (2000) </li><li>वॉल स्ट्रीट वारियर्स - <b>Wall Street Warriors</b> (2006) </li><li>मिलियन डॉलर ट्रेडर्स - <b>Million Dollar Traders</b> (2009) </li><li>मार्जिन कॉल <b>Margin Call</b> (2011) </li><li>टू बिग टू फेल - <b>Too Big to Fail</b> (2011) </li><li>वॉल स्ट्रीट - मनी नेवर स्लीप्स - <b>Wall Street – Money Never Sleeps</b> (2011) </li><li>आर्बीट्रॉज - <b>Arbitrage</b> (2012) </li><li><b>द वोल्फ ऑफ वॉल स्ट्रीट - The Wolf of Wall Street</b> (2013) </li><li>द बिग शॉर्ट - <b>The Big Short</b> (2015) </li><li>इक्विटी - <b>Equity</b> (2016)</li><li>मनी मॉन्स्टर - <b>Money Monster</b> (2016)</li></ol><br />
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<br /> <h2 id="Documentary">स्टॉक मार्केट पर डाक्यूमेंटरी</h2></div><ol style="text-align: left;"><li>बूम डस्ट बूम - <b>Boom Bust Boom</b> -- Strengths & Weaknesses of US economy</li><li>ट्रेडर - <b>Trader</b> -- Documentary on legendary trader Paul Tudor Jones</li><li>बिकमिंग वारेन बफेट - <b>Becoming Warren Buffett</b> -- Documentary on Buffett's upbringing</li><li>25 मिलियन पाउन्ड - <b>25 Million Pounds</b> -- Financial & Thriller documentary</li><li>द चाइना हसल - <b>The China Hustle</b> (2018) – Finance & Trade Documentary </li><li>द कॉरपोरेशन - <b>The Corporation</b> (2003) -- Finance Documentary</li><li>बिलियन डॉलर डे - <b>Billion Dollar Day</b> (1985) - Documentary</li><li>द एसेन्ट ऑफ मनी - <b>The Ascent of Money</b> (2008) -- Finance Documentary</li><li>केपिटलिज्म - ए लव स्टोरी - <b>Capitalism: A Love Story</b> (2009) -- Finance Documentary </li><li>फलोर्ड - <b>Floored</b> (2009) -- Stock Trading Documentary </li><li>इनसाइड जॉब - Inside Job (2011) – Financial Crisis 2008, Finance Movie </li><li>बेटिंग ऑन जीरो - <b>Betting On Zero</b> -- Big bet on short selling on one company</li><li>हैंक: 5 ईयर्स फ्रोम द ब्रिंक - <b>Hank: 5 Years from the Brink</b> -- Bailout of the banking system in 2008</li><li>चेजिंग मैडॉफ - <b>Chasing Madoff</b> (2011)</li><li>मनी फॉर नथिंग - <b>Money for Nothing</b> (2013)</li></ol><h2 id="Conclusion" style="text-align: left;">आखिरी बात</h2><div><br /></div><div>तो ये सब जो <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE?&max-results=7">फिल्में</a> जो शेयर बाजार पर आधारित हेैं, उनको आपको जरूर देखना चाहिये यदि आप स्टॉक मार्केट में थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी लेते हैं। </div><div><br /></div><div>हालीवुड की कुछ <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AE?&max-results=7">फिल्में</a> तो वैसे भी बहुत प्रसिद्ध हैं, उनको तो बिना शेयर बाजार के केवल रोमांच और अच्छे अभिनय तथा कथानक के लिये देखा जा सकता है।</div>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-50224093099680500672020-08-18T15:10:00.047+05:302020-08-18T19:53:23.829+05:30नोबेल पुरस्कार और भारतीय <h2 style="text-align: left;">नोबेल पुरस्कार और भारतीय </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhImssbtygvaxAJOMXQEGkaW5hrtXN8NYhXrUKBA8BSd1PIsB6apbqMtL69eRoteCU7aYvluIjp6qoOfxK37-6FrxUtzhZe_kRtU2hmBqQjpyeurInMgC_yIwgtA_RU_0ZwbwcDSMkrlg4B/s741/Nobel-Prize-Nominated-Indians.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Nobel Prize Winner Indians" border="0" data-original-height="317" data-original-width="741" height="274" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhImssbtygvaxAJOMXQEGkaW5hrtXN8NYhXrUKBA8BSd1PIsB6apbqMtL69eRoteCU7aYvluIjp6qoOfxK37-6FrxUtzhZe_kRtU2hmBqQjpyeurInMgC_yIwgtA_RU_0ZwbwcDSMkrlg4B/w640-h274/Nobel-Prize-Nominated-Indians.webp" title="Nobel Prize Winner Indians" width="640" /></a></div><p><br /></p><p>पिछली 2 सदी पहले से (वर्ष 1901 से) जब से नोबेल पुरस्कार आरम्भ हुये हैं, भारत ने कुछ बहुत ही बुद्धिमान मेधा शक्ति वाले नोबेल पुरस्कार पाने वाले या नामांकित होने वाले लोगों की सूची में अपना योगदान दिया है।</p><br /><p>भारत के निवासी या फिर भारतीय मू्ल के पूरी दुनिया भर में फैले लोगों का अर्थशास्त्र, साहित्य, विज्ञान, दवाई और शांति के क्षेत्र में वार्षिक नोबेल पुरस्कार के लिये नामांकन किया जाता रहा है।</p><br /><p>हम यहाँ पर भारतीय मूल के ऐसे ही सभी लोगों के बारे में यहां पर जानेंगे जो किसी न किसी क्षेत्र में कभी नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया है।</p><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">1. महात्मा गांधी</h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjyJ-n_5mKmRL_hwGhZ5mVeIJoGT6fPJg71k-gOk9tAbW4QXxYyo2YJjCmFMVY-86O8elvPJxQO-yWXMSPzFtK1mEZErTtBHUA0AKX2vBOzJEzOGICatMdpnYmx2bm1GJ0qFHUcMHmibtFP/s608/gandhiji-nominated-nobel-peace-prize.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Mahatma Gandhi महात्मा गांधी" border="0" data-original-height="608" data-original-width="422" height="640" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjyJ-n_5mKmRL_hwGhZ5mVeIJoGT6fPJg71k-gOk9tAbW4QXxYyo2YJjCmFMVY-86O8elvPJxQO-yWXMSPzFtK1mEZErTtBHUA0AKX2vBOzJEzOGICatMdpnYmx2bm1GJ0qFHUcMHmibtFP/w444-h640/gandhiji-nominated-nobel-peace-prize.webp" title="Mahatma Gandhi" width="444" /></a></div><p><br /></p><p>महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार देने के नामांकन करने वाली समिति ने 5 बार 1930 से 1940 के बीच चयन किया पर किसी भी वर्ष में उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया। इस वजह से नोबेल पुरस्कार समिति की काफी आलोचना हुई और अभी तक होती है। </p><br /><p>सन 2006 में नोबेल पुरस्कार समिति के सचिव ने अपने एक बयान में महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार न देने के फ़ैसले को अपने उस समय तक के 106 वर्ष के इतिहास में सबसे खेदजनक बात बताया था।</p><br /><p>महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने अंग्रेजों के ख़िलाफ़ भारत केस्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था। वो एक समाज सुधारक भी थे।</p><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">2. रवीन्द्रनाथ टैगोर </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgrsqseuoBS4mH3rewR7hX7USH40_sZbjOBSfpbE6HB-ygwsjgMoNfrgKQ7zbA1LAvDsrL0noLRM2REvaQKvpKFfAf3pfgXTypks0X9rrkHANNFSnAXAIV9brh3t0lhkk5lLeFPCbid8qwx/s566/tagore-nominated-nobel-prize-literature.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Ravindranath Tagore रवीन्द्रनाथ टैगोर" border="0" data-original-height="566" data-original-width="440" height="640" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgrsqseuoBS4mH3rewR7hX7USH40_sZbjOBSfpbE6HB-ygwsjgMoNfrgKQ7zbA1LAvDsrL0noLRM2REvaQKvpKFfAf3pfgXTypks0X9rrkHANNFSnAXAIV9brh3t0lhkk5lLeFPCbid8qwx/w498-h640/tagore-nominated-nobel-prize-literature.webp" title="Ravindranath Tagore" width="498" /></a></div><p>रवीन्द्रनाथ टैगोर भारत के एक कवि, लेखक, संगीतकार, कलाकार, शिक्षाविद और दार्शनिक थे। वो यूरोप से बाहर के पहले व्यक्ति और साथ ही साथ पहले भारतीय भी थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था। </p><br /><p>रवींद्रनाथ टैगोर को सन 1913 में साहित्य के क्षेत्र में में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। </p><br /><p>रवींद्रनाथ टैगोर ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय की स्थापना आज के पश्चिम। बंगाल स्थित शांति निकेतन नामक स्थान पर की थी। </p><br /><p>रवींद्रनाथ टैगोर के योगदान का संगीत और साहित्य में बहुत ही व्यापक असर देखा जा सकता है।</p><p><br /></p><h2 style="text-align: left;">3. चन्द्रशेखर वेंकटरामन </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhxafFFEfB0v2P7Ii98QrWviO3wKigYiE8cp7-KT7gqkExjiPag23e3LtGjRrEN5wIbp6WaHkdLHZywaWmJSF3fXkXr5d8pGWFyUXS_1vA-V2lmUXOjA9rfxvOPZ0gp1RsuVx-xis0rJSE5/s630/cv-raman-nominated-nobel-prize-physics.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="CV Raman चन्द्रशेखर वेंकटरामन" border="0" data-original-height="630" data-original-width="479" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhxafFFEfB0v2P7Ii98QrWviO3wKigYiE8cp7-KT7gqkExjiPag23e3LtGjRrEN5wIbp6WaHkdLHZywaWmJSF3fXkXr5d8pGWFyUXS_1vA-V2lmUXOjA9rfxvOPZ0gp1RsuVx-xis0rJSE5/d/cv-raman-nominated-nobel-prize-physics.jpg" title="CV Raman" /></a></div><p>प्रसिद्ध वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकटरामन ने मद्रास (अब चेन्नई) के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज से स्नातक (ग्रेजुएशन) गोल्ड मैडल (स्वर्ण पदक) के साथ पास किया था। बाद में उन्होंने अपनी विज्ञान में परास्नातक M.Sc. डिग्री मद्रास विश्वविद्यालय से विशिष्टता (Distinction) के साथ पास की।</p><br /><p>चन्द्रशेखर वेंकटरामन को विज्ञान में प्रकाश छितराव (light scattering) के क्षेत्र में उनकी विशेष शोध जिसे ‘रमन इफ़ेक्ट’ के नाम से जाना जाता है, के लिये वर्ष 1930 में भौतिकी (Physics) केक्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। </p><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">4. हर गोबिन्द खुराना </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgm18OW5GZ7zEizHqhHvz1TKoQJUxe0Avcf52xmS1LEsmL88RWeP_UHn8t36UGEo4GnQwlkyBl9QN2VALMXBgcvUBZqWjsprA2b1RgVZl0zuK1Asqbi3sKdgZpfbLeysRDYoJLuiXp9KCkx/s581/hargoving-khorana-nominated-nobel-prize-medicine.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Hargobind Khorana हर गोबिन्द खुराना" border="0" data-original-height="581" data-original-width="414" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgm18OW5GZ7zEizHqhHvz1TKoQJUxe0Avcf52xmS1LEsmL88RWeP_UHn8t36UGEo4GnQwlkyBl9QN2VALMXBgcvUBZqWjsprA2b1RgVZl0zuK1Asqbi3sKdgZpfbLeysRDYoJLuiXp9KCkx/d/hargoving-khorana-nominated-nobel-prize-medicine.webp" title="Hargobind Khorana" /></a></div><p>हर गोबिन्द खुराना जो कि एक प्रसिद्ध जीव रसायनज्ञ (Biochemist) थे, उनको दवाई (औषधि - Medicine) के क्षेत्र में वर्ष 1968 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।</p><br /><p>हर गोबिन्द खुराना जी एक ऐसे परिवार से आते हैं जिसमें वो ही पंजाब में रहने वाले अपने परिवार केअकेले पढ़ने लिखने वाले सदस्य थे। डाक्टर हर गोबिन्द खुराना ने अपनी B.Sc. और M.Sc. पंजाब विश्वविद्यालय से की थी और अपना क्षोध (Ph.D.) लिवरपूल विश्वविद्यालय से किया था। </p><br /><p>हर गोबिन्द खुराना के काम की वजह से वैज्ञानिकों को आनुवंशिक कोड की व्याख्या (decipher the genetic code) करने में सुविधा प्राप्त हुई। ये रिसर्च आणविक जीवविज्ञान (Molecular biology) के क्षेत्र में ये एक मील का पत्थर साबित हुई है।</p><p><br /></p><h2 style="text-align: left;">5. मदर टेरेसा </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj6nyr1A2wgqksfjMHKEHOMI_s8vVnH-1rH3-tr2pv3bCxZuKaBBKzMI5x7rKJmfXSDafFPciAzeqx6gUify9XoIRUTyrGEt4fKvKq8A4dw_ChyphenhyphenmRxKjnajXYxhFvgPVl2KngObOLawGwzy/s475/mother-teresa-nominated-nobel-peace-prize.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Mother Teresa मदर टेरेसा" border="0" data-original-height="475" data-original-width="399" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj6nyr1A2wgqksfjMHKEHOMI_s8vVnH-1rH3-tr2pv3bCxZuKaBBKzMI5x7rKJmfXSDafFPciAzeqx6gUify9XoIRUTyrGEt4fKvKq8A4dw_ChyphenhyphenmRxKjnajXYxhFvgPVl2KngObOLawGwzy/d/mother-teresa-nominated-nobel-peace-prize.jpg" title="Mother Teresa" /></a></div><p><br /></p><p>मदर टेरेसा जो कि एक मानवतावादी थी और ईसाइयत में उनके को संत की उपाधि दी गई है, उनको शांति के लिये 1979 वर्ष में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।</p><br /><p>मदर टेरेसा ने अपना पूरा जीवन लोगों की ख़ासकर ग़रीबों की सेवा में लगा दिया।</p><br /><p>मदर टेरेसा को 1980 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। </p><p><br /></p><h2 style="text-align: left;">6. सुब्रहमण्यम चन्द्रशेखर </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjVoHyPXnfK_s8Y4tcqJ6rfOTT2mF3rXe6RL37mHjlVdsIy0mXGZWjOupA4rl3tDzOldgMIdlGAOWOKk3KCAfPFIccmHHq9UfaVc-Zv5NdY7cJuiWgJZUAih-DP4pFWN-fgJa_tKZqzz5XA/s573/subrahmanyn-chandrashekhar-nominated-nobel-prize-physics.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Subrahmanyan Chandrashekhar सुब्रमण्यम चन्द्रशेखर" border="0" data-original-height="573" data-original-width="475" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjVoHyPXnfK_s8Y4tcqJ6rfOTT2mF3rXe6RL37mHjlVdsIy0mXGZWjOupA4rl3tDzOldgMIdlGAOWOKk3KCAfPFIccmHHq9UfaVc-Zv5NdY7cJuiWgJZUAih-DP4pFWN-fgJa_tKZqzz5XA/d/subrahmanyn-chandrashekhar-nominated-nobel-prize-physics.webp" title="Subrahmanya Chandrashekhar" /></a></div><p>सुब्रहमण्यम चन्द्रशेखर ने खगोल शास्त्र (Astronomy) में बहुत काम किया है और भौतिकी और खगोल विज्ञान को मिलाकर उन्होंने विज्ञान की एक नई विधा को जन्म दिया है। </p><br /><p>सुब्रहमण्यम चन्द्रशेखर ने भौतिकी में अपनी B.Sc. डिग्री चेन्नई के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से ली और फिर M.Sc. और Ph.D. डिग्री को उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त किया।</p><br /><p>वर्ष 1983 में विज्ञान के भौतिकी क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया।</p><br /><p>इनके सम्मान में अमेरिका के नासा संस्थान ने ब्रह्मांड में एक्स-रे अध्ययन के लिये वेधशाला का नाम चन्द्र वेधशाला रख दिया है। </p><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">7. दलाई लामा</h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfJqDDPgQshAl677-B-dQx6BdIrrSCFEFKM6IFMpKGhL3nKWiLeDVxHI-hL8UcgoLq1sWopZdWce_hCciaR-TWgVc0Hc8yB6ZcNMgKGgmuYbPMR_Yn14T2WqCqOufDUDPvGH5dXQL09fWO/s614/dalai-lama-nominated-nobel-peace-prize.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Dalai Lama दलाई लामा" border="0" data-original-height="614" data-original-width="365" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhfJqDDPgQshAl677-B-dQx6BdIrrSCFEFKM6IFMpKGhL3nKWiLeDVxHI-hL8UcgoLq1sWopZdWce_hCciaR-TWgVc0Hc8yB6ZcNMgKGgmuYbPMR_Yn14T2WqCqOufDUDPvGH5dXQL09fWO/d/dalai-lama-nominated-nobel-peace-prize.webp" title="Dalai Lama" /></a></div><p>दलाई लामा कोई भारतीय नहीं हैं और न ही भारतीय मूल के है। लेकिन क्योंकि वो निर्वासन में लंबे समय से भारत में रह रहे हैं, वो एक तरह से भारत के नागरिक के तौर पर देखे जा सकते हैं। </p><br /><p>तिब्बती धार्मिक राजनैतिक परंपरा के 14वें दलाई लामा के रूप में तेंजिंग ग्यात्सो को 1989 में शांति के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया।</p><p><br /></p><h2 style="text-align: left;">8. विद्याधर सूरजप्रसाद नईपॉल</h2> <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhLMCnPSe9Z6hUDnPfgxjSVG9ouxzNX8YwBecUBFoazEXeyQIAN528KjeSCE2eYensZvead7y4KDXI5EaHFXTtAFIible_qW-h43y77Wd8fmPm_qY2xWrmmHtIdxeImNsKR52MJ-vhyphenhyphenR7wm/s545/naipaul-nominated-nobel-prize-literature.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="VS Naipaul नईपॉल" border="0" data-original-height="545" data-original-width="436" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhLMCnPSe9Z6hUDnPfgxjSVG9ouxzNX8YwBecUBFoazEXeyQIAN528KjeSCE2eYensZvead7y4KDXI5EaHFXTtAFIible_qW-h43y77Wd8fmPm_qY2xWrmmHtIdxeImNsKR52MJ-vhyphenhyphenR7wm/d/naipaul-nominated-nobel-prize-literature.webp" title="VS Naipaul" /></a></div><p>भारतीय मूल के विद्याधर सूरजप्रसाद नईपॉल का परिवार उन्नीसवीं सदी में भारत से दक्षिणी अमेरिका के कैरेबियन इलाके के देश त्रिनीडाड में आकर बस गया था। </p><br /><p>त्रिनीडाड और इसके पास के सूरीना और गयाना इत्यादि इलाकों में अंग्रेजों द्वारा बड़ी संख्या में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के के लोगों को खेती करने के लिये ला कर बसाया गया था।</p><br /><p>नईपॉल ने उपनिवेशवाद (Colonisation) पर काफी कुछ लिखा है। भारत में अपनी पूर्वजों की जड़ों से वो काफी जुड़े हुये थे। अंग्रेजी सरकार ने उनको 'सर' की उपाधि से सम्मानित किया था। </p><br /><p>सर नईपॉल को साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान के लिये सन 2001 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।</p><p><br /></p><h2 style="text-align: left;">9. वेंकटरमन रामाकृष्णन</h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgP3unsFnmXBayt9BtFQuBeDD3X-PWl0plMRxSUsQ4LKaUbk-GDsyVBZhtrKCs0ElrptXHph8xZ55xAjshfjBTzOCMQjZw9HBKsKeSVK7potqfFqPh8J_quNalwabMksT3M6f60beEFmVKT/s655/v-ramakrishnan-nominated-nobel-prize-chemistry.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="V Rama Krishnan वेंकटरमन रामाकृष्णन" border="0" data-original-height="655" data-original-width="459" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgP3unsFnmXBayt9BtFQuBeDD3X-PWl0plMRxSUsQ4LKaUbk-GDsyVBZhtrKCs0ElrptXHph8xZ55xAjshfjBTzOCMQjZw9HBKsKeSVK7potqfFqPh8J_quNalwabMksT3M6f60beEFmVKT/d/v-ramakrishnan-nominated-nobel-prize-chemistry.jpg" title="V Rama Krishnan" /></a></div><p>वेंकटरमन रामाकृष्णन जो कि एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी, आणविक जीव-विज्ञानी और रसायनज्ञ हैं, ने अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई बड़ौदा विश्वविद्यालय से और फिर भौतिकी में अपनी क्षोध पढ़ाई अमेरिका के ओहियो विश्वविद्यालय से की थी। </p><p><br /></p><p>पहले से ज्ञात एक्स-रे क्रिस्टल-विज्ञान से उन्होंने हजारों अणुओं से बने राइबोसोम को मानचित्रित कर दिया था। इससे एंटीबायोटिक के उत्पादन में बहुत सहायता मिली।</p><br /><p>वर्ष 2009 में वेंकटरमन रामाकृष्णन को रसायन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।</p><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">10. अमर्त्य सेन</h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgsYJ4FCeeJDuG1vNdc0djTT8DfQPEtOQh6NKXOY5vNjbHHjDugUHxflA8wNI8tXcmk-jePEp0yoZwMnuQi5M4LoxwJa8G6BtZGOpaawnunve00uvHPJdvj3NnfrLRkl2avDvU1u9545qQB/s576/Amartya-sen.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Amartya Sen अमर्त्य सेन" border="0" data-original-height="576" data-original-width="400" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgsYJ4FCeeJDuG1vNdc0djTT8DfQPEtOQh6NKXOY5vNjbHHjDugUHxflA8wNI8tXcmk-jePEp0yoZwMnuQi5M4LoxwJa8G6BtZGOpaawnunve00uvHPJdvj3NnfrLRkl2avDvU1u9545qQB/d/Amartya-sen.webp" title="Amartya Sen" /></a></div><p><br /></p><p>अमर्त्य सेन ने कलकत्ता के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज से और कैम्ब्रिज के त्रिनिटी कॉलेज से अपनी पढ़ाई की है। </p><br /><p>अमर्त्य सेन को 1998 में कल्याणकारी अर्थशास्त्र (Welfare Economics) के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया था। वर्ष 1999 में उनको भारत रत्न की उपाधि भी दी गई थी।</p><p><br /></p><h2 style="text-align: left;">11. कैलाश सत्यार्थी</h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjw4u8VF9RWCizQjR2Q-Iynr-R6bEH7Rc0SVpM6EFuP5jNT47bHQzBVRT9qkZQ8BCrZ1QzTCTjek_YauNB5Y50W5-psoY6kamDjGjBa6XktMPC6MeTgapy-5gHUJk1_Md5iscMyMjK6H76v/s492/kailash-satyarthi-nominated-nobel-peace-prize.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Kailash Satyarthi कैलाश सत्यार्थी" border="0" data-original-height="492" data-original-width="430" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjw4u8VF9RWCizQjR2Q-Iynr-R6bEH7Rc0SVpM6EFuP5jNT47bHQzBVRT9qkZQ8BCrZ1QzTCTjek_YauNB5Y50W5-psoY6kamDjGjBa6XktMPC6MeTgapy-5gHUJk1_Md5iscMyMjK6H76v/d/kailash-satyarthi-nominated-nobel-peace-prize.webp" title="Kailash Satyarthi" /></a></div><p>कैलाश सत्यार्थी एक प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता हैं। कैलाश सत्यार्थी ने भोपाल विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग से अपनी पढ़ाई की है। उन्होंने हजारों बाल-मजदूरों को गुलामों जैसी जिन्दगी से बाहर निकाला है।</p><br /><p>कैलाश सत्यार्थी के प्रयासों से ही भारत सरकार ने बाल मजदूर अधिनियम बनाया था और बाल-श्रम को प्रतिबंधित किया गया है और बाल-श्रम कराने वालों को कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।</p><br /><p>वर्ष 2014 में उनको पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के साथ शांति के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया।</p><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">12. मलाला यूसुफजई </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh1Ec_J5HN5BIS6Bb0EXW-lTTV7_gmUFssQ_gkumNqGxRa7-Q1JSDzsM1tiZEb5hyphenhyphenUYQ4GcbylJl3UcN3KnfEolFfEBUk-9pL494b16HT0kFGZPQrMFllm1IydMsZcSZkwZBenSOrZBA7l0/s199/malala-yousufjay-nominated-nobel-peace-prize.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Malala Yousufjay मलाला यूसुफजई" border="0" data-original-height="157" data-original-width="199" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh1Ec_J5HN5BIS6Bb0EXW-lTTV7_gmUFssQ_gkumNqGxRa7-Q1JSDzsM1tiZEb5hyphenhyphenUYQ4GcbylJl3UcN3KnfEolFfEBUk-9pL494b16HT0kFGZPQrMFllm1IydMsZcSZkwZBenSOrZBA7l0/d/malala-yousufjay-nominated-nobel-peace-prize.jpg" title="Malala Yousufjay" /></a></div><p>जी हां मलाला यूसुफजई! आप कहेंगे कि मलाला यूसुफजई तो पाकिस्तानी है वो भारतीयों की सूची में शाामिल कैसे है? पर मेरा कहना है कि एक तो ऊपर के कई लोग जो लोग या तो नोबेल पुरस्कार के लिये नामांकित या दिया गया वो कौन से भारत के निवासी हैं, वो सब भारतीय मूल के हैं।</p><br /><p>तो हमारे अनुसार पाकिस्तान और बंग्लादेश के लोग भारतीय मूल के हैं और वो लोग 1947 से पहले तो भारतीय ही थे न। अलग देश बनने से वो अपने मूल से तो नहीं कट जायेंगे, भले ही वो माने या नहीं।</p><br /><p> मलाला यूसुफजई ने तालीबान के विरोध के लिये अपने संघर्ष के लिये अपने प्राणों को दांव पर लगा दिया था। इसके लिये उसको 2014 का शांति के लिये नोबेल पुरस्कार दिया गया है।</p><p><br /></p><h2 style="text-align: left;">13. अभिजीत बनर्जी</h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjGp6-KzkTcTTOXm_w6thBdIkFiz9F4MqLZjYmZ9xkQrW5oQ6z91DBBTcvHoiMy_ZjrxcbZ2lgWxSRvSDJYT8v5-FKgXhJKy7IbKU_I_KkrwKzziPY56hMHKI6SCHhw0g1HYr9xFm0TrPZh/s556/abhijit-banerjee-nominated-nobel-prize-economics.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Abhijit Banerjee अभिजीत बनर्जी" border="0" data-original-height="556" data-original-width="315" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjGp6-KzkTcTTOXm_w6thBdIkFiz9F4MqLZjYmZ9xkQrW5oQ6z91DBBTcvHoiMy_ZjrxcbZ2lgWxSRvSDJYT8v5-FKgXhJKy7IbKU_I_KkrwKzziPY56hMHKI6SCHhw0g1HYr9xFm0TrPZh/d/abhijit-banerjee-nominated-nobel-prize-economics.webp" title="Abhijit Banerjee" /></a></div><p>अभिजीत बनर्जी को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में वर्ष 2019 का नोबेल पुरस्कार उनके साथी क्षोधकर्ता एस्थर दफलो और माइकल क्रेमर के साथ उनके गरीबी उन्मूलन के लिये प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिये दिया गया है। </p><br /><p>अभिजीत बनर्जी ने अपनी पढ़ाई कलकत्ता विश्वविद्यालय, दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय से की है। </p>
Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-47596691099351316932020-08-14T13:34:00.005+05:302020-08-14T15:04:58.422+05:30केरल के वर्कला बीच की यात्रा<h2 style="text-align: left;"> केरल के वर्कला बीच की यात्रा </h2><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiyn-tp2_z7DhXECGm3Y5TUYPLJc8c2vh781jjUyD4ObctB1plfYroFRe_kkTj6Ws1v7IHdEY-6McXSRq62WZ_z5kWX3MhtyCtTYCaZv-IVJ2SeGYGVWTD93Z4mnrqW3YwzIQPYC7QermIC/s702/Varkala-Beach-1.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Varkala Beach" border="0" data-original-height="528" data-original-width="702" height="481" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiyn-tp2_z7DhXECGm3Y5TUYPLJc8c2vh781jjUyD4ObctB1plfYroFRe_kkTj6Ws1v7IHdEY-6McXSRq62WZ_z5kWX3MhtyCtTYCaZv-IVJ2SeGYGVWTD93Z4mnrqW3YwzIQPYC7QermIC/w640-h481/Varkala-Beach-1.webp" title="Varkala Beach" width="640" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><br />पिछले साल के अंत में (दिसम्बर) हम लोग केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम और वहां से कन्याकुमारी की यात्रा पर गये थे। तिरुवनंतपुरम में हमने प्रसिद्ध पद्मनाभ मंदिर, मंदिर के पास का संग्रहालय, शहर के अन्य मंदिर और वहां पर स्थित समुद्र तटों की यात्रा की। तिरुवनंतपुरम या त्रिवेंद्रम में हम लोग शंगमुखम बीच, प्रसिद्ध कोवलम बीच और बहुत ही सुंदर <b>वर्कला बीच</b> गये। Trip to Varkala Beach in Kerala. <br /><br />यूं केरल की खूबसूरती के बारे में जितना कहा जाए उतना ही कम है, लेकिन जब हम <b>वर्कला बीच की यात्रा</b> (Keral ke Varkala Beach ki Yatra) कर के वहां पहुंचे तो हम लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वर्कला बीच हमारे द्वारा देखे गये आज तक के सभी समुद्र तटों में से सबसे ज्यादा खूबसूरत है। <div><br /></div><div>केरल के खूबसूरत बीचों की लिस्ट में सबसे पहले नाम वर्कला बीच का आता है। वर्कला उन लोगों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है, जो प्रकृति की गोद में आध्यात्मिक शांति की तलाश करते हैं। दक्षिणी केरल के इस छोटे से गांव में ऐसी शांति और सुकून है, जो और जगहों पर नहीं मिलती।<div><br /></div><div>हमने भारत के बहुत से समुद्र तटों की यात्रा की है, लेकिन हमारे अनुसार वर्कला बीच इन सब से ज्यादा सुंदर है।</div><br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">वर्कला बीच की भौगोलिक स्थिति</h2><div><br /></div><div>वर्कला बीच, जिससे पापनासम बीच का नाम से भी जाना जाता है, तिरुवनंतपुरम के उत्तर में करीब 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित समुंदर-तट है। यह अरब सागर और हिन्द महासागर का हिस्सा है। 'पापनासम' शब्द का अर्थ है 'पापों का विनाश'। ऐसा माना जाता है कि पापनासम बीच में स्नान करने से पापों का विनाश हो जाता है।</div><div><br /></div><div>वर्कला अपने 2,000 वर्ष पुराने जनार्दन स्वामी मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है जो कि भगवान विष्णु का मंदिर है। वर्कला में एक अन्य प्रसिद्ध स्थल है समाज सुधारक श्री नारायण गुरु द्वारा स्थापित सिवगिरी मठ। पहाड़ी की चोटी पर स्थित श्री नारायण गुरु की समाधि केरल में सबसे प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है।</div><div><br /></div><div>सर्दियों का मौसम इस जगह की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय होता है। वर्कला ही केरल में एकमात्र ऐसी जगह है जहां पहाड़ियां, समुद्र के निकट हैं। यहां पर समुद्र बीच पर जाने के लिये नीचे जाना पड़ता है। </div><div><br /></div><div><span style="text-align: justify;">समुद्र किनारे बसा और विदेशियों का पसंदीदा वर्कला बीच असल में समुद्र तल से खासी ऊंचाई पर है। वर्कला के आसपास पश्चिमी घाट की चट्टानें समुद्र से थोड़ी दूरी पर न होकर बिल्कुल किनारे पर हैं। इन्हीं में से दो चट्टानों पर बसा है वर्कला। इनमें से एक है नॉर्थ क्लिफ और दूसरी साउथ क्लिफ और तीखी ढलान वाली इन चट्टानों की तलहटी में हैं चमचमाती रेत वाले किनारे।</span></div><br />
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<br /><div>उपर चट्टानी टीले पर बहुत सी कपड़ों की और अन्य उपयोगी सामान की दुकानें हैं। इन दुकानों के पीछे बहुत सारे होटल और रेस्टोरेंट हैं। इन सब के बीच में जो बीच पर जाने का रास्ता है उसके बांयी तरफ नीचे खूबसूरत बीच और दांयी और दुकानें और होटल स्थित हैं। </div><div><br /></div><div>जब आप वर्कला पहुंचते हैं तो सबसे पहले पार्किंग से ही नीचे की सुंदर बीच दिखता है। पूरा नजारा ऐसा है कि यदि आप नीचे समुद्र को देखेंगे तो देखते ही रह जायेंगे। आप को ऐसा लगेगे कि काश समय थम जाये और आप जी भर के इस खूबसूरत नजारे को देखते रहें।<br /><br /><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEific609s2UdNbmatLKFJafAhIH0s1sztZ-1RL86OGajIQemBoD6OPkDQ0HHcwt7OfT442QJbR6uxxoaxgk9C82nXRu9WDhSneRZXZktXa_JrvJVgR6pI-LPoBkLuGBXCdQ4XFYE9PkM8IE/s572/Varkala-Raod-Map.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Varkala Beach Kerala वर्कला बीच" border="0" data-original-height="572" data-original-width="546" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEific609s2UdNbmatLKFJafAhIH0s1sztZ-1RL86OGajIQemBoD6OPkDQ0HHcwt7OfT442QJbR6uxxoaxgk9C82nXRu9WDhSneRZXZktXa_JrvJVgR6pI-LPoBkLuGBXCdQ4XFYE9PkM8IE/d/Varkala-Raod-Map.webp" title="Varkala Beach Kerala वर्कला बीच" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br style="text-align: left;" /><h2 style="text-align: justify;"><b>वर्कला समुद्र तट कैसे पहुंचे?</b></h2><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><span style="text-align: left;"> </span>वर्कला बीच <span style="text-align: left;">तिरुवनंतपुरम </span>(त्रिवेंद्रम)<span style="text-align: left;"> के उत्तर में करीब 40 किलोमीटर </span>और कोल्लम शहर से 37 किमी. दूर दक्षिण - पश्चिम में स्थित है। दक्षिण भारत के सभी महत्वपूर्ण शहरों से वर्कला के लिए बस सेवाएं चलाई जाती हैं। वर्कला में रेलवे स्टेशन भी है और यहां का निकटतम हवाई अड्डा तिरूवंनतपुरम में है। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">हम लोगों ने त्रिवेंद्रम से<span style="text-align: left;"> </span>वर्कला पहुंचने के लिये ओला टैक्सी की थी। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><div>वर्कला भारत के दक्षिण-पश्चिमी छोर पर स्थित है। यहाँ का मौसम उष्ण-कटिबंधीय है। मार्च और मई के बीच के महीनों में यहाँ का मौसम बहुत ही गर्म और आर्द्र रहता है, जिसके कारण इसकी एक अनुपयुक्त पर्यटन स्थल के रूप में गणना की जाती है। </div><div><br /></div><div>पर्यटक दिसंबर से लेकर मार्च के महीनों में यहाँ की यात्रा करना काफी पसंद करते हैं। इस समय यहाँ मौसम सुखद रहता है। हम लोग भी दिसंबर माह में ही वहां घूमने गये थे।</div></div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjX7fcxfaDxx0IUSHAsAMnAtblKecvjrnvok-ESNKgUtEKWlCLq2_tzRbcLUAVOss7wSbAFjah6xwQ4q9xzg8s3ketU6QOF5gVCS2POtqAaqFNGTAsvc3RjQWJYR6_FP3ZS6UkYE1zVpBsU/s800/Verkala-Beach-2.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Varkala Beach View" border="0" data-original-height="533" data-original-width="800" height="426" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjX7fcxfaDxx0IUSHAsAMnAtblKecvjrnvok-ESNKgUtEKWlCLq2_tzRbcLUAVOss7wSbAFjah6xwQ4q9xzg8s3ketU6QOF5gVCS2POtqAaqFNGTAsvc3RjQWJYR6_FP3ZS6UkYE1zVpBsU/w640-h426/Verkala-Beach-2.webp" title="Varkala Beach View" width="640" /></a></div><h2 style="text-align: justify;">वरकला बीच का वर्णन</h2><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">त्रिवेंद्रम का वर्कला बीच एक लंबा साफ सुथरा ऐसा समुद्र तट है जिस पर समुद्र का पानी बहुत ही साफ हैं। भारत के अन्य समुद्र तटों से अलग यहां पानी बहुत ही साफ है और उसमें बालू बहुत ही कम मिश्रित है। किनारे की बालू भी एक दम साफ है और लगभग सफेद और सनहरे रंग की है। वरकला का बीच बहुत ही सुंदर करीब एक से ढेड़ किलोमीटर तक जहां तक कि निगाह जाती है, लंबा और बिलकुल सीधा है। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">बीच के एक ओर उूंचे चट्टानी टीले पर स्थित मुख्य जमीन है और दूसरी और लंबा उथला समुद्र है जिसमें आप काफी अंदर तक आराम से जा के समुद्री पानी में नहाने का मजा ले सकते हैं।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">उूंची चट्टानी वाली मुख्य भूमि पर ही पूरा वर्कला बसा हुआ है और वहां पर सैंकड़ों की संख्या में होटल, रेस्टोरेंट, होम स्टे, अतिथि गृह इत्यादि बने हुये हैं। हमें ऐसा लगा कि हनीमून वाले जोड़ों के लिये ये बिलकुल अच्छी जगह है जहां कम से कम एक रात तो रूका ही जा सकता है।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgojyPbpdHuamzNpMyHMFZ7hDqXx3bVQ3rlDYpPL3uZo8k_NnaUY72nVGTC1JBs86D63KB4iRbuZ_tqkl4N-6l-mxqiltudUNsdubCNdNXLy24xcEHGfqv0X0F72-YWdEtoatobL9iaamqe/s1000/Verkala-Beach-3.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="View from Varkala Beach" border="0" data-original-height="333" data-original-width="1000" height="213" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgojyPbpdHuamzNpMyHMFZ7hDqXx3bVQ3rlDYpPL3uZo8k_NnaUY72nVGTC1JBs86D63KB4iRbuZ_tqkl4N-6l-mxqiltudUNsdubCNdNXLy24xcEHGfqv0X0F72-YWdEtoatobL9iaamqe/w640-h213/Verkala-Beach-3.webp" title="View from Varkala Beach" width="640" /></a></div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">वर्कला बीच पर हमें भारतीयों के मुकाबले विदेशी सैलानी ज्यादा दिखे। भारत के समुद्री बीचों का मजा भारतीयों से ज्यादा विदेशी ही लेते हैं। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">सुंदरता में विदेशी सागर तटों को मात देता है <span style="text-align: left;">केरल राज्य के तिरुवनंतपुरम</span> का वर्कला बीच।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">वरकला बीच पर आनंद की कई मनोरंजक गतिविधियों जैसे सूरज स्नान, नाव की सवारी, सर्फिंग और आयुर्वेदिक मालिश की सुविधा आराम से मिल जाती है। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">वर्कला बीच से ही लगे हुये हैं '<b>पापनासम</b>' और '<b>कप्पिल</b>' बीच, समय निकाल कर आप वहां भी जा सकते है।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><br />
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<h2 style="text-align: justify;"><span style="text-align: left;"> </span>वर्कला बीच पर हमारी गतिविधियां</h2><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">त्रिवेंद्रम से <span style="text-align: left;"> </span>वर्कला बीच हम लगभग 1.30 (डेढ़) घंटे में पहुंच गये। रास्ते में हमने आईटी इंडस्ट्री के लिये बनाया गया आधुनिक टैक्नो पार्क देखा। यहां पर बहुत सारे उत्तर भारतीय तकनीकि इंजीनियर काम कर रहे हैं।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">पहले इसी टैक्नो पार्क के सामने स्थित सरवणा भवन शाकाहारी रेस्त्ररां (Restaurant) में हमने दोपहर का खाना (लंच) खाया और त्रिवेंद्रम टैक्नो पार्क के सामने खड़े होकर सेल्फी लेकर चल पड़े वरकला समुद्र तट की और।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">जब हमारी टैक्सी वरकला पर समुद्र किनारे उूंचे टीले पर स्थित पार्किंग पर पहुचे तो वहां से वर्कला बीच का पानी धूप की वजह से सुनहरा चमक रहा था। उस वक्त सूरज ढलान पर था और उसकी सुनहरी आभा से वर्कला का सफेद रेत वाला समंदर तट चमक रहा था।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"> कुछ देर वहां से सुंदर नजारा देख कर हम लोगों ने नीचे बीच पर जाने की शुरूआत की।</div><br />
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<br /><div style="text-align: justify;">रास्ते में हमने बच्चों के लिये समुद्र में नहाने के लिये कुछ कपड़ों को खरीदने के लिये दुकानों में सामान देखना शुरू किया। एक दुकान में हमें कुछ अच्छा सामान देख कर रुक कर आपस में बात करना शुरु किया तो दुकान में अपने छोटे बच्चे के साथ बैठी महिला ने शुद्ध उत्तर भारतीय हिंदी में हमसे पूछना शुरू कर दिया कि हम क्या खरीदना चाह रहे हैं और कैसा चाहते हैं। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">उससे बात करते करते पता चला कि उसका पूरा परिवार वहां रह रहा है और वो लोग अक्टूबर से मार्च के दौरान पर्यटन सीजन में दुकान किराये पर लकर वहां पर पर्यटकों को बने बनाये कपड़ों को बेचने का काम करते हैं। वो लोग राजस्थान से थे। वाकई लोग किस किस तरह का और कहां कहां पर अपना व्यवसाय करते हैं। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">वर्कला बीच पर हमने जम के समुद्र के साफ पानी में बच्चों के साथ नहाने का और पानी में मस्ती करने का आनंद लिया। पानी में ही नहाते नहाते वहां के बहुत ही सुंदर सूर्यास्त के दृश्य को देखा और साथ ही साथ हमने जम कर फोटोग्राफी भी की।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhSCR8YO6cg0SfX9KEVZzUq3VwjEWZxmsUWPaiMYXQLZqUU0qYQXv2WL8ifafMsJhX22M4SF1zVrVOuiPmqWchyi2mu8cJp_4OwomAvYl_xfHIAv5vPBxZ_NC66XhtEnWSFKtCsFe9YmcaY/s800/Verkala-Beach-4.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Varkala Beach Sunset" border="0" data-original-height="533" data-original-width="800" height="426" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhSCR8YO6cg0SfX9KEVZzUq3VwjEWZxmsUWPaiMYXQLZqUU0qYQXv2WL8ifafMsJhX22M4SF1zVrVOuiPmqWchyi2mu8cJp_4OwomAvYl_xfHIAv5vPBxZ_NC66XhtEnWSFKtCsFe9YmcaY/w640-h426/Verkala-Beach-4.webp" title="Varkala Beach Sunset" width="640" /></a></div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">भारत के समुद्र तटों पर अभी अच्छी मूलभूत सुविधाओं की कमी है जैसे कि समुंदर के नमकीन पानी में नहा कर जब निकलते हैं तो आपके लिये साफ ताजे नहाने के पानी की व्यवस्था नहीं होती है। वर्कला बीच पर आश्चर्यजनक रूप से चट्टानी पहाड़ियों में से प्राकृतिक रूप से झरने हैं, जिसमें आप अपने को साफ कर सकते हैं। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">हम लोगों ने भी ऐसे ही एक प्राकृतिक झरने में नहा कर अपने को साफ किया और कपड़े बदल कर वर्कला बीच की अपनी यात्रा पूरी की। लोगों से पूछने पर पता चला कि ये झरने पूरे साल भर पानी देते हैं।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">वर्कला के सागर किनारे खाने-पीने के कई अच्छे ठिकाने हैं, जहां ठंडी हवा के झोंकों के बीच डिनर किया जा सकता है। हम ने भी ऐसे ही एक रेस्टोरेंट में अपना डिनर किया और वापस अपने त्रवेंद्रम स्थित होटल के लिये अपनी टैक्सी जो कि पार्किंग में हमारी प्रतीक्षा कर रही थी के द्वारा चल पड़े। </div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;">वर्कला बीच की हमारी यात्रा यादों मे हमेशा रहेगी।</div><div style="text-align: justify;"><br /></div><div style="text-align: justify;"><b>देखें</b> - <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/यात्रा">यात्राओं से संबंधित अन्य ब्लॉग पोस्ट</a></div></div></div>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-40768927448582735792020-08-09T10:58:00.079+05:302023-12-11T13:06:26.326+05:30ट्रैवलिंग सफर शेर-शायरी मुहावरे गाने और वाक्य <h2 style="text-align: left;">ट्रैवलिंग यात्रा सफर पर्यटन सफर शेर-शायरी मुहावरे गाने और वाक्य</h2> <br /> <br /> <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVytOEiArbHX99RcqFm_qYDJ4FKEwP5ip3E6Y2uu6Bpl0nZ1mPrH1p67j78lcPOBFrGO7eIiPrO4_TG0rnl4vHSOQ0z7m1xsRYYw1pUd1U-apXq4sBLM2VKEERaYfC-Uoj8cNe6IJFl8o3/s600/travelling-quotes-sher-shayari-idioms.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="ट्रैवलिंग यात्रा सफर सैर शेर-शायरी मुहावरे वाक्य" border="0" data-original-height="399" data-original-width="600" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVytOEiArbHX99RcqFm_qYDJ4FKEwP5ip3E6Y2uu6Bpl0nZ1mPrH1p67j78lcPOBFrGO7eIiPrO4_TG0rnl4vHSOQ0z7m1xsRYYw1pUd1U-apXq4sBLM2VKEERaYfC-Uoj8cNe6IJFl8o3/d/travelling-quotes-sher-shayari-idioms.webp" title="ट्रैवलिंग यात्रा सफर सैर शेर-शायरी मुहावरे वाक्य" /></a></div> <br /> <br /> <br /> यूं आजकल <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/पर्यटन">पर्यटन ट्रैवलिंग</a> का शौक काफी बढ़ गया है। हर किसी को दुनिया घूमने का शौक़ नहीं होता, पर जिन्हें होता है वो ही जानते हैं कि जगह जगह घूमना क्या होता है। घमुक्कड़ ही पर्यटन के लिये यात्रा की असली क़ीमत समझते हैं। घूमने-फिरने से हमें जो भी मिलता है वो पढ़ने लिखने या फिर क़िताबें पढ़ कर नहीं पा सकते। <br /><br />चाहे धार्मिक कारण हो, चाहे ज्ञान की उत्कंठा हो, व्यापार के लिये हो या फिर पर्यटन के लिये ही यात्रा हो, अनंत काल से मनुष्य यात्रा कर ही रहा है। <b>अलग अलग भाषाओं में पर्यटन के कारण जन मानस में कुछ बाते, वाक्य, मुहावरे, कवितायें, गाने, शेर-शायरी लोगों के दिलो दिमाग में बैठ गई हैं</b>। <br /><br />इसी घुमक्कड़ी, पर्यटन, ट्रैवलिंग और सफर पर आधारित कुछ बातें, वाक्य, शेर-ओ-शायरी, फिल्म गाने और संवाद इत्यादि का <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/हिंदी">हिंदी</a> भाषा में संकलन हम यहां आपके लिए लेकर आएं है जो आपको काफी पसंद आएगा, ऐसी उम्मीद है। Travelling Tourism Sher Shayari Status Quotes Songs in Hindi. आप अपनी टिप्पणी के माध्यम से पर्यटन के अपने पसंद की ऐसी ही लाइनें, गाने वगैरह साझा कर सकते हैं।<br /><br /><div id="TOC" style="background-color: #f0f0f0;">
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<span style="font-weight: normal;">Table of Content विषय सूची - </span></h3>
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<li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.html#tourism-word">पर्यटन से संबंधित शब्द</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.htmll#hindi-tourism-status">पर्यटन पर हिंदी कहावतें, विचार और वाक्य</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.htmll#hindi-travelling-idioms">ट्रैवलिंग यात्रा पर हिंदी मुहावरे</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.html#travel-hindi-slang">यात्रा पर बोलचाल के शब्द</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.html#sanskrit-travel-phrase">पर्यटन पर संस्कृत विचार एवम वाक्य</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.html#travel-hindi-film-songs">ट्रैवलिंग पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म गाने</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.html#travel-hindi-film-dialogues">पर्यटन पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म संवाद/वाक्य</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/08/travelling-songs-sher-shayari-quotes-idioms.html#travel-sher-shayari-status">सफर ट्रैवलिंग शेर-ओ-शायरी</a> </li></ol>
</div>
<br /><br /> ट्रैवलिंग और टूरिज्म से संबंधित शेर-शायरी, मुहावरे, कहावतें, गाने, वाक्य, Status and Quotes का ये संकलन अपने आप में पूर्ण संकलन नहीं है। जैसे जैसे नई बाते पता लगती जायेंगी यहां पर समय समय पर अद्यतन (Update) किया जाता रहेगा। <br /><br /> देखें - <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/पर्यटन">पर्यटन और घूमने फिरने पर आधारित और ब्लॉग पोस्ट</a>
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<h3 style="text-align: justify;">पर्यटन से संबंधित शब्द/Words</h3><br /><ul><blockquote><li>यात्रा (Yatra) – To Travel</li><li>यात्री (Yatri) – Traveller</li><li>पर्यटक (ParyaTaka) – Tourist</li><li>पर्यटन ( ParyaTan) – Tourism</li><li>पथिक (Pathik) – That on the road</li><li>प्रवासी (Pravasi) – Living in another country</li><li>सफर (Safar) - यात्रा To Travel</li><li>मुसाफिर (MusaFir) - यात्री Traveller</li><li>घूमना (GhumNa) – यात्रा To Travel</li><li>फिरना (FirNa) – To Travel</li><li>घुमक्कड़ (Ghumakkar) - मुसाफिर/यात्री Traveller</li><li>घुमक्कड़ी (Ghumakkari) - यात्रा To Travel</li><li>भ्रमण (Bhramarh) - यात्रा To Travel </li></blockquote></ul> <br /><br /><b>देखें</b> - <a href="https://www.hindidiary.com/2020/07/indian-state-tourism-taglines.html">भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें</a><br /><br /><b>Travelling and Tourism Status in Hindi</b><br /><h3 style="text-align: left;">पर्यटन/यात्रा/सफर की हिंदी कहावतें/वाक्य/विचार</h3><br /><ul style="text-align: left;"><blockquote><li>किसी जगह के बारे में ज़िन्दगी भर सुनने से अच्छा है कि एक बार उसे जाकर खुद देख लो।</li><li>बहुत हो गया काम काज, चल यार कहीं घूम के आते हैं।</li><li>दुनिया एक किताब है, और जो यात्रा नही करते है वे केवल एक पन्ना पढ़ते है। </li><li>जिन्दगी जीने का असली मजा यात्रा में ही हैं। </li><li>हजारों मील की यात्रा भी एक कदम से शुरू होती है।</li><li>सत्य से पराजित होने के पूर्व झूठ आधी दुनिया की यात्रा कर लेता है। </li><li>आपकी यात्रा सफल और सुखद हो।</li><li>वही सबसे तेज चलता है, जो अकेला चलता है। </li><li>समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।</li><li>जिंदगी, जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल क्या ख़ाक जिया करते हैं।</li><li>धीरे चलोगे तो बार बार मिलेंगे, नहीं तो हरिद्वार में मिलेंगे।</li><li>कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी।</li><li>मियाँ की दौड़ मस्जिद तक।</li><li>सफलता एक निरंतर यात्रा है न की एक मंजिल।</li><li>ख़ुशी एक सफर है, ना कि मंजिल।</li><li>हजार मील का सफर भी एक कदम से ही आरंभ होता है।</li><li>यात्रा के अंत तक पहुंचना अच्छा है, लेकिन अंत में वो यात्रा ही है जो मायने रखती है।</li><li>आओ संग में एक कहानी बनाते हैं, चलो कहीं घूम के आते हैं।</li><li>एक किताब पढ़ने से जितना सीखते हैं, उससे हजार गुना यात्रा करने से सीखते हैं।</li><li>इंसान के यात्रा करने के जुनून ने ही उसे चांद तक पहुंचा दिया।</li><li>आप खुशी को नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन यात्रा के लिये हवाई जहाज का टिकट खरीद सकते हैं, ये खुशी खरीदने के बराबर है।</li><li>सबसे अच्छी यात्रायें सबसे अच्छे प्यार की तरह होती हैं, जिसका वास्तव में अंत नहीं है।</li><li>सही मार्ग पर चलना यात्रा है और बिना लक्ष्य के गलत राह पर चलना भटकना है।</li><li>यात्रा हर कोई करता है पर कुछ लोग पूरी दुनिया की यात्रा करते हैं और कुछ लोग सिर्फ घर से ऑफिस तक ही यात्रा करते हैं।</li><li>हर किसी को दुनिया घूमने का शौक़ नहीं होता, पर जिन्हें होता है वो इसकी असली क़ीमत समझते हैं।</li><li>पहुंचने से अधिक जरूरी ठीक से या्त्रा करना है -- गौतम बुद्ध </li><li>यात्रा करने पर हम सबसे ज्यादा सीखते हैं।</li><li>सफ़र सिर्फ मंजिलों तक पहुंचने के लिए नहीं होते बल्कि उन तमाम जगहों से गुजरने के लिए भी होते हैं जो मंजिल के रास्ते में पड़ती हैं..! - ममता शर्मा</li><li>चरैवेति चरैवेति॥ (चलते रहो, चलते रहो) - एक संस्कृत वाक्य/विचार</li></blockquote></ul><br />
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<br /><h3 style="text-align: left;">पर्यटन पर हिंदी मुहावरे</h3><br /><ol style="text-align: left;"><blockquote><li>नौ सौ चूहे खाके बिल्ली हज को चली</li><li>जैसा देश वैसा भेष</li><li>अधर में लटकना या झूलना</li><li>गधे के सिर से सींग की तरह गायब होना</li><li>छूमंतर होना।</li><li>उड़न छू होना</li><li>कभी नाव गाडी पर, कभी गाडी नाव पर</li><li>परमश्वर की माया, कहीं धूप, कहीं छाया</li><li>बहती गंगा में हाथ धोना</li><li>रफ़ू-चक्कर होना</li><li>नौ दो ग्यारह हो जाना</li><li>चम्पत होना</li><li>ठहर-ठहर के चलिए, जब हो दूर पडाव</li><li>देर आयद ,दुरुस्त आयद</li><li>हरी झंडी दिखाना</li><li>दूर के ढोल सुहावने (होते/लगते हैं)</li><li>हवा से बातें करना</li><li>आसमान पर चड़ना</li><li>गंगा नहाना</li><li>घाट घाट का पानी पीना</li><li>लौट के बुद्धू घर को आये</li></blockquote></ol><br /><br /><h3 style="text-align: left;">बोलचाल के पर्यटन यात्रा शब्द</h3><br />भारत के जनमानस में कुछ शब्द और बोल यात्रा से संबंधित इस तरह के बन गये हैं कि वो रोजाना की बोलचाल में बहुत ही ज्यादा प्रयोग होते हैं। इन सब बोल शब्दों को वाक्यों मे प्रयोग करके बोला जाता है और इन सबके मतलब को सब समझते है। जब आप यात्रा करते हुये भारत की जनता से घुले मिलेंगे तो आप को ये सब सुनाई देंगे। आइये देखें ऐसे ही 10 बोल -<br /><ol style="text-align: left;"><li> <b>मछली बाजार</b> - सब अस्त व्यस्त होना (Unorganized)</li><li><b>भेड़ चाल</b> - बिना सोचे किसी की बात के मानना (Herd Mentality)</li><li><b>कछुआ चाल</b> - बहुत ही धीरे धीरे काम करना (Slow Motion)</li><li><b>घोड़े की तरह भागना</b> - बहुत तेज दौड़ना (Walk like a Horse)</li><li><b>चंपत होना</b> - भाग जाना या गायब हो जाना (To hide)</li><li><b>पतली गली से निकल</b> - चुपचाप निकल जाना (Exit Silently)</li></ol><br /><br /><div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjERN49CmEEMqeLsryr3cDcNkmZoUaG2VxliOFOcEYJaGQ8UyIIk2miIpsuhEhUbyRcj39vD1M7bF5qpGCl6KCndoHvKWBygaleiuFjgA_rOvgRZojYb1mjYVh3-nVvlUzPKUuxrQj52lAt/s648/travelling-yatra-status-quotes-in-hindi.webp" style="display: block; padding: 1em 0px;"><img alt="Travelling Yatra Tourism Status Quotes in Hindi" border="0" data-original-height="344" data-original-width="648" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjERN49CmEEMqeLsryr3cDcNkmZoUaG2VxliOFOcEYJaGQ8UyIIk2miIpsuhEhUbyRcj39vD1M7bF5qpGCl6KCndoHvKWBygaleiuFjgA_rOvgRZojYb1mjYVh3-nVvlUzPKUuxrQj52lAt/d/travelling-yatra-status-quotes-in-hindi.webp" title="Travelling Yatra Tourism Status Quotes" /></a></div><br /><br /><h3 style="text-align: left;">पर्यटन पर संस्कृत विचार/वाक्य</h3><br /><ul style="text-align: left;"><li><b>चरैवेति चरैवेति॥</b> - चलते रहो, चलते रहो</li><li><b>पर्यटन् पृथिवीं सर्वां, गुणान्वेषणतत्परः।</b> - जो गुणों की खोज में तत्पर है,वे लोग सारी पृथिवी घुमते है।</li><li><b>हदये सुखसम्पत्तिः पदे पर्यटनं फलम्।</b> - उनके मन में सुख, संपत्ती और पैरों में पर्यटन होता है।</li><li><b>यस्मिन्प्रचीर्णे च पुनश्चरन्ति; स वै श्रेष्ठो गच्छत यत्र कामः।</b> - जो लोग सामनेआए हुए (मार्ग) पर चलते है, वह श्रेष्ठ होते है और उनको अभीष्ट प्राप्त होता है।</li><li><b>चरन्ति वसुधां कृत्स्नां वावदूका बहुश्रुताः।</b> - बुद्धीमान् और वाक्-कुशल लोग, सारी पृथ्वी घुमते है।</li><li><b>चरन्मार्गान्विजानाति </b><b>।</b> - पथिक व्यक्ति को मार्ग पता चलता है।</li><li><b>आस्ते भग आसीनस्य, ऊध्वर्स्तिष्ठति तिष्ठतः। शेते निपद्यमानस्य, चराति चरतो भगः।</b> - बैठे हुए मनुष्य का सौभाग्य बैठा रहता है, उठ कर खडे होने वाले व्यक्ति का सौभाग्य भी उठ कर खड़ा हो जाता है,लेटे हुए मनुष्य का सौभाग्य सोया रहता है, और चलने वाले व्यक्ति का सौभाग्य उसके साथ- साथ चल पड़ता है।</li><li><b>चरन् वै मधु विन्दति, चरन् स्वादुमुदुम्बरम्। सूयर्स्य पश्य श्रेमाणं, यो न तन्द्रयते चरन्।</b> - जो सदा श्रमशील, गतिशील हैं, वो सदा मधुपान (शहद/ अमृत / परिश्रम का सुफल) करते हैं, कर्मयोगी को सदा श्रेष्ठ कर्म का श्रेष्ठ परिणाम मिलता है। देखो, सूर्य कितना, कर्मशील और सृजन शील है, पल भर भी जो दूसरों के कल्याण के लिये अपने श्रम से कभी विमुख नही हैं ।</li><li><b>अन्योन्यवीर्यनिकषाः पुरुषा भ्रमन्ति।</b> - एक दुसरे की पहचान जो वीरता से करते है, वे लोग घुमते है।</li><li><b>दुःखं हन्तुं सुखं प्राप्तुं ते भ्रमन्ति मुधाम्बरे।</b> - वे आकाश में मुग्ध रूप से, दुःख भुलने के लिये और सुख के प्राप्ति के लिये घूमते (उडते) है (हमारी तरह)।</li><li><b>हृदि श्रीर्मस्तके राज्य पादे पर्यटनं फलम्।</b> - उनके मन में संपत्ति, सिर के उपर राज्य (का दायित्व) और पैरों में पर्यटन होता है।</li><li><b>योजनानां सहस्त्रं तु शनैर्गच्छेत् पिपीलिका। </b> - शनैः शनैः ही सही, सतत चलते रहने पर, चींटी जैसी छोटी सी जीव भी सहस्रों योजन की यात्रा पूरी कर लेती है।</li><li>यस्तु संचरते देशान् यस्तु सेवेत पण्डितान् ।</li><li><b>तस्य विस्तारिता बुद्धिस्तैलबिन्दुरिवाम्भसि ॥</b> - भिन्न देशों में यात्रा करने वाले और विद्वानों के साथ संबंध रखने वाले व्यक्ति की बुद्धि उसी तरह बढ़ती है, जैसे तेल की एक बूंद पानी में फैलती है।</li></ul><br />
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<br /><h3 style="text-align: left;">ट्रैवलिंग पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म गाने</h3><br /><ol style="text-align: left;"> <blockquote><li>ज़िन्दगी एक सफ़र है सुहाना यहाँ कल क्या हो किसने जाना (फिल्म <b>अंदाज</b> - <a href="https://youtu.be/jBspOUwBHRg" rel="nofollow" target="_blank">सुने/देखें</a>)</li><li>जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर कोई समझा नही कोई जाना नही (फिल्म <b>सफर</b> - <a href="https://youtu.be/C9A94NFAHVM" rel="nofollow" target="_blank">सुने/देखें</a>)</li><li>मुसाफिर हूँ यारों, ना घर है ना ठिकाना, मुझे चलते जाना (फिल्म <b>परिचय</b> <a href="https://youtu.be/GjvLyBgv6Hg" rel="nofollow" target="_blank">सुने/देखें</a>)</li><li>यूं ही चला चल राही, कितनी हसीन है ये दुनिया (फिल्म <b>स्वदेस</b> - <a href="https://youtu.be/eEeX2QMlSlo" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>सुहाना सफर और ये मौसम हसीं (फिल्म मधुमती - <a href="https://youtu.be/aSU74fpWsfQ" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>दुनिया की सैर कर लो (फिल्म Around the World <b>एराउंड द वर्ल्ड</b> - <a href="https://youtu.be/XRxULhBwCaw" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>चला जाता हूँ किसी की धुन में धड़कते दिल के तराने लिए (फिल्म <b>मेरे जीवन साथी</b> - <a href="https://youtu.be/UgzjYDF61lE" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>वहां कौन है तेरा मुसाफिर जाएगा कहां, दम ले ले घड़ी भर (फिल्म <b>गाइड</b> - <a href="https://youtu.be/haO0ucjvxeo" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>हम हैं राही प्यार के... जो भी प्यार से हम उसी के हो लिये (फिल्म <b>नौ दो ग्यारह</b> - <a href="https://youtu.be/GSvvnm9Tc6M" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>क्या मौसम है, चल कहीं दूर निकल जायें (फिल्म <b>दूसरा आदमी</b> <a href="https://youtu.be/AJnf4jaga88">देखें/सुनें</a>)</li><li>चल सैर गुलशन की तुझको कराऊं (फिल्म <b>चरणों की सौगन्ध</b> <a href="https://youtu.be/1naJxvSt2_4" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>उड़ें, खुले आसमान में ख्वाबों के परिंदे (फिल्म <b>जिन्दगी न मिलेगी दुबारा</b> <a href="https://youtu.be/R0XjwtP_iTY" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>चलो ना, ढूंढे शहर नया, जहां मुस्कराहटे हैं बिखरी... (फिल्म <b>जिन्दगी न मिलेगी दुबारा</b> <a href="https://youtu.be/WuMWwPHTSoY" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते (फिल्म <b>जब वी मेट</b> <a href="https://youtu.be/Mo5tQDcs__g" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>किसी मंजर पर में रूका नहीं, कभी खुद से भी मैं मिला नहीं.. फिर से उड़ चला (फिल्म <b>रॉकस्टार</b> <a href="https://youtu.be/2mWaqsC3U7k" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>धुआं छंटा खुला गगन मेरा, नयी डगर नया सफर मेरा...रूबरू (फिल्म <b>रंग दे बसंती</b> <a href="https://youtu.be/BrfRB6aTZlM" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>धीरे चलना है मुश्किल जो जल्दी ही सही.. हम चले बहार में.. गुनगुनाती राहो में (फिल्म <b>पीकू</b> <a href="https://youtu.be/oZ7PnR_ZKRE" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>आंखो मे सपने लिये, घर से हम चल तो दिये, जाने अब ये राहें ले जायेंगी कहां... तन्हा दिल.. (गायक <b>शान</b> <a href="https://youtu.be/__qkzfWhi6g" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>सफर.. कैसा है ये सफर, मंजिलों की न है कोई खबर (गायक <b>भुवन बाम</b> <a href="https://youtu.be/Zqv5CBWt9yA" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>ये हसीं वादियां ये खुला आसमां.. आ गये हम कहां... (फिल्म <b>रोजा</b> <a href="https://youtu.be/z-vcE-UTc-0" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>यूं ही कट जाएगा सफर साथ चलने से,के मंजिल आयेगी नजर साथ चलने से (फिल्म <b>हम हैं राही प्यार के</b> <a href="https://youtu.be/gydQicNmT4o" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>जरा होले होले चलो मोरे साजना, हम भी पीछे हैं तुम्हारे (फिल्म <b>सावन की घटा</b> <a href="https://youtu.be/832PCXbQ37g" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>मैं निकला गड्डी लेके, एक मोड़ आया (फिल्म <b>गदर</b> <a href="https://youtu.be/IJNR_UVLDhs" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>घूमें बंजारे घूमें गलियां ये बेचारे (फिल्म <b>फगली</b> <a href="https://youtu.be/a6XkY53VlhM" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>ओ बन्देया, ढूंढ़े है क्या? राहें तेरी, हैं घर तेरा। चलना वहां खुद तक कहीं पहुंचे जहां (फिल्म <b>नोटबुक</b> <a href="https://youtu.be/x42dH5K_Lj0" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>रूक जाना नहीं तू कहीं हार के,
कांटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के। ओ राही ओ राही, ओ राही ओ राही।। (फिल्म <b>इम्तिहान</b> <a href="https://youtu.be/kuaY_qKBUAM" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li><li>चल अकेला, चल अकेला, चल अकेला<br />
तेरा मेला पीछे छूटा राही चल अकेला<br />
<br />
हज़ारों मील लम्बे रास्ते तुझको बुलाते<br />
यहाँ दुखड़े सहने के वास्ते तुझको बुलाते<br />
है कौन सा वो इंसान यहाँ पे जिस ने दुख ना झेला<br />
चल अकेला ...<br />
- (फिल्म <b>संबंध</b> <a href="https://youtu.be/pflINcgXW9Q" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li>
<li>निकले थे कहां जाने के लिये, पहुंचेंगे कहां, मालूम नहीं। अब अपने कदमों को, मंजिल का निशां मालूम नहीं।। (फिल्म <b>बहू-बेगम</b> <a href="https://youtu.be/MrKeMvKG85A" rel="nofollow" target="_blank">देखें/सुनें</a>)</li>
</blockquote></ol><br /><b>और देखें</b> - <a href="https://www.hindidiary.com/2007/02/hindi-film-scenes.html">कुछ प्रसिद्ध हिंदी फिल्म सीन</a><br /><br /><h3 style="text-align: left;">पर्यटन पर बॉलीवुड हिंदी फिल्म संवाद/वाक्य</h3><br /><ol style="text-align: left;"><li><b>रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जायेगी</b> - फिल्म वंस अपोन ए टाइम इन मुंबई</li><li><b>22 तक पढाई 25 तक नौकरी 26 पे छोकरी 30 पे बच्चे 60 पे रिटायरमेंट और फिर मौत का इंतज़ार… ऐसी घिसी-पिटी ज़िन्दगी थोड़े ही जीना चाहता हूँ</b> - फिल्म ये जवानी है दीवानी</li><li><b>मैं उड़ना चाहता हूं, दौड़ना चाहता हूं, गिरना भी चाहता हूं, बस रुकना नहीं चाहता</b> - फिल्म ये जवानी है दीवानी</li><li><b>एक ही शहर एक ही घर एक ही कमरे में, तू अपनी सारी लाइफ काट देगी? सोच कर डर नहीं लगता</b> - फिल्म ये जवानी है दीवानी</li><li><b>मुझे पहाड़ो में जाना है, फिर से हिमालय देखना है, बाइक राइड, सनराइज, बोनफायर जलाना है</b> - फिल्म ये जवानी है दीवानी - फिल्म रॉकस्टार</li><li><b>जहां से तुम मुझे लाये हो, मैं वहां वापस नहीं जाना चाहती, पर ये रास्ता बहुत अच्छा है, मैं चाहती हूं कि ये रास्ता कभी खतम न हो</b> - फिल्म हाईवे</li><li><b>शादी के बाद न, हम पहाड़ों में रहेंगे, मुझे पहाड़ बहुत पसंद हैं। रियली!</b> - फिल्म जब वी मेट</li><li><b>हम लोगों को हर साल एक ना एक बार गोवा जरूर आना चाहिये</b> - फिल्म दिल चाहता है</li><li><b>पिघले नीलम से बहता हुआ ये सामान, नीली नीली सी खामोशियां, ना कहीं है जमीन ना कहीं आसमां, सरसराती हुई टहनियां, पट्टियां कह रही हैं कि बस एक तुम हो यहां</b> - फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दोबारा</li><li><b>दिन का पूरा फायदा उठाओ, मेरे दोस्त पहले इस दिन को पूरी तरह जियो फिर 40 के बारे में सोचना</b> - फिल्म जिन्दगी न मिलेगी दोबारा</li><li><b>मुझे यहाँ से कही दूर ले चल हार्दिक मुझे एक ब्रेक चाहिए, हमें एक ब्रेक चाहिए</b> - फिल्म गो गोवा गौन</li></ol><br /><br /><b>और देखें </b>- <a href="https://www.hindidiary.com/2007/01/typical-hindi-film-dialogues.html">सदाबहार हिंदी फिल्म डॉयलाग</a><br /><br /><div class="separator" style="clear: both;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjxRrOEDonB8ac64RGZWaCMaP8cGaFz0z-B9bP-zCHCx9WCLyj3X5Qomtrwu2jfnyaD-rAMxy9qaTAofHEfK6OHypGZNAhZrY2CEu7fptJgTaqS-XZYMfqtjODMAUNJ1ccXy7Cp7rFL3s4k/s650/travelling-safar-sher-shayari.webp" style="display: block; padding: 1em 0px;"><img alt="Travelling Safar Sher Shayari" border="0" data-original-height="411" data-original-width="650" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjxRrOEDonB8ac64RGZWaCMaP8cGaFz0z-B9bP-zCHCx9WCLyj3X5Qomtrwu2jfnyaD-rAMxy9qaTAofHEfK6OHypGZNAhZrY2CEu7fptJgTaqS-XZYMfqtjODMAUNJ1ccXy7Cp7rFL3s4k/d/travelling-safar-sher-shayari.webp" title="Travelling Safar Sher Shayari" /></a></div><br /><br /><h3 style="text-align: left;">सफर ट्रैवलिंग शेर-ओ-शायरी</h3><br />ज़िदगी किसी के लिये एक सुहाना और किसी के लिये मुश्किल सफ़र है। हम ताउम्र जीवन के अंजाने रास्ते पर चलते रहते हैं। शायरों और कवियों/गीतकारों ने जिंदगी रे सफ़र को अपने ढंग से समझा है और अपनी शायरी व कविताओं में ढाला है। पेश है 'सफ़र' पर मशहूर शायरों के कुछ चुनिंदा शेर -<br /><br /><b>सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहाँ?<br />ज़िंदगी गर कुछ रही तो, नौजवानी फिर कहां?</b>- राहुल सांकृत्यायन<br /><br /><b>दुनिया-दुनिया सैर सफर थी शौक की राह तमाम हुई,</b><br /><b>इस बस्ती में सुबह हुई थी, इस बस्ती में शाम हुई।।</b><br />- सज्जाद बाकर रिज्वी<br /><br /><b>मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर<br />लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया</b><br />- मजरूह सुल्तानपुरी<br /><br />जिनमें अकेले चलने के हौसले होते हैं<br />एक दिन उन्हीं के पीछे काफिले होते हैं<br /><br /><b>भीड़ का हिस्सा बनूं ये फितरत नहीं है मेरी <br />मुझे आदत है अपने काफिले खुद बनाने की</b><br /><br /><b>मशहूर हो जाते हैं वो जिनकी हस्ती बदनाम होती है<br />कट जाती है जिंदगी सफ़र में अक्सर जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैं</b><br /><br />किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल<br />कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा<br />-अहमद फ़राज़<br /><br /><b>न जाने कौन सा मंज़र नज़र में रहता है<br />तमाम उम्र मुसाफ़िर सफ़र में रहता है</b><br />-निदा फ़ाज़ली<br /><br />ज़िंदगी है मुख़्तसर आहिस्ता चल<br />कट ही जाएगा सफ़र आहिस्ता चल<br />- शाहीन ग़ाज़ीपुरी<br /><br /><b>मुझे ख़बर थी मेरा इन्तजार घर में रहा<br />ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा</b><br />-साक़ी फ़ारुक़ी<br /><br /><b>गर फिरदौस बर रुए ज़मीं अस्त,<br />हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त</b> -<br />जहांगीर ने <b>कश्मीर</b> के बारे में फारसी में कहा था - अर्थात <b>अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं पर है और सिर्फ यहीं पर है</b><br /><br /><b>सफर हो शाह का या काफिला फकीरों का<br />शजर मिजाज समझते हैं राहगीरों का</b><br /><br />उम्र को हराना है तो शौक जिंदा रखिये,<br />घुटने चलें या न चलें मन उड़ता परिंदा रखिये<br /><br /><b>जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा<br />काफिला साथ और सफर तन्हा </b><br />- गुलजार<br /><br /><b>काफिले इस राह पर आते रहे जाते रहे</b><br /><b>राहबर सब को मसाफत का सिला देता रहा </b><br />- कतील शिफाई<br /><br />मजरूह काफिले की मिरे दास्तां ये है<br />रहबर ने मिल के लूट लिया राहजन का साथ<br />- मजरूह सुल्तानपुर<br /><br /><b>आंख रहजन नहीं तो फिर क्या है</b><br /><b>लूट लेती है काफिला दिल का </b><br />- जलील मानिकपुरी<br /><br />हुजूम ऐसा कि राहें नजर नहीं आतीं<br />नसीब ऐसा कि अब तक तो काफिला न हुआ<br />- अहमद फराज<br /><br />किन मंजिलों लुटे हैं मोहब्बत के काफिले<br />इंसां जमीं पे आज गरीब-उल-वतन सा है<br /><br /><b style="font-weight: bold;">मैं खुद भी शामिल नहीं सफर में<br />पर लोग कहते हैं, काफिला हूं मैं</b><br />- वसीम बरेवली<br /><br />मुझ को चलने दो, अकेला है अभी मेरा सफर<br />रास्ता रोका गया तो काफिला हो जाउँगा<br />- वसीम बरेवली<br /><br /><b style="font-weight: bold;">खुशबू का काफिला ये बहारों का सिलसिला<br />पहुंचा है शहर तक तो मेरे घर भी आयेगा</b><br />- मंसूर उस्मानी<br /><br />तुम्हारा क्या तुम्हें आसां बहुत रास्ते बदलना है<br />हमें हर एक मौसम काफिले के साथ चलना है<br />- जलील आली<br /><br /><b style="font-weight: bold;">आप इक और नींद ले लीजिये<br />काफिला कूच कर गया कब का</b><br />- जौन एलिया<br /><br />मंजिलों से कह दो किसी और की हो जायें<br />के अब तुझे पाने की हसरत नहीं रही<br /><br /><b>मिलते गये हैं मोड़ हर मुकाम पर</b><br /><b>बढ़ती गई हैं दूरियां मंजिल जगह जगह</b><br />- सूफी तबस्सुम<br /><br />राह में उस की चलना है ऐश करा दें कदमों को<br />चलते जायें चलते जायें यानी खातिर-ख्वाह चलें <br />- जौन एलिया<br /><br /><b>लीजिये क्यूं अहसान किसी काफिले क</b><br /><b>सफर में जब तन्हा ही जाना पड़ता है</b><br /><br />कुछ मेरे बाद और भी आयेंगे काफिले<br />काटे ये रास्ते से हटा लूं तो चैन लूं<br />- तसव्वुर किरतपुरी<br /><br /><b>वो जीवन में क्या आये, बदल गयी जिंदगी हमारी,</b><br /><b>वरना सफ़र-ए-जिंदगी कट रही थी, धीरे-धीरे</b><br /><br />दिल से मांगी जाए तो, हर दुआ में असर होता है<br />मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है<br /><br /><b>घूमना है मुझे सारा जहां, तुम्हें अपने साथ ले कें,</b><br /><b>बनानी हैं बहुत सी यादें, हाथों में तुम्हारा हाथ ले के</b><br /><br />मंजिल बड़ी हो तो, सफ़र में कारवां छूट जाता है,<br />मिलता है मुकाम तो, सबका वहम टूट जाता है<br /><br />सफ़र-ए- जिंदगी का तू अकेला ही मुसाफिर है,<br />बेगाने हैं ये सब जो अपनापन जताते हैं,<br />छोड़ जाएँगे ये साथ इक दिन तेरा राहों में, <br />वो जा आज खुद को तेरा हमसफ़र बताते हैं<br /><br /><b style="font-weight: bold;">इन अजनबी सी राहों में, जो तू मेरा हमसफ़र हो जाये,<br />बीत जाए पल भर में ये वक़्त, और हसीन सफ़र हो जाये</b><br /><br />बीत जाएगा ये सफ़र भी दर्द की राहों का,<br />मिलेगा साथ जब खुशियों की बाहों का,<br />बढ़ाते रहना कदम, मत रुकना कभी,<br />होगा रुतबा तेरा जैसे शहंशाहों का<br /><br /><b>रहेंगे दर्द जिंदगी में, तो ख़ुशी का इंतजाम क्या होगा?</b><br /><b>निकल पड़े हैं जो बदलने खुद को,</b><br /><b>न जाने इस सफ़र का अंजाम क्या होगा</b>?<br /><br />मशहूर हो जाते हैं वो,<br />जिनकी हस्ती बदनाम होती है,<br />कट जाती है जीवन सफ़र में अक्सर,<br />जिनकी मंजिलें गुमनाम होती हैं<br /><br /><b>मुकम्मल होगा सफ़र एक दिन,<br />बस दिल में ताजा जज़्बात रखना,<br />तमाम मुश्किलें आएंगी लेकिन,<br />अपने काबू में हर हालत रखना</b><br /><br />दिल से मांगी जाए तो,<br />हर दुआ में असर होता है,<br />मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,<br />जिनकी जिंदगी में सफ़र होता है<br /><br /><b>वो जीवन में क्या आये, बदल गयी जिंदगी हमारी,<br />वरना सफ़र-ए-जिंदगी कट रही थी, धीरे-धीरे</b><br /><br />सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ...<br />वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली<br /><br /><b>आओ संग में एक कहानी बनाते हैं,<br />चलो कहीं घूम के आते हैं!</b><br /><br />ज़ख्म कहां कहां से मिले हैं, छोड़ इन बातों को,<br />ज़िंदगी तू तो बता, सफर और कितना बाकी है<br /><br /><b>डर हम को भी लगता है रास्ते के सन्नाटे से<br />लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा </b><br />- जावेद अख़्तर<br /><br />है कोई जो बताए शब के मुसाफ़िरों को <br />कितना सफ़र हुआ है कितना सफ़र रहा है<br />- शहरयार<br /><br /><b>अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं</b><br /><b>रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं</b><br />-निदा फ़ाज़ल<br /><br />सफर का एक नया सिलसिला बनाना है<br />अब आसमान तलक रास्ता बनाना है<br />तलाशने हैं अभी हम-सफर भी खोए हुए<br />कि मंजिलों से उधर रास्ता बनाना है<br />- शहबाज ख्वाजा<br /><br /><b style="font-weight: bold;">मिरे शौक-ए-सैर-ओ-सफर को अब नए<br />इक जहां की नुमूद कर<br />तिरे बहर ओ बर को तो रख दिया है कभी का<br />मैं ने खंगाल कर</b><br /><b>- असलम महमूद</b><br /><br />न जाने कैसा रिश्ता है रहगुजर का कदमों से<br />थक के बैठ जाऊं तो रास्ता बुलाता है<br />- शकील आजमी<br /><br /><b>मुसीबतें लाख आएंगी जिंदगी की राहों में,</b><br /><b>रखना तू सबर,</b><br /><b>मिल जाएगी तुझे मंजिल इक दिन</b><br /><b style="font-weight: bold;">बस जारी रखना तू सफ़र।</b><br /><br />उम्र बीत गयी लेकिन सफ़र ख़त्म न हुआ,<br />इन अजनबी सी राहों में जो खुद को ढूँढने निकला।<br /><br /><b>है नसीबों में सफ़र तो मैं कहीं भी, क्यूं रुकूं?</b><br /><b>छोड़ के आया किनारे, बह सकूं जितना बहूं</b><br /><b>दिन गुज़रते ही रहे, यूं ही बेमौसम</b><br /><b>रास्ते थम जाये पर रुक न पायें हम</b><br />- फिल्म मलंग के गाने मलंग का एक मुखड़ा<br /><br />कोई मंजिल नहीं बाकी है मुसाफिर के लिये<br />अब कहीं और नहीं जायेगा, घर जायेगा।<br />- असलम फारूखी<br /><br /><b style="font-weight: bold;">इस सफर में नींद ऐसी खो गई,<br />हम न सोए रात थक कर सो गई।</b><br /><b>- राही मासूम रजा</b><br /><br />घर से निकले हैं, हम सफर में हैं<br />कहिये मंजिल से इंतजार करे।<br /><br /><b style="font-weight: bold;">रास्ते कहां खत्म होते हैं, जिन्दगी के सफर में,<br />मंजिलें तो वही हैं जहां ख्वाहिशें थम जायें।</b><br /><br />हज़ारों उलझनें राहों में ,और कोशिशें बेहिसाब ।<br />
उसी का नाम हैं ज़िंदगी ,चलते रहिए जनाब।<br /><br /><b>हम लोग जाने कैसे मसाफिर हैं वरना यार</b><br /><b>दो चार - ढोकरों में संभल जाना चाहिये।</b><br /><b> - शकील आजमी</b><br /><br />सफर में अब के अजब तजरबा निकल आया<br />भटक गया तो रास्ता निकल आया।<br />- राजेश रेड्डी<br /><br /><b style="font-weight: bold;">मंजिलें भी जिद्दी हैं, रास्ते भी जिद्दी हैं,<br />देखते हैं कल क्या हो, हौंसले भी जिद्दी हैं।</b><br /><br />निकले थे कहां जाने के लिये, पहुंचेंगे कहां, मालूम नहीं। <br />अब अपने कदमों को, मंजिल का निशां मालूम नहीं।<br /> - साहिर लुधियानवी<br /><br /><b style="font-weight: bold;">अदम की जो हकीकत है वो पूछो अहल-ए-हस्ती से<br />मुसाफिर को तो मंजिल का पता मंजिल से मिलता है।।</b><br /><b>- दाग देहलवी</b><br /><br />ये हम ही आ गये मुश्किले सफर मे,<br />बहुत आसां था मंजिल तक पहुंचना।<br />- संजू शब्दिता<br /><br /><b style="font-weight: bold;">हमने तमाम उम्र अकेले सफर किया<br />हम पर किसी खुदा की इनायत नहीं रही</b><br /><b>- दुष्यंत कुमार</b><br /><br />जुस्तुजू खोए हुओं की, उम्र भर करते रहे<br />चांद के हमराह हम, हर शब सफर करते रहे<br />- परवीन शाकिर<br /><br /><b style="font-weight: bold;">मकाम तक भी हम अपने पहुंच ही जायेंगे<br />खुदा तो दोस्त है दुश्मन हजार राह में हैं<br />थकें दो पांव तो चल सर के बल न ठहर 'आतिश'<br />गुल-ए-मुराद है मंजिल में खार राह में है</b><br />- हैदर अली आतिश<br /><br />मंजिल मिलेगी भटक कर ही सही,<br />गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं<br />- मिर्जा गालिब<br /><br /><b>ये आरजू थी कि हम उम्र के साथ साथ चलें<br />मगर वो शख्स वो रास्ता बदलता जाता है</b><br />- नोशी गिलानी<br /><br />मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूं मगर,<br /> सफर सफर है मेरा इंतजार मत करना... <br />- साहिल सहरी नैनीताली<br /><br /><br /><b>जिन्दगी दी है तो जीने का हुनर भी देना,<br /> पांव बख्शे हैं तो तौफीक-ए-सफर भी देना</b><br />- मेराज फैजाबादी<br /><br /><br />सफर में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो<br />सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो<br />किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं<br />तुम अपने आप को खुद ही बदल सको तो चलो<br />यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता<br />मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो<br />- निदा फाजली<br /><br /><br /><b>ये आंसू ढूँड़ता है तेरा दामन<br /> मुसाफिर, अपनी मंजिल जानता है</b><br />- असद भोपाली<br /><br />मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूं मगर,<br /> सफर सफर है मेरा इंतजार मत करना... <br />- साहिल सहरी नैनीताली<br /><br /><br /><b>सैर ओ सफर करें जरा, सिलसिला गुमां चले,<br />हम तो चले, कहां चले, बात ये है, कहां चले..???</b><br />- जौन एलिया<br /><br /><br />सफर हया का पुर-लुफ्त है मगर ऐ दोस्त,<br />मुसीबतें भी उसी रहगुजर में रहती हैं... !!!<br />- मनीश शुक्ला<br /><br /><br /><b>कभी दो चार कदमो का सफर तय नहीं हो पाता<br />कभी मालों से लम्बा फासला कुछ भी नहीं होता</b><br />- तरुणा मिश्रा<br /><br /><br />न थके हैं पांव कभी, न ही हिम्मत हारी है<br />मैंने देखे हैं दौर कई और आज भी सफर जारी है...<br /><br /><br /><b>इतना आसान था क्या उसका सफर से जाना,<br />मेंने सोचा ही नहीं साथ में चलते चलते।</b><br /><br /><br />जिससे पैरों के निशां भी नहीं छोड़े पीछे<br />उस मुसाफिर का पता भी नहीं पूछा करते.. <br />- गुलजार<br /><br /><br /><b>घर में बेचैनी हो तो अगले सफर की सोचना<br />फिर सफर नाकाम हो जाये तो घर की सोचना।</b><br />- शुजा खावर<br /><br /><br />मुझ को चलने दो अकेला है अभी मेरा सफर,<br />रास्ता रोका गया तो काफिला हो जाउँगा।<br />- वसीम बरेलवी<br /><br /><br /><b>गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें यूँ ही<br />मुसाफिर की तरह,<br />यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं,<br />रुके रास्तों की तरह</b>
<br />
<br />
<br />हम-सफर चाहिये हुजूम नहीं,<br />इक मुसाफिर भी काफिला है मुझे<br />- अहमद फराज
<br />
<br />
<br /><b>दो चार रोज ही तो मैं मेरे शहर का था,<br /> वरना तमाम उम्र तो मैं भी सफर का था।<br /><br />जन्नत में भी कहां सुकून मिल सका मुझे,<br /> ओहदे पे वहां भी कोई तेरे असर की था।</b><br /><br /><b>मंजिल पे पहुँचने की तुझे लाख दुआएं,<br /> आनंद बस पड़ाव तेरी रहगुजर का था।। </b><br />- आनन्द कुमार द्विवेदी
<br />
<br />
<br />सोचा था तुझ से दूर निकल जायेंगे कहीं,<br />देखा तो हर मकाम तिरी रह गुजर में है।<br />- अज्ञात
<br />
<br />
<br />
<b>भला वो लोग क्या जानें सफर की लज्जतों को,<br />जिन्हें मंजिल मिली हो ठोकरें खाने से पहले।</b><br />- अकील नोमानी<br />
<br />
<br />अन्दाज कुछ अलग ही मेरे सोचने का है,<br />मंजिल का सब को शौक मुझे रास्ते का है।<br />- जेबा_जौनपुरी<br />
<br />
<br />
<b>बाद में रास्ता मंजिल दोनो मिलते हैं,<br />पहले मीलों पैदल चलना होता है।</b><br />- ज्योति आजाद
<br />
<br />
<br />
<b>गुजर जायेंगे तेरी गलियों से मुसाफिर की तरह,<br />बंद दरवाजों पर दस्तक देने की आदत न रही।</b><br />- नामालूम
<br />
<br />
<br />गुफ्तुगू अच्छा लगी जौक-ए-नजर अच्छा लगा,<br />मुद्दतों के बाद कोई हमसफर अच्छा लगा।<br />- अहमद फराज
<br />
<br />
<br /><b>जिन्दगी है इक सफर और जिंदगी की राह में,<br />जिन्दगी भी आए तो ठोकर लगानी चाहिये..।।</b><br />- राहत इन्दौरी
<br /> <br />
<br />
खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा,<br />
अभी और उड़ान बाकी है,<br />
जमीन नहीं है मंजिल मेरी,<br /> अभी पूरा आसमान बाकी है।
<br />
<br />
<br />
<b>आए ठहरे और रवाना हो गए,<br />
जिंदगी क्या है, सफर की बात है।</b><br />
- हैदर अली जाफरी
<br /><br />
<br />मुसाफिर हैं हम भी, मुसाफिर हो तुम भी,
<br />
किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
<br />- बशीर बद्र<br /><br />
<br /><b>एक ही राह पर दो तरह के सफर,
<br />आपने सैर की, हम भटकते रहे।
</b><br />- जुबैर अली ताबिश<br /><br />
<br />मंजिल मिल ही जायेगी भटकते ही सही,
<br />
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकले ही नहीं।
<br />- मजरुह सल्तानपुरी<br />
<br />
<br /><b>छोड़ देता वो अधूरा ही सफर,<br />
देख लेता जो मुझे बस इक नजर</b><br />- सादिया सफदर सादी
<br /><br />
<br />सोचा था घर बनाकर बैठुंगा सुकून से,
<br />
पर घर की जरूरतों ने मुसाफिर बना डाला मुझे।
<br /><br />
<br /><b>मंजिल रही है सब की नजर में मगर यहां,<br />
रस्ते हमेशा पाँव के नीचे दबे रहे।</b><br />- जावेद अहमज जावेद
<br /><br /><br />
<br />हकीकत से तसव्वुर तक सफर मुझ में किया उस ने,
<br />
मगर मुझ तक नहीं पहँचा वो इतनी दूर चल कर भी।<br />- इम्तियाज खान
<br /><br />
<br /><b>रात तो वक्त की पाबंद है,
<br />ढल जायेगी .......<br />देखना ये है कि<br />चरागों का सफर कितना है .. ।</b> <br /> <br /> <br />दो चार रोज ही मै तेरे शहर का था,<br />वरना तमाम उम्र तो मैं भी सफर का था,<br />जन्नत में भी कहाँ सुकून मिल सका मुझे,<br />ओहदे पे वहां भी कोई तेरे असर का था,<br />मंजिल पे पहुँचने की तुझे लाख दुआएं,<br />'आनंद' बस पड़ाव तेरी रहगुजर का था।<br />- आनंद कुमार द्विवेदी<br /> <br /> <br /><b>रास्ते भर ऊब में डूबे रहे,</b><div><b>जब सफर में दिल लगा घर आ गया।</b><br />- शारिक कैफी<br /> <br /> <br />वो अक्सर राह में मिलता था मुझको,<br />सो मैं यूंहीं मुसाफिर हो गया था।<br />- शादाब जावेद <br /> <br /> <br /><b>इक मुसाफर का दिल दुखाया था,<br />अब मुसलसल (हमेशा) सफर में रहता हूं। </b><br />- आदिल रशीद <br /><br /><br />
हम से पहले भी मुसाफिर कई गुजरे होंगे,<br />कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।<br />- राहत इंदौरी <br /><br /><br />
<b>हैरत है यहाँ जिनका कोई घर है न दर है,<br /> वो पूछते फिरते हैं अभी कितना सफर है।<br /></b>- सलमान सईद<br /><br /><br />
<b style="font-weight: bold;">और देखें </b><b>- </b><br /><br /><a href="https://www.hindidiary.com/2006/06/pyar-love-ki-shayari.html" style="font-weight: bold;">प्यार की शायरी</a>, <a href="https://www.hindidiary.com/2006/07/jindagi-zindagi-shayari.html" style="font-weight: bold;">जिन्दगी की शायरी</a><b> और </b><a href="https://www.hindidiary.com/2007/01/Truck-Driver-ke-Sher-Shayari-Vakya.html" style="font-weight: bold;">ट्रक ड्राइवरों की शेरो-शायरी</a><br /><br />ट्रैवलिंग के ये शेर-शायरी, मुहावरे, गाने, वाक्य, विचार, Quotes, Status पढ़ कर यदि आपका ट्रिप पर जाने का मन कर रहा है, तो देरी किस बात की है, कार्यक्रम बनाओ, बैग पैक करो और घूमने निकल लो।<br /><br />आप भी यदि कोई यात्रा से संबंधित विचार, वाक्य, शेर-ओ-शायरी यहां पर बताना चाहें तो आपका स्वागत है। बताइये कोई नयी बात जो यहां पर बढ़ाई जा सके।</div>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-52800479701523424822020-07-27T13:26:00.009+05:302021-05-26T14:20:46.219+05:30बाढ़ आपदा प्रबंधन पर कैसे ध्यान दें और क्या करें?<h2 style="text-align: left;">बाढ़ आपदा प्रबंधन पर कैसे ध्यान दें और क्या करें? </h2><br />आजकल भारत में मानसून की बारिश का मौसम है। भारत के मौसम विभाग ने अप्रैल माह में ही बताया था कि भारत में इस बार अच्छी बारिश होगी। ऐसे में स्वाभाविक है कि इस समय वर्षा होगी कहीं कम और कहीं ज्यादा।<br /><br />जहां ज्यादा बारिश होगी वहां बाढ़ का भी खतरा रहेगा। इस बाढ़ को लेकर हम हर साल समाचार पत्रों में और टीवी पर देखते रहते हैं। ये बाढ़ लोगों की जान और माल को भारी नुकसान पहुंचाती है। ऐसी खबरों को हर साल देख कर मन में ख्याल आता है कि शायद बाढ़ प्रबंधन पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। तो <b>हमें बाढ़ आपदा प्रबंधन पर कैसे ध्यान देना चाहिये और क्या करें? </b><br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhFXQsvXL38yzRXezxGZju9vlQNzFBTsGKJTLrygkptCXy9HP0IvrLeSs6Zl0tnhV-qToo4Urpy0PGVOZOfjT3XYgd2kIqz4Qr3gWYfHx9TlAIVyzk7JQOeNVr3Gurt-9P_c3zPoVzwXJMw/s328/flood-management-in-india.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Flood Management" border="0" data-original-height="284" data-original-width="328" height="346" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhFXQsvXL38yzRXezxGZju9vlQNzFBTsGKJTLrygkptCXy9HP0IvrLeSs6Zl0tnhV-qToo4Urpy0PGVOZOfjT3XYgd2kIqz4Qr3gWYfHx9TlAIVyzk7JQOeNVr3Gurt-9P_c3zPoVzwXJMw/w400-h346/flood-management-in-india.webp" title="Flood Management" width="400" /></a></div><<br /><br /><h2 style="text-align: left;">बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र</h2><br />इस समय भारत में बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश एवं उत्तर-पूर्व के कई क्षेत्रों में बिहार की बयावह स्थिति है। इसी बाढ़ के बीच मानसून की वजह से और रोजाना होने वाली और बारिश भी प्रशासन के सामने चुनौती बनी हुई है। भारी बारिश से देश के कई अन्य इलाकों भी में हाल खराब है।<br /><br />मुंबई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान के कई इलाकों में भी बारिश होने से पानी भरने से कई जगहों पर बाढ़ आई हुई है।<br /><br />ऐसे में मौसम विभाग द्वारा काफी इलाकों में भारी से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इससे हालात और खराब होने की संभावना है।<br /><br />वर्तमान में भारत के कई क्षेत्रों के बारे में लगभग पहले से ही पता होता है कि बरसात के मौसम में थोड़ी सी ठीक बारिश होने पर बाढ़ आ सकती है। अब तो हालत ये हो गई है बाढ़ आपदा प्रबंधन न होने की वजह से बड़े बड़े शहरो जैसे कि चेन्नई, मुंबई, अहमदाबाद, श्रीनगर कहीं भी अचानक बाढ़ आ जाती है और जान माल का भारी नुकसान होता है।<br /><br />भारत में प्रमुख बाढ़ क्षेत्रों में गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना और बिहार में नेपाल से लगता हुआ क्षेत्र जिसमें कोसी नदी का डूब क्षेत्र शामिल है। देश में नदियों के बहाव से आने वाली कुल बाढ़ का करीब 60 प्रतिशत इसी क्षेत्र में आती है।<br /><br />देश के बाढ़ की सर्वाधिक आशंका वाले क्षेत्रों में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के हिमालयी नदियों के थाले में आने वाले क्षेत्र शामिल हैं। जम्मू कश्मीर, पंजाब के कुछ हिस्से, हरियाणा, पश्चिम उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को कवर करने वाले कुछ उत्तर-पश्चिमी नदी थालों में भी बाढ़ की आशंका रहती है। झेलम, सतलुज, व्यास, रावी और चेनाब मुख्य नदियां हैं जो इस क्षेत्र में बाढ़ का कारण बनती हैं।
<br />
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मध्य प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र मध्यवर्ती एवं प्राय:द्वीपीय नदी थालों के अंतर्गत आते हैं, जहां नर्मदा, ताप्ती, चम्बल और महानदी जैसी नदियां बाढ़ लेकर आती हैं। गोदावरी, कृष्णा, पेन्नार और कावेरी में भी भारी बाढ़ आने से विस्तृत भूभाग जलमग्न हो जाते हैं और बाढ़ की समस्या आमतौर पर गंभीर होती है।<br />राष्ट्रीय बाढ़ आयोग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार देश में करीब चार करोड़ हेक्टेयर भूमि ऐसी है, जिसमें बाढ़ की आशंका रहती है। औसतन हर वर्ष करीब 80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक बाढ़ आती है, जिससे करीब 37 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र प्रभावित होता है।<br /><br />एक अनुमान के अनुसार, देश में 60 प्रतिशत से अधिक नुकसान नदियों में आने वाली बाढ़ के कारण होता है। 40 प्रतिशत क्षति भारी वर्षा और तूफानों के कारण होती है। हिमालयी नदियां देश में होने वाले कुल नुकसान में करीब 60 प्रतिशत योगदान करती हैं।<br /><br />प्रायद्वीपीय नदी थालों में अधिकतर क्षति चक्रवातों के कारण और हिमालयी नदियों में करीब 66 प्रतिशत नुकसान बाढ़ से और 34 प्रतिशत भारी वर्षा के कारण होता है। राज्यवार अध्ययन से पता चलता है कि देश में बाढ़ से करीब 27 प्रतिशत क्षति बिहार में, 33 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मेें तथा 15 प्रतिशत पंजाब और हरियाणा में होती है।<br /><br />भारत में अधिकतर बाढ़ भारी वर्षा या पर्वतीय और नदी धारा क्षेत्रों में बादल फटने के कारण आती है। एक दिन में करीब 15 सेंटीमीटर वर्षा होने पर नदियां उफनने लगती हैं। यह धारणा पश्चिमी घाटों के पश्चिमी तटवर्ती क्षेत्रों, असम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और भारत के गंगा के मैदानों को प्रभावित करती है।<br /><br /><h2 style="text-align: left;">क्या बाढ़ का कारण बारिश है?</h2><br />भारत में आने वाली विभिन्न आपदाओं में बाढ़ सर्वाधिक सामान्य है और इसके संकट बार बार आते रहते हैं। परंपरागत दृष्टि से यह कहा जाता है कि बाढ़ आने के लिए भारी वर्षा जिम्मेदार है।<br /><br />यह बात भारत के संदर्भ में विशेष रूप से लागू होती है जहां कृषि क्षेत्र के लिए मानसून अनिवार्य है। यह सार्वभौमिक सत्य है कि बाढ़ भारी वर्षा के कारण आती है, जबकि समूचे वर्षा जल को धारण करने की प्राकृतिक जलमार्गों की क्षमता से अधिक जल गिरता है।<br /><br />परंतु, कुछ अन्य तथ्य भी हैं, जो यह सुझाव देते हैं कि बाढ़ हमेशा भारी वर्षा से ही नहीं आती है। हाल ही में यह नई और गंभीर आयाम वाली धारणा सामने आई है कि बाढ़ में मानव का भी योगदान है, जो मानव निर्मित आपदा में परिणत होता है।<br /><br />इस तरह बाढ़ के दो पहलू हैं - प्राकृतिक और मानव निर्मित। मानव निर्मित घटक अत्यंत खतरनाक है जो प्राकृतिक घटकों के साथ मिल कर प्राकृतिक आपदा को अधिक घातक आयाम प्रदान करता है।<br /><br />बाढ़ का कारण बनने वाले अप्राकृतिक घटकों में धरती का तापमान बढऩा, पर्यावरणीय ह्रास, नगरीय और खेती संबंधी उपयुक्त योजना का अभाव, उपलब्ध जमीन के प्रत्येक इंच पर अमीर होने का लालच, विशेषकर ऐसे क्षेत्रों में, जो वर्षा ऋतु के दौरान जल निकासी का मार्ग प्रदान करते हैं, आदि प्रमुख हैं।<br /><br />अन्य अप्राकृतिक घटकों में तूफान या उष्णकटिबंधीय चक्रवात, सुनामी या सामान्य नदी स्तरों से ऊंची लहरें उठना शामिल हैं, जिनके कारण मुख्य रूप से तटवर्ती क्षेत्रों में भारी मात्रा में पानी जमा हो जाता है और व्यापक क्षेत्र डूब जाते हैं।<br /><br />बांधों को क्षति पहुंचाने वाले भूकंप, खुश्क मौसम के दौरान भी, निम्नवर्ती धारा क्षेत्र में बाढ़ का कारण बन सकते हैं। लेकिन यह कोई नियमित घटना नहीं है और कभी-कभार ऐसा हो जाता है।<br /><br />इधर हाल में मौसम वैज्ञानिकों को मानसून की पद्धति में अनियमितता का आभास हुआ है, जिसे देखते हुए यह आपदा घटक और भी चिंताजनक हो गया है।<br /><br />वर्षा का मौसम तीन से चार महीने की अल्पावधि में अधिक संकेंद्रित रहता है, जिससे इन महीनों में नदियों में विनाशकारी बाढ़ आती है। कई बार देखा गया है कि पूरे महीने की बारिश उस क्षेत्र में 1-2-3 दिन में ही लगातार गिर जाती है, इससे क्षेत्र विशेष का बारिश का औसत तो बना रहता है लेकिन खूब सारी बारिश एक साथ होने से वहां पर बाढ़ आपदा का खतरा बन जाता है।<br /><br />एक नया आयाम और भी है, जो पिछले कुछ वर्षों से दिखाई दे रहा है, कि बेमौसम की बरसातें होती हैं और यहां तक कि मॉनसून की जो परंपरागत अवधि है, उसमें भी बदलाव दिखाई देता <br /><br />बाढ़ में योगदान करने वाले अन्य घटकों में नदी तल में वृद्धि, जो गाद और रेत जमने के कारण होती है, शामिल हैं, क्योंकि बरसों तक नदियों की सफाई के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जाता है।<br /><br />हिमालयी नदियां अपने साथ भारी सामग्री लेकर चलती हैं, जिसमें गाद और रेत की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो अंतत: निचले जलग्रहण क्षेत्रों में जमा हो जाती है। नतीजतन नदियों की जलवहन क्षमता कम हो जाती है और निकटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है।<br /><br />कई बार लोग नदियों के किनारे के क्षेत्रों में घर और अन्य निर्माण कर लेते हैं इससे भी नदी को बारिश के पानी को निकालने के लिये अधिक जगह नहीं मिल पाती है। नदियों में जल के मुक्त प्रवाह में तटबंधों, नहरों और रेलवे संबंधी परियोजनाओं के निर्माण के कारण भी रुकावट पैदा होती है।<br /><br />2013 की उत्तराखण्ड की विनाशकारी बाढ़ इसी कारण से थी। इसका एक और गंभीर उदाहरण झेलम नदी है, जिसके किनारों पर श्रीनगर और अन्य कस्बेे स्थित हैं। दीर्घावधि वर्षा से नदी में आने वाले आकस्मिक और भारी जलप्रवाह को झेलम नियंत्रित नहीं रख पाती है, क्योंकि पिछले 5 दशकों से नदी क्षेत्र में एकत्र गाद और रेत की सफाई के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। <br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">बाढ़ के अन्य कारण</h2><br />बाढ़ का एक बहुत बड़ा कारण नदी तल में वृद्धि, जो गाद और रेत जमना है, शामिल है, क्योंकि बरसों तक नदियों की सफाई के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जाता है। हिमालयी नदियां अपने साथ भारी सामग्री लेकर चलती हैं, जिसमें गाद और रेत की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो अंतत: निचले जलग्रहण क्षेत्रों में जमा हो जाती है।<br /><br />नतीजतन नदियों की जलवहन क्षमता कम हो जाती है और निकटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है। नदियों में जल के मुक्त प्रवाह में तटबंधों, नहरों और रेलवे संबंधी परियोजनाओं के निर्माण के कारण भी रुकावट पैदा होती है। पिछले कई दशकों से नदी क्षेत्रो में एकत्र गाद और रेत की सफाई के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।<br /><br />वनों की कटाई का प्राकृतिक जलवायु परिवर्तन पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है, जिससे वैश्विक तापमान में इजाफा हो रहा है। पर्वतीय ढलानों पर वनों के काटने से मैदानों की ओर नदियों के प्रवाह में रुकावट आती है, जिससे उनकी जलवहन क्षमता पर असर पड़ता है, जिससे पानी तेजी से नीचे की तरफ आता है।<br /><br />वनों के ह्रास के कारण भूमि कटाव की समस्या भी पैदा होती है क्योंकि वृक्ष पर्वतों की सतह को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और तेजी से नीचे आने वाले वर्षा जल के लिए प्राकृतिक बाधाएं पैदा करते हैं। नतीजतन नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे बाढ़ आती है। <br />
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<br /> शहरी क्षेत्रों में बाढ़ का मूल कारण यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में अंधाधुंध पलायन हो रहा है, जिससे आवास और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए भूमि पर दबाव बढ़ता है। जमीन, विशेषकर ऐसे क्षेत्रों जो नदियों और उनकी सहायक नदियों के बाढ़ के पानी की परंपरागत निकासी का स्रोत होते हैं, पर अतिक्रमण रोकने में नगर प्राधिकारियों और यहां तक कि सरकारों की विफलता और अधिकतर मामलों में जटिलता से शहरों में अभूतपूर्व बाढ़ आती है।<br /><br />देश के अधिकांश बड़े शहरों को जलभराव के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारणों में कुप्रशासन, आयोजना का अभाव, भूमि के अतिक्रमण संबंधी भ्रष्टाचार और अंधाधुंध अनधिकृत निर्माण शामिल है।<br /><br />चेन्नई और श्रीनगर में पिछले दिनों आई अभूतपूर्व बाढ़ इसी तरह की बर्बरता का उदाहरण है। इससे पहले मुम्बई में भी इन्हीं कारणों से बाढ़ आई थी। आवास और आर्थिक कारणों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के नाम पर अनियोजित वाणिज्यीकरण से शहरों में प्राकृतिक आपदाओं को सहने की क्षमता कम होती जा रही है। <br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">वर्तमान बाढ़ आपदा प्रबंधन</h2><br />वर्तमान में कटाव नियंत्रण सहित बाढ़ प्रबंधन का विषय राज्यों के क्षेत्राधिकार में आता है। बाढ़ प्रबंधन एवं कटाव-रोधी योजनाएँ राज्य सरकारों द्वारा प्राथमिकता के अनुसार अपने संसाधनों द्वारा नियोजित, अन्वेषित एवं कार्यान्वित की जाती हैं। इसके लिये केंद्र सरकार राज्यों को तकनीकी मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।<br /><br />पिछले कई बर्षों से देखने में आया है कि बाढ़ के पैटर्न में निश्चित रूप से परिवर्तन हुआ है, जो वर्षा की बदलती पद्धति से सम्बद्ध है। दशकों पहले मानसून मॉडल की तुलना में परिवर्तन स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हो रहा है।<br /><br />प्रौद्योगिकी उन्नयन के चलते मौसम विशेषज्ञ या जिन्हें हम लोकप्रिय रूप में वैदरमैन कहते हैं, वे आज मानसून या अन्य मौसम स्थितियों की भविष्यवाणी लगभग शत प्रतिशत यथार्थ रूप में कर देते हैं। भारत का मौसम विभाग अब लगभग सही भविष्यवाणी कर पा रहा है। इससे केंद्र और राज्य, दोनों ही सरकारों को निश्चित रूप से आपदा प्रबंधन कार्रवाइयों को अंजाम देने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।<br /><br />इससे न केवल असामान्य भारी वर्षा के कारण आने वाली बाढ़ से बल्कि बारिश की कमी के कारण पडऩे वाले सूखों से भी लोगों को निजात दिलाने की तैयारी जा सकती है।<br /><br />परंतु, वैज्ञानिक साधनों से वर्षा पद्धतियों पर नियंत्रण करना या ऐसा कोई डिजाइन तैयार करना संभव नहीं है। अत: बाढ़ प्रबंधन के लिए परिवर्तित वर्षा पद्धतियों के अनुरूप बहु-आयामी रणनीति अपनाने की आवश्यकता है।<br /><br />वनों के ह्रास को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। अनेक हिमालयी राज्यों में पिछले दशकों के दौरान वनों का राष्ट्रीयकरण किया गया है ताकि पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाई जा सके।<br /><br />सभी स्तरों पर पौधे लगाने या वनरोपण के व्यापक अभियान चलाना भी सही दिशा में एक कदम है। बाढ़ नियंत्रण के संदर्भ में इन उपायों का अपेक्षित लाभ तभी मिल सकता है जबकि वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर सतत और दीर्घावधि योजना के अनुसार ये प्रयास जारी रखे जाएं।<br /><br />अतिक्रमण रोकने में नगर प्राधिकारियों और यहां तक कि सरकारों की विफलता और अधिकतर मामलों में जटिलता से शहरों में अभूतपूर्व बाढ़ आती है। देश के अधिकांश बड़े शहरों को जलभराव के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। इसके कारणों में कुप्रशासन, आयोजना का अभाव, भूमि के अतिक्रमण संबंधी भ्रष्टाचार और अंधाधुंध अनधिकृत निर्माण शामिल है।<br /><br />चेन्नई और श्रीनगर में पिछले दिनों आई अभूतपूर्व बाढ़ इसी तरह की बर्बरता का उदाहरण है। इससे पहले मुम्बई में भी इन्हीं कारणों से बाढ़ आई थी। आवास और आर्थिक कारणों के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण के नाम पर अनियोजित वाणिज्यीकरण से शहरों में प्राकृतिक आपदाओं को सहने की क्षमता कम होती जा रही है।<br /><br />यदि सम्बद्ध अधिकारियों ने निहित स्वार्थों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की होती और बाढ़ से होने वाली आकस्मिकताओं के लिए निवारक उपायों की पूरी तरह तैयारी की होती तो ऐसी आपदाओं को रोका जा सकता था। <br /><br />ये निहित स्वार्थ नगर योजनाकारों, नौकरशाहों और यहां तक कि राजनीतिज्ञों की भी मिलीभगत होते हैं। इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि मकान की जरूरत या अन्य कारणों से आम नागरिक भी इसमें एक घटक बनते हैं।<br /><br />तो ये ऊपर लिखे हुये जो भी वर्तमान बाढ़ आपदा प्रबंधन के उपाय किये जा रहे हैं वो अपर्याप्त हैं। सरकारें बाढ़ प्रबंधन को लेकर देर से जागती हैं और संबंधित जिलों को प्रशासनिक अधिकारियों के भरोसे छोड़ देती हैं। ज्यादा हालात खराब होने पर सरकारों के मुखियाओं द्वारा हैलीकॉप्टर से दौरा कर के कुछ बाढ़ सहायता राशि की घोषणा कर दी जाती हैं और उसके बाद धीरे धीरे सब भुला दिया जाता है और ये सिलसिला साल दर साल चलता रहता है।<br /><br />जबकि होना तो ये चाहिये कि वर्तमान बाढ़ प्रबंधन जिस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है को केवल बाढ़ प्रबंधन के विशेषज्ञों के द्वारा ही किया जाना चाहिये। <br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिये और क्या किया जा सकता है</h2><br />बाढ़ नियंत्रण एक ऐसा विषय है, जिसके लिए कोई स्पष्ट विधायी दायरा तय नहीं किया जा सकता। एक विषय के रूप में यह देश की किसी भी विधायी सूची अर्थात् केंद्रीय, राज्य या समवर्ती सूची में शामिल नहीं है।<br /><br />यह अलग विषय है कि जल निकासी और तटबंध संबंधी मुद्दों का उल्लेख राज्य सूची की द्वितीय सूची की प्रविष्टि संख्या 17 के रूप में किया गया है। इसका यह निहितार्थ है कि बाढ़ को रोकना और उसका मुकाबला करना मुख्य रूप से राज्य सरकारों का दायित्व है। कई राज्यों ने बाढ़ संबंधी मुद्दों से निपटने के प्रावधानों के साथ कानून बनाए हैं।<br /><br />केंद्र सरकार मुख्य रूप से परामर्शी क्षमता में भूमिका अदा करती है अथवा राज्यों के राहत और पुनर्वास प्रयासों में पूरक मदद करती है।<br /><br />एक विस्तृत टिप्पणी के अनुसार वर्तमान में बाढ़ प्रबंधन की देखरेख के लिए दो स्तरीय प्रणाली कायम है। राज्य के स्तर पर जल संसाधन विभाग, बाढ़ नियंत्रण बोर्ड और राज्य तकनीकी परामर्शी समितियां स्थापित की गई हैं।<br /><br />केंद्रीय व्यवस्था के अंतर्गत संगठनों का एक नेटवर्क शामिल है और बाढ़ प्रबंधन के बारे में परामर्श देने के लिए समय समय पर विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जाता है।<br /><br />ये व्यवस्था कागजों मे तो अच्छे से काम कर रही है परंतु हमारे अनुसार बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिये ये किया जाना चाहिये ---<br /><br /><blockquote><ul style="text-align: left;"><li>अधिक समन्वय पर ध्यान देते हुए केंद्र, राज्य तंत्र को अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। यह व्यवस्था एक सतत और निरंतर प्रणाली के रूप में होनी चाहिए, न कि केवल आपदा के समय काम करने वाली प्रणाली। </li><li>आधुनिक प्रौद्योगिकी के सहारे संकट प्रबंधन नेटवर्क हेतु ढांचे का निर्माण करना चाहिये। अब तो भारत के पास खुद के मौसम सेटेलाइट भी हैं। इसरो (ISRO) की सहायता से अंतरिक्ष से अच्छी गुणवत्ता की फोटो लेकर उनका विश्लेषण विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिये।</li><li>पर्यावरण के मोर्चे पर नई चुनौतियों और कुप्रशासन के मुद्दों को देखते हुए राज्यों के लिए यह कठिन है कि वे स्वयं बाढ़ प्रबंधन की योजना बनाएं। केंद्र और राज्य सरकारों को एक संयुक्त योजना के जरिए विभिन्न बाढ़ नियंत्रण उपायों को अंजाम देना चाहिए। </li><li>तटबंधों, बाढ़ रोकने वाली दीवारों, रिंग बांधों, बाढ़ नियंत्रण जलाशयों के निर्माण से बाढ़ के लिये व्यवस्था की जानी चाहिये ताकि नीचे जाने वाले पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षित सीमाओं के भीतर बाढ़ के जल की कुछ मात्रा को अस्थाई तौर पर एकत्र किया जा सके।</li><li>एक अन्य महत्वपूर्ण उपाय में नदी चैनलों और सतही नालों में सुधार और नदी किनारों पर भूमि कटाव रोकना शामिल है। इससे भले ही पूरी तरह बाढ़ रोकना संभव न हो, लेकिन बाढ़ के पानी को फैलने से रोकने में अवश्य मदद की जा सकती है।</li><li>उदाहरण के तौर पर मैं ये बताना चाहुंगी कि दुनिया के सभी बड़े देशों और शहरो को देखना चाहिये कि उन्होंने अपने यहां आने वाली बाढ़ आपदा का प्रबंधन कैसे किया। </li><li>अगर आप बैंकाक, लंदन, मास्को, न्यूयार्क, शंघाई इत्यादि शहरों को देखेंगे तो पायेंगे कि वहां पर नदियों को गहरा कर कर के दोनों ओर के किनारों पर पक्का कर दिया गया है और साथ ही जमीन को नदी से निकाल कर वहां निर्माण कार्य किया गया है जिससे नदी में पाना बना रहता है और वो कटाव भी नहीं कर पाती है।</li><li>ऐसी गहरी करी गई नदियों में जल यातायात भी यात्रियों और सामान को ढोने के लिये किया जाता है। </li><li>यही करने से काफी हद तक हम बाढ़ की समस्या से बच सकते हैं यानी कि नदियों कि सफाई कर के उनको गहरा करते रहना चाहिये।</li><li>वर्तमान में प्रचलित परिस्थितियों और नई चुनौतियों को देखते हुए यह जरूरी है कि बाढ़ प्रबंधन को एक पृथक विषय के रूप में देखना उचित होगा। यह जरूरी है कि बाढ़ नियंत्रण और प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ बनाया जाए लेकिन उतना ही महत्वपूर्ण यह भी है कि इसे पर्यावरणीय ह्रास, वैश्विक तापमान और विभिन्न स्तरों पर कुप्रशासन के संदर्भ में भी देखा जाए।</li><li>बाढ़ प्रबंधन के प्रति किसी भी दृष्टिकोण में इन सभी महत्वपूर्ण घटकों को शामिल किया जाना चाहिए। बाढ़ प्रबंधन केवल पुराने सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभागों के माध्यम से नहीं किया जा सकता। </li><li>शहरी बाढ़ का मुख्य कारण निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा भूमि का अतिक्रमण करना और बरसात के मौसम से पहले अग्रिम आयोजना का अभाव है। शहरों के निकट नालों और नालियों की सफाई को उच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।</li><li>ग्रामीण क्षेत्रों में भी नदियो को गहरा करके बाढ़ आपदा का प्रबंधन किया जा सकता है। </li><li>जैसा कि वर्तमान में जो वृक्षारोपण वगैरह का सरकारी कार्यक्रम चलता रहता है, उसको ठीस से देखने की जरूरत है। केवल वृक्षारोपण उद्देश्य न होकर पेड़ को बड़ा करने का उद्देश्य होना चाहिये।</li></ul></blockquote><br /><br />अधिक ध्यान बाढ़ से संबंधित दीर्घावधि योजना पर केंद्रित किया जाना चाहिए ताकि निवारक और राहत पहलुओं को भी शामिल किया जा सके।<br /><br />लोग कह सकते हैं कि ये तो बहुत मंहगा समाधान है, लेकिन अगर हम भारतीय अपने आप को दुनिया के विकसित देशों में देखते हैं तो हमें पक्के समाधान निकलने ही होंगे भले ही वो मंहगे हों।<br /><br />मुझे यहां पर आपके विचारों और टिप्पणियों का स्वागत रहेगा ताकि हम लोग परंपरागत बाढ़ प्रबंधन की बजाए कुछ अलग उपाय करके बाढ़ आपद प्रबंधन की दिशा में विचार विमर्श कर सकें।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-23343239681655396162020-07-26T09:55:00.004+05:302021-05-26T14:24:17.332+05:30हिंदी को बढ़ावा देने के लिये हम सब क्या करें?<h2 style="text-align: left;">हिंदी को बढ़ावा देने के लिये हम सब क्या करें?</h2><br />भारत सरकार की राजभाषा नीति के अनुसार हिंदी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। सरकार हिंदी को बढ़ावा देने के लिये हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस का सभी सरकारी कार्यालयों में आयोजन करती है। सरकार तो हिंदी को बढ़ावा देने के लिये जो कुछ कर सकती है वो करती है पर <b>हिंदी को बढ़ावा</b> देने के लिये सबसे ज्यादा ये जरुरी है कि हम हिंदी भाषी लोग भी कुछ प्रयत्न करें।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj4gNer1jMDGAKIuLg1EMOg3cJHWb9EbE2toaf-u4REBCpi7TDn0dtplOzEEBPoQ-n0w-SpAh7WqeP2MFQ8yDwcj72LaHleqF7lftzqKKOBhN9Oy2ysxDdft4mvlLKSb9V9RfsJXxeHbLsR/s465/hindi-dissemination.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="हिंदी को बढ़ावा" border="0" data-original-height="196" data-original-width="465" height="270" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj4gNer1jMDGAKIuLg1EMOg3cJHWb9EbE2toaf-u4REBCpi7TDn0dtplOzEEBPoQ-n0w-SpAh7WqeP2MFQ8yDwcj72LaHleqF7lftzqKKOBhN9Oy2ysxDdft4mvlLKSb9V9RfsJXxeHbLsR/w640-h270/hindi-dissemination.webp" title="हिंदी को बढ़ावा" width="640" /></a></div><br /><br />ये बात सर्वमान्य है कि हिंदी को हम हिंदी वालों ने ही छोड़ दिया है। हमें हिंदी से तो प्यार है लेकिन नौकरी के बाजार में अंग्रेजी की महत्ता देखकर हम सब हिंदी के प्रति उदासीन होते जा रहे हैं। जबकि हमें हिंदी को ही हर क्षेत्र में बढ़ाना चाहिये। <br />
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<br />ध्यान रहे कि आजादी के आन्दोलन में हिंदी का बहुत बड़ी योगदान है, बहुत लोगों ने अपनी कुर्बानी दी है।<br /><br />चलिये अंग्रेजी की जो महत्ता आज के जमाने में है वो तो रहेगी ही और समय के साथ कम भी होगी, लेकिन तब तक हम कुछ छोटे छोटे उपाय करके अपने अपने लेवल पर हिंदी को थोड़ा थोड़ा बढ़ावा तो दे ही सकते हैं।<br /><br /><h2 style="text-align: left;">हिंदी को बढ़ावा देने के विभिन्न उपाय</h2><br /><br />आइये देखें कि किन छोटे छोटे उपायों से हिंदी को बढ़ावा दे सकते हैं - <br />
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<br /><br /><blockquote><ol style="text-align: left;"><li>अगर हम कोई व्यवसाय करते है तो हम कोशिश कर सकते हैं कि समस्त साइन बोर्ड, नाम पट्टिकायें, काउन्टर बोर्ड, सूचना पट्ट आदि को हिंदी में अवश्य ही लिखें भले ही साथ में आप अंग्रेजी या अन्य किसी भाषा में भी लिखवा लें। महाराष्ट्र में सरकार ने हर बोर्ड पर मराठी में लिखने का नियम बना रखा है जिससे हिंदी वालों को भी वहां कुछ पढ़ने में दिक्कत नहीं आती है (मराठी देवनागरी लिपि में लिखी जाती है)। जबकि अगर आप लखनऊ जायें तो आप देखेंगे कि दुकानों के बोर्ड अधिकांशतः अंग्रेजी में लिख हुये हैं।</li><li>सभी पपत्रो, दस्तावेजों, मुद्रित सामग्री तथा अन्य लेखन सामग्री को हिंदी में मुद्रित (प्रिंट) करवाया जाये।</li><li>हो सके तो व्यवसायिक और व्यक्तिगत पत्रो को हिंदी में ही लिखा जाये।</li><li>विजिटिंग कार्ड पूर्ण रुप से आकर्षक हिंदी में लिखे जायें। अगर पूर्ण रुप से हिंदी में लिखना संभव नहीं है तो कुछ तो हिंदी मे होना ही चाहिये (कम से कम आप का नाम तो आकर्षक हिंदी में हो सकता है)।</li><li>संभव हो तो कंप्यूटर पर यूनीकोड एनकोजिंड वाली टाईपिंग सीख लीजिय। यकीन मानिये हिंदी टाइपिंग सीखना बहुत ही आसान है, आप 2-3 दिन में ही अच्छी खासी टाइपिंग सीख जायेंगे।</li><li>लिखने में आसान हिंदी पा प्रयोग करें ताकि सभी लोग समझ सकें।</li><li>अच्छी हिंदी जानने वाले कभी कभी उन लोगों की कठिनाई नहीं समझ नहीं समझ पाते जिन्होंने हाल ही में थोड़ी बहुत हिंदी सीखा है। ऐसे लोगों की कठिनाई का पूरा ध्यान रखना चाहिये और अपने पांडित्य का प्रदर्शन नहीं करना चाहिये।</li><li>हिंदी का वाक्यों में संस्कृत के कठिन शब्दों का अनावश्यक प्रयोग न करें।</li><li>हिंदी के वाक्यों में अंग्रेजी की वाक्य संरचना से बचें अर्थात वाक्य रचना हिंदी भाषा की प्रकृति के अनुसार ही होनी चाहिये। वह अंग्रेजी मूल का अटपटा अनुवाद नहीं होना चाहिये।</li><li>जहां कहीं भी यह लगे कि पढ़ने वाले को हिंदी में लिखे किसी शब्द या पदनाम को समझे में कठिनाई हो सकती है, तब कोष्ठक में अंग्रेजी रुपान्तर भी लिख देना उपयोगी रहेगा।</li><li>अगर आप को हिंदी में लिखने में कठिनाई या झिझक है तो इसके लिये शुरूआत छोटी-छोटी टिप्पणियों को हिंदी में लिख कर करनी चाहिये। आप हिम्मत करेंगे तो धीरे-धीरे सब हिंदी में काम करने लगेंगे।</li><li>खास बात ये है कि हमें अंग्रेजी में सोचकर हिंदी में नहीं लिखना चाहिये। कोशिश यह होनी चाहिये कि हिंदी में ही सोच कर हिंदी में लिखें।</li><li>हिंदी मे लिखते समय शब्दों के लिये अटकिये मत, किसी भी शैली के लिये रुकिये नहीं और अशुद्धियों से घबरायें नहीं।</li><li>कोशिश करें कि मौलिक रुप से हिंदी लेखन करें। अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद का सहारा बहुत कम लेना चाहिये क्योंकि दोनों भाषाओं की शैली अलग-अलग है। खासकर मशीनी अनुवाद जैसे कि गूगल अनुवाद में काफी गलतियां हो सकती हैं। ऐसी मशीनी भाषा से बचें।</li><li>हो सकता है कि शुरू में हिंदी में काम करने में आपको झिझक महसूस हो सकती है किन्तु काम करते-करते आप देखेंगे कि अंग्रेजी की तुलना में हिंदी सरल भाषा है, इसमें समय बचता है, हिंदी भाषा हमारी अभिव्यक्ति को स्पष्ट और प्रभावी बनाती है।</li></ol></blockquote><br />
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<br />तो हम सब को प्रण लेना चाहिये कि हम हिंदी में ही काम करेंगे और हिंदी को बढ़ावा देने के सभी प्रकार के उपाय करेंगे ताकि हमारी प्यारी हिंदी भाषा का प्रसार और प्रचार हो सके।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-84744851479919466332020-07-15T16:26:00.020+05:302021-05-26T18:02:45.532+05:30खेल की संस्कृति बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की है<h2 style="text-align: left;">खेल की संस्कृति बढ़ाने की जिम्मेदारी सरकार की है</h2><br />भारत सरकार के खेल मंत्री किरन रिजिजू को लगता है कि भारतीयों में <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/खेल">खेल</a> की समझ न के बराबर है इसके लिये उनके खेद है। माननीय मंत्री जी का कहना है कि <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/भारत">भारत</a> में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि आम भारतीयों में और यहां तक कि संसद के सदस्यों को भी खेलों जी ज्यादा समझ नहीं है। मंत्री जी को मलाल है कि भारतीय <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/समाज">समाज</a> में खेल ज्ञान बहुत कम है। केवल क्रिकेट के खेल को ही अधिकांश भारतीय जानते हैं
<br />
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<br />मंत्री जी बात तो आपकी कुछ हद तक सही है पर आपको ये भी मानना पड़ेगा कि खेल की संस्कृति बढ़ाने की जिम्मेदारी आप ही की है। आप ही लोग केवल क्रिकेट के खेल को बढ़ाते हो। क्या कारण है कि भारत के हर जिले और शहर में ढंग के स्टेडियम तक नहीं हैं? क्यों भारत के अधिकांश स्टेडियमों में हॉकी के खेल के लिये एस्ट्रो टर्फ नहीं है?<br /><br />ये एक मानी हुई बात है कि खेलों में भारत को प्रतिभायें छोटे शहरों, कस्बों और गांवों से ही मिलती हैं। लेकिन वहां पर उनको ढंग की खेल सुविधाओं का अभाव ही मिलते है। मंत्री जी, खेलों की सुविधाओं को छोटी जगह तक ले जाओ फिर देखो कैसे खेलो को बढ़ावा मिलता है।
<br />
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आप को ये याद दिला दूं कि हरियाणा को लड़को ने मुक्केबाजी (बॉक्सिंग) कुश्ती और झारखण्ड की लड़कियों ने हॉकी में सुविधाओं के बल पर पदक लाने शुरु किये तो कैसे एकदम से वहां प्रतिभाये भी विकसित होने लगीं और खेलों को लेकर लोगों में विश्वास भी पैदा हुआ।<br /><br />मंत्री जी, खेलों की संस्कृति का विकास खेलों की जबर्दस्त सुविधाओं के बूते ही हो सकता जो कि केवल सरकार ही कर सकती है।<br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg9eXThSOrjcvXf4A8lw1GBNv_d56Ik_1ybh1eehcB2bOJQaEGSeL7MmJNu2vhMNlgcBn8W9CK4CitDbgxXlfTv7t8CPZ4epOEtpeFMHEbFY01_MDbLCOZhXwJ71wFn0Cg2Vtst7XNFCks1/s631/No-Indian-Sports-Culture-Minister-Rijiju.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img border="0" data-original-height="548" data-original-width="631" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg9eXThSOrjcvXf4A8lw1GBNv_d56Ik_1ybh1eehcB2bOJQaEGSeL7MmJNu2vhMNlgcBn8W9CK4CitDbgxXlfTv7t8CPZ4epOEtpeFMHEbFY01_MDbLCOZhXwJ71wFn0Cg2Vtst7XNFCks1/d/No-Indian-Sports-Culture-Minister-Rijiju.webp" /></a></div> Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-4670924365348134112020-07-13T10:39:00.008+05:302021-05-26T18:08:09.480+05:30प्लाज्मा थैरेपी क्या है?<h2 style="text-align: left;">प्लाज्मा थैरेपी क्या है? Plasma Therapy Kya Hai?</h2><br />आजकल आप सब लोग प्लाज्मा थैरेपी का नाम बहुत सुन रहे हैं। दरअसल कोरोना की महामारी से जो कोहराम मचा है, उसमें अभी तक कोई इलाज न होने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही हैं। कुछ डाक्टरों ने अपने अस्पतालों मे प्लाज्मा थैरेपी के द्वारा <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/कोरोना">कोरोना</a> के इलाज में कुछ सफलता का दावा किया हैं। दिल्ली में तो भारत का पहला प्लाज्मा बैंक भी बनाया गया है। तो ऐसे में आप के भी मन में आता होगा कि पता करें कि आखिर <b>प्लाज्मा थैरेपी क्या है (Plasma Therapy Kya Hai)?</b> <a name='more'></a> <br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhp0LL1mTbLuAe4Bi2GoKrFjBUAPpNlHVIgqTEAKYqSS5MWFXBO3fity7wtmXXXQiCqaSVTpNv3uhI1PjWHEPoXYYYAHqtuAuqAywiXkmtJpzTbMXeHKOoERp6lGgQNkbsp-pAaNHBKtIui/s515/delhi-plasma-bank.webp" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="Delhi Plasma Bank दिल्ली का प्लाज्मा बैंक" border="0" data-original-height="515" data-original-width="456" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhp0LL1mTbLuAe4Bi2GoKrFjBUAPpNlHVIgqTEAKYqSS5MWFXBO3fity7wtmXXXQiCqaSVTpNv3uhI1PjWHEPoXYYYAHqtuAuqAywiXkmtJpzTbMXeHKOoERp6lGgQNkbsp-pAaNHBKtIui/d/delhi-plasma-bank.webp" title="Delhi Plasma Bank दिल्ली का प्लाज्मा बैंक" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">दिल्ली का प्लाज्मा बैंक</td></tr></tbody></table><br /><br /><h2 style="text-align: left;">क्या है ये प्लाज्मा थैरेपी?</h2><br />दरअसल कोरोना (या फिर किसी भी वायरस) के इलाज में ये देखा गया कि कोरोना के वायरस से लड़ने से शरीर अपनी कार्यवाही में बड़ी संख्या में रोग-प्रतिकारी तत्व या एन्टीबॉडी (Antibody) का निर्माण करते हैं। ये एन्टीबॉडी किसी भी वायरस से लड़ने और उसके जीतने के बाद भी शरीर में रह जाते हैं।
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एंटीबॉडी वाई-आकार के वो प्रोटीन हैं जो किसी व्यक्ति को हुए संक्रमण के लिए विशेष रुप से बनते हैं। ये हर व्यक्ति के लिये अत्यधिक विशिष्ट होते हैं। हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की बी कोशिकाओं द्वारा भारी मात्रा में इनका उत्पादन किया जाता है ताकि हमलावर वायरस से लड़ा जा सके और फिर इसे वायरस के विनाश के लिए लक्षित किया जा सके।<br /><br />वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून में ये रोग-प्रतिकारी तत्व बने रहते हैं। प्लाज्मा रक्त (खून) का वह तरल हिस्सा है जो तब रहता है जब खून की सभी लाल और सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स को हटा दिया जाता है। संक्रमण के इलाज के लिए प्लाज्मा का प्रमुख घटक एंटीबॉडी है। ये स्वास्थ्य लाभकारी रक्त प्लाज्मा स्वस्थ हो चुके व्यक्ति के खून से लेकर और नये संक्रमित व्यक्ति के शरीर में डालने को ही <b>प्लाज्मा थैरेपी</b> कहते हैं। ये थेरेपी लगभग 100 साल से प्रचलन में है।
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<br /><h2 style="text-align: left;">कोरोना के इलाज के लिये प्लाज्मा थैरेपी</h2><br />शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि वायरस से लड़ने की लोगों की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए गंभीर <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/कोरोना">कोरोना</a> वायरस से ग्रसित लोगों को प्लाज्मा दिया जा सकता है। यह उन लोगों को भी मदद कर सकता है जो मामूली रूप से या अधिक रूप से कोरेना के लक्षणों का अनुभव करने से बीमार हैं।<br /><br />अभी तक कोरोना की कोई दवा नहीं बनी है। ऐसे में कई दवाओं और विभिन्न इलाज पद्धति के माध्यम से कोरोना संक्रमित को बचाने की कोशिश की जा रही है। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके विजेताओं का प्लाज्मा भी कारगर साबित हुआ है। कोरोना संक्रमितों का खतरा कम करने में स्वस्थ हुये व्यक्ति का प्लाज्मा कारगर साबित हो रहा है। दिल्ली सरकार इसको बड़े पैमाने पर अपना रही है। उम्मीद है अन्य राज्य सरकारें भी ऐसा ही करेंगी।<br /><br /><h2 style="text-align: left;">ऐसे हो सकती है सहायता</h2><br />सरकारें और सहायता समूह कोरोना विजेताओं का डाटा इकठ्ठा कर के उन्हें शुभकामनाएं देते हुये प्लाज्मा दान के लिये प्रेरित कर रहे हैं। अगर वह सहर्ष तौयार हो रहे हैं तो उनका ब्लड ग्रुप और अन्य जानकारियां एकत्र की जा रही हैं। फिर चिकित्सकों की मदद से नये कोरोना पीड़ितों का इलाज दान में दिये गये प्लाज्मा से करा जा रहा है।<br /><br />यदि आप कभी कोरोना (COVID-19) से ग्रसित हुये और अब बिलकुल ठीक हो चुके हैं तो कृपया अन्य लोगों की जान बचाने में मदद करने में अपने स्थानीय दान केंद्र के माध्यम से रक्त दान करने पर विचार करें। या फिर किसी भी कोरोना ग्रसित वय्क्ति के परिवार द्वारा आपसे संपर्क करने पर उनकी सहायता कीजिये। अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो प्लाज्मा बैंक में आप पहले से ही अपना खून देकर किसी की जान बचाने में सहायता कर सकते हैं।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-57398026389742414332020-07-11T18:21:00.009+05:302021-05-26T12:42:35.325+05:30भारत के संविधान का निर्माण कैसे हुआ?<h2 style="text-align: left;"><span>भारतीय संविधान का निर्माण कैसे हुआ?</span></h2><br />भारत देश में सबसे ऊंचा पद भारतीय संविधान का है। सरकार, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति, प्नधानमंत्री कोई भी इससे ऊपर नही है। सब इसके दायरे में रहकर काम करना होता है।<br /><br />भारत के वर्तमान संविधान को बनाने के लिये आजादी के पहले से ही प्रयास किये जा रहे थे। दरअसल अंग्रेजी सरकार को ये पता था कि उन्हें जल्दी ही भारत को छोड़ना ही होगा। इसलिये उन्होंने <b>भारत के संविधान के निर्माण के लिये काम</b> करना शुरु कर दिया था। हम सब को ये पता होना चाहिये कि भारत के संविधान का निर्माण कैसे हुआ (Bharat ke samvidhan ka nirman kaise hua)? <a name='more'></a><br /><br /><table align="center" cellpadding="0" cellspacing="0" class="tr-caption-container" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><tbody><tr><td style="text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj-L5Ypmu3TPwhbFU3reNRdhr3AmW4gDUBPm3Q99nk3pjOzA-kXvhV4jNwcAAW6lzJBFNqo_S3WqLugr0Htcq9DS4dYPfNphw-lTWUNHc5-rAqlGt7TW-BQUNJXO2ml6FUQs-xXfG_SW-7m/s560/indian-constitution-preamble-hindi.jpg" style="margin-left: auto; margin-right: auto;"><img alt="भारत के संविधान का प्रस्तावना - Indian Constitution Preamble" border="0" data-original-height="560" data-original-width="314" height="640" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj-L5Ypmu3TPwhbFU3reNRdhr3AmW4gDUBPm3Q99nk3pjOzA-kXvhV4jNwcAAW6lzJBFNqo_S3WqLugr0Htcq9DS4dYPfNphw-lTWUNHc5-rAqlGt7TW-BQUNJXO2ml6FUQs-xXfG_SW-7m/w358-h640/indian-constitution-preamble-hindi.jpg" title="भारत के संविधान का प्रस्तावना - Indian Constitution Preamble" width="358" /></a></td></tr><tr><td class="tr-caption" style="text-align: center;">भारत के संविधान का प्रस्तावना - Indian Constitution Preamble in Hindi<br /></td></tr></tbody></table><br /><br /><h2 style="text-align: left;">संविधान सभा की स्थापना</h2><br />सबसे पहले 1946 के कैबिनेट मिशन ने भारत के लिये एक नया संविधान बनाने के लिये संविधान सभा की स्थापना की सिफारिश की थी और इसके लिये जुलाई 1946 में चुनाव हुये थे जिसके बाद संविधान सभा में 389 सदस्य थे, हालांकि बाद में इस घटा कर 299 कर दिया गया क्योंकि अंग्रेजी सरकार ने पाकिस्तान के लिये एक अलग संविधान सभा का गठन किया था।<br /><br />लेकिन अंग्रेजी सरकार द्वारा बनाई गई इस संविधान सभा की शक्तियां सीमित थी पर अग्रेजों ने ही 1947 के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम द्वारा संविधान सभा को भारत के लिये तब तक कानून बनाने का अधिकार दिया लेकिन तब तक ही जब तक कि <b>भारत के संविधान का निर्माण</b> नहीं हो जाता।<br /><br />डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा की 1946 में हुई पहली मीटिंग में इसका स्थायी अध्यक्ष चुना गया। कुछ दिनों बाद जवाहरलाल नेहरू ने संविधान के लिये उद्देश्य संकल्प प्रस्तुत किया जिसको संविधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।<br/>
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<br/><h2 style="text-align: left;">संविधान मसौदा समिति की स्थापना</h2><br />29 अगस्त 1947 संविधान सभा ने आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिये डॉ. भीम राव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान मसौदा समिति (Draft Committee) का गठन किया। डॉ आंबेडकर बहुत ही योग्य संविधानविद थे और तमाम कानूनों के जानकार थे, इसलिए उन्हें ड्राफ्ट कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था।<br /><br />श्री बी. एन राऊ जो संविधान सभा के सदस्य तो नहीं थे परंतु वे संवैधानिक सलाहकार के रुप में काम कर रहे थे, उन्होंने संविधान सभा की मसौदा समिति के लिये एक प्रारम्भिक स्तर का मसौदा तैयार किया था।<br /><br />संविधान सभा में कोई भी विदेशी व्यक्ति नहीं था, संविधान सभा की सलाहकार की भूमिका में भी कोई विदेशी व्यक्ति नहीं था। भारतीयों ने अपना संविधान बनाने में स्वयं अपने आप पर विश्वास किया था, उस समय के कालखंड के हिसाब से यह एक महत्वपूर्ण घटना थी।<br /><br />जनवरी 1948 में यह मसौदा संविधान प्रकाशित किया गया और इसको भारत की जनता से इस के बारे में राय देने और उस राय के आधार पर होने वाले संशोधनों पर चर्चा करने के लिये 8 महीने का समय निर्धारित किया गया।<br /><br />संविधान सभा के सदस्यों ने यह तय किया था कि वह आम सहमति से संविधान का निर्माण करेंगे न कि बहुमत से। डॉ अंबेडकर की अध्यक्षता वाली मसौदा समिति ने दुनिया कई देशों के संविधानों को पढ़ने के बाद भारत के संविधान को लिखा।<br /><br />मसौदा समिति को कुल 7635 संशोधन प्राप्त हुये जिनमे से 2473 पर वास्तव में चर्चा की गई और उनका फैसला किया गया। यह पूरी प्रक्रिया जिसमें संविधान की हर एक लाइन पर खूब चर्चा की गई, भारत की लोकतांत्रिक परम्परा के बारे में अपने आप में एक मिसाल है।<br /><br />संविधान सभा ने भारत का संविधान बनाने के काम को पूरा करने लिये कुल 2 साल, 11 महीने और 17 दिन का समय लिया। कुल 165 दिनों में कार्य करते हुये 11 सत्र आयोजित किये।<br /><br />इस सविधान में सर्वाधिक प्रभाव भारत शासन अधिनियम 1935 का है। इस में लगभग 250 अनुच्छेद इस अधिनियम से लिये गए हैं।<br /><br />भारत का यह नव निर्मित संविधान यह सारे देश की उपलब्ध मेधा और राष्ट्रीय आंदोलन के संघर्ष का सामूहिक नतीजा था। <br />
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<br /><h2 style="text-align: left;">इन 10 देशों से लिये गये संविधान के मुख्य तत्व</h2><br />यूं तो संविधान सभा ने भारत का संविधान बनाने के दुनिया के तमाम देशों के संविधानों का अध्ययन किया था लेकिन मख्यतः इन 10 देशों के संविधानों से संविधान की बातें ली गई हैं - <br /><ol style="text-align: left;"><li><b>संयुक्त राज्य अमेरिका </b>(USA) - संविधान में लिखित मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात, न्यायपालिका की स्वतंत्रता को संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया है।</li><li><b>ब्रिटेन </b>(Britain) - भारत के संविधान में ब्रिटेन से संसदीय शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, मंत्रिमंडल प्रणाली, परमाधिकार लेख, संसदीय विशेषाधिकार और द्विसदनवाद को लिया गया है।</li><li><b>आयरलैंड</b> (Ireland) - नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्य सभा में साहित्य, कला, विज्ञान तथा समाज-सेवा आदि के क्षेत्र में व्यक्तियों को सम्मनित करना आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।</li><li><b>ऑस्ट्रेलिया </b>(Australia) - संविधान के प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, व्यापार-वाणिज्य और संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को ऑस्ट्रेलिया के संविधान से लेकर भारतीय संविधान में जोड़ा गया है।</li><li><b>जर्मनी</b> (Germany) - जर्मनी के संविधान से आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति के मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां, आपातकाल के समय मूल अधिकारों का परिर्वतन जर्मनी से लिया गया है।</li><li><b>साउथ अफ्रीका</b> (South Africa) - संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान, राज्यसभा में सदस्यों का निर्वाचन दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।</li><li><b>कनाडा </b>(Canada) - संघात्मक विशेषताएं, अवशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास, केंद्र द्वारा राज्य के राज्यपालों की नियुक्ति और उच्चतम न्यायालय का परामर्श न्याय निर्णयन जैसी चीजें कनाडा के संविधान से लिया गया है।</li><li><b>सोवियत संघ </b>(Soviet Union) - 50 के दशक में आज का रूस सोवियत संघ था जो कि 1991 में कई राष्ट्रों में टूट गया। मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान, मूल कर्तव्यों और प्रस्तावना में न्याय (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक) का आदर्श सोवियत संघ से लिया गया था।</li><li><b>जापान </b>(Japan) - विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया को जापान से लिया गया है।</li><li><b>फ्रांस </b>(France) - गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता, बंधुता के आदर्श का सिद्धांत फ्रांस से लिया गया है।</li></ol><br />
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<br /><br />भारत के संविधान के बारे में यह सामान्य धारणा है कि दुनिया के अन्य संविधानो से इसे कापी किया गया है परंतु यह पूर्णतया सत्य नही है। संविधान सभा ने दुनिया के महत्वपूर्ण देशों के संविधानो से प्रावधानों का चयन तो किया है परंतु उसे भारतीय आवश्यकता के अनुरूप परिवर्तित करते हुए उस में व्यापक बदलाव भी कर दिया है।<br /><br /><h2 style="text-align: left;">आज का भारतीय संविधान </h2><br />संविधान सभा ने भारत के संविधान को आखिरकार 26 नवंबर 1949 को अपनाया था। इस दिन को आज हम <b>संविधान दिवस</b> के रूप में जानते हैं।<br /><br />भारत के संविधान में प्रस्तावना के साथ 448 अनुच्छेद हैं। 12 अनुसूचियां, और 5 परिशिष्ट हैं। अभी तक इसे 104 बार संशोधित किया जा चुका है।<br /><br />पूर्ण रूप से बनने के बाद भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू हुआ। इस दिन को आज हम <b>गणतंत्र दिवस</b> के रूप में जोर शोर से बनाते हैं। इसी दिन भारत का संविधान बनने के बाद संविधान सभा का अस्तित्व समाप्त हो गया। इस संविधान सभा को ही भारत की अस्थायी संसद में परिवर्तित कर दिया गया और सारे सदस्य भारत के अस्थायी संसद के सदस्य बन गये थे। ये लोग तब तक इस पद पर रहे जब तक कि 1952 में भारत की पहली चुनी गई संसद का गठन नहीं हो गया।<br /><br /><h2 style="text-align: left;">भारतीय संविधान का प्रस्तावना</h2><br /><br /><blockquote><div style="text-align: center;"><b>हम भारत के लोग, भारत को एक संप्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य</b> बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को:</div><div style="text-align: center;">सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक <b>न्याय</b>, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की <b>स्वतंत्रता</b>, प्रतिष्ठा और अवसर की <b>समता</b> प्रदान करने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करनेवाली <b>बंधुता</b> बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प हो कर <b>अपनी इस संविधान सभा</b> में आज तारीख 26 नवंबर, 1949 ई० “मिति मार्ग शीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हज़ार छह विक्रमी) <b>को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियिमत और आत्मार्पित करते हैं</b>।</div></blockquote> <br /><br />
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<br /><br /><h2 style="text-align: left;">भारत के संविधान की कुछ रोचक बातें</h2><br /><ol style="text-align: left;"><li>भारत का संविधान एक हाथ से लिखा गया है। मसौदा लिखने वाली समिति ने हिंदी, अंग्रेजी में हाथ से लिखकर कैलिग्राफ किया था और इसमें कोई टाइपिंग या प्रिंटिंग शामिल नहीं थी।</li><li>संविधान के प्रस्तावना में गांधी जी के सपनों के भारत के निर्माण के अनुरूप रामराज्य की कल्पना के रुप में रामचन्द्र जी की तस्वीर बनी है।</li><li>भारतीय संविधान के हर पेज को चित्रों से आचार्य नंदलाल बोस ने सजाया है। इसके अलावा इसके प्रस्तावना पेज को सजाने का काम राममनोहर सिन्हा ने किया है। वह नंदलाल बोस के ही शिष्य थे।</li><li>भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यह 25 भागों में बंटा हुआ है, जिसमें 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूची (schedules) है। इसके अंग्रेजी संस्करण में कुल 117,369 शब्द हैं। </li><li>भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है।</li><li>उस समय प्रिंटिंग की आज की तरह अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं और उस समय के लिहाज से सबसे बड़ा एवं सुसज्जित छापाखाना केवल देहरादून स्थित भारतीय सर्वेक्षण विभाग या सर्वे ऑफ इंडिया के पास ही उपलब्ध था, इसलिए संविधान सभा ने इसी विभाग को इस ऐतिहासिक जिम्मेदारी का निर्वहन करने का दायित्व सौंपा। </li><li>उस समय छपी संविधान के <a href="https://www.SarkariNaukriBlog.com/search/label/अंग्रेजी">अंग्रेजी</a> और <a href="https://www.SarkariNaukriBlog.com/search/label/हिंदी">हिंदी</a> संस्करण की असली कॉपी की हजार ऐतिहासिक प्रतियों में से एक प्रति संसद के पुस्तकालय में तो एक अन्य प्रति को आज भी देहरादून के भारतीय सर्वेक्षण विभाग में सुरक्षित रखा गया है।</li><li>संविधान सभा के सदोंकी कुल संख्या 389 तय की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतो के प्नतिनिधि, 4 कमिश्नर क्षेत्रों के प्नतिनिधि और 93 देशी रयासतों के प्नतिनिधि थे। ये संख्या बाद में घटकर 299 रह गई। हैदराबाद अकेली एक ऐसी रयासत थी, जिसके प्नतिनिधि संविधान सभा में शामिल नहीं हुए थे।</li><li>संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन इसीलिए चुना गया क्योंकि इस दिन पूर्ण स्वराज दिवस की वर्षगांठ थी।</li><li> भारत के संविधान की मूल प्रति पर संविधान सभा के 284 सदस्यों के हस्ताक्षर भी हैं जिनमें से 15 महिलायें थी। अधिकांश सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर <a href="https://www.SarkariNaukriBlog.com/search/label/अंग्रेजी">अंग्रेजी</a> में किये थे और कुछ ने <a href="https://www.SarkariNaukriBlog.com/search/label/हिंदी">हिंदी</a> में और अबुल कलाम आजाद ने अपने हस्ताक्षर उर्दू मे किये थे।</li><li>24 जनवरी 1950 को, संविधान लागू होने से 2 दिन पहले जब संसद में इस पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे तो उस समय बारश हो रही थी और संविधान सभा के सदस्यों ने इसे शुभ बताया था। यह संविधान सभा की अंतिम बैठक थी और इसी दिन संविधान सभा के द्वारा डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति भी चुना गया।</li><li>डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर, जो कि भारत के पहले कानून मंत्री बने और संविधान सभा की कमेटी के चेयरमैन भी थे, को भारतीय संविधान का पिता कहा जाता है।</li><li> एक दिलचस्प बात यह है कि शुरुआत में, संपति का अधिकार भी एक मौलिक अधिकार था। लेकिन संविधान के 44वें संशोधन, 1978 में इस अधिकार को हटा दिया गया।</li><li>भारत के राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ जिस में शेर, अशोक चक्र, सांड और घोड़े भी हैं को 26 जनवरी 1950 को ही अपनाया गया था।</li><li>धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्दों को संविधान के 1976 में हुए 42वें संशोधन अधिनियम द्वारा प्रस्तावना में जोड़ा गया। </li><li>भारतीय संविधान के पहले अनुच्छेद के अनुसार <b>भारत सभी राज्यों का एक संघ है </b>और किसी भी राज्य को भारत से अलग होने का अधिकार नहीं है।</li><li>भारत के संविधान को दुनिया के सबसे बेहतरीन संविधानों में से एक माना जाता है।</li></ol><br />भारतीय संविधान आज़ादी के 70 वर्षों बाद भी एक जीवंत दस्तावेज़ की तरह अपना अस्तित्व बनाए हुए है। भारतीय न्यायपालिका संवैधानिक व्याख्या की प्रक्रिया का अनवरत विकास कर रही है।
<br />
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"text": "भारत के संविधान के निर्माण में संविधान सभा के सभी 389 सदस्यो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसके अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे। 26 नवम्बर 1949 को सविधान सभा ने संविधान को अपनाया था और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। "
}
},
{
"@type": "Question",
"name": "भारत के संविधान के निर्माण में कितना समय लगा?",
"acceptedAnswer": {
"@type": "Answer",
"text": "भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।"
}
},
{
"@type": "Question",
"name": "भारत के संविधान में कितने संशोधन हो चुके हैं?",
"acceptedAnswer": {
"@type": "Answer",
"text": "भारत के संविधान में अब तक 104 संशोधन हो चुके हैं"
}
},
{
"@type": "Question",
"name": "How many amendments are done in Indian Constitution?",
"acceptedAnswer": {
"@type": "Answer",
"text": "Total 104 constitutional amendments have been done so far."
}
}
]
}
</script>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-32662339453374208512020-07-03T16:14:00.007+05:302021-05-26T12:59:17.971+05:30भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें<h2 style="text-align: left;">भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें</h2><br />भारत के सभी राज्य और <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/भारत">भारत</a> सरकार सभी यह प्रयास कर रहे हैं उनके यहां <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/पर्यटन">पर्यटन</a> का विकास हो जिससे लोगों को रोजगार मिले और आर्थिक तरक्की हो सके। इस दिशा में काम करते हुये भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय एवं विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभागों ने अपनी वेबसाइटों, विज्ञापनों इत्यादि में बहुत ही <b>रोचक टैगलाइनें</b> (Taglines) या नारे बनाकर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करके लुभाने की कोशिश की है। <br/>
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ये नारे कहीं कहीं तो बहुत ही लोकप्रिय हो गये हैं जैसे कि गुजरात पर्यटन विभाग के ब्रांड अंबेसडर (Brand Ambassador) या उत्पाद दूत प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के द्वारा कहा गया नारा '<b>कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में</b> ' बहुत ही प्रसिद्ध हुआ। एक और उदाहरण राजस्थान की टैग लाइन '<b>पधारो म्हारे देस</b>' का है जो कि लोगों की जुबान पर चढ़ गया है। <br/><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhvoADZbSAqq_E8CoGRxqvQIKA0ZCMiDtSF6axLOn29R3_deKIqJgGMfZsWTeeEXyFTD9hoGY-uIJ2UmK0-sz-oYA70DNQ0yxFzMK84vrTmPIoXCjoIg90NvqELVKJM_0g8eClUIR2FhtkW/s400/taglines-indian-state-tourism-departments.webp" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें और नारे Indian Tourism department Taglines" border="0" data-original-height="264" data-original-width="400" height="264" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhvoADZbSAqq_E8CoGRxqvQIKA0ZCMiDtSF6axLOn29R3_deKIqJgGMfZsWTeeEXyFTD9hoGY-uIJ2UmK0-sz-oYA70DNQ0yxFzMK84vrTmPIoXCjoIg90NvqELVKJM_0g8eClUIR2FhtkW/w400-h264/taglines-indian-state-tourism-departments.webp" title="भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनें और नारे Indian Tourism department Taglines" width="400" loading="lazy" /></a></div> <br/> <br/><h3 style="text-align: left;">पर्यटन विभागों की टैगलाइन्स की सूची</h3> <br/>हमने यहां पर भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइन्स की लिस्ट यानी की सूची बनाने की कोशिश की है। हमें उम्मीद थी कि शायद भारत के राज्यों ने पर्यटन नारे हिंदी भाषा या संस्कृत भाषा में बनाये होंगे पर हमारा अंदाजा गलत निकला। अधिकांश पर्यटन टैगलाइन अंग्रेजी भाषा में हैं। <br/> <br/>एक और महत्वपूर्ण बात ये है कि अधिकांश राज्यों की पर्यटन विभागों की वेबसाइटों के <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/हिंदी">हिंदी</a> संस्करण नहीं हैं। आप हिंदी मे उस राज्य की <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/पर्यटन">पर्यटन</a> जानकारी प्राप्त नहीं कर सकते। <br/> <br/>खैर, यहां पर इनको यह सोच कर नजरअंदाज किया जा सकता है कि शायद भारत के राज्य विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहते होगें। देसी पर्यटक के लिये शायद इन्हें लगता होगा कि ये लोग इतना खर्चा नहीं करते हैं तो इनको लुभाने की आवश्यकता ही क्या है? <br/><ul style="text-align: left;"><li>देखें - <a href="https://www.hindidiary.com/2016/05/smart-traveller-kaise-bane.html">स्मार्ट ट्रैवलर कैसे बनें?</a></li></ul> <br/> <br/>अधिकांश राज्यों के पर्यटन विभागों द्वारा उनकी सार्वजनिक क्षेत्र की पर्यटन कंपनियों राज्य पर्यटन विकास निगम (State Tourism Development Corporation) के माध्यम से पर्यटकों को होटल बुकिंग, टैक्सी बुकिंग, खरीददारी आदि की सुविधाये प्रदान की जा रही हैं। अगर हमें किसी राज्य के इन पर्यटन विकास निगमों के भी टेगलाइन मिले तो इसी यहां सूची में शामिल किया गया है। जिन राज्यों के पर्यटन विभागों की कोई टैगलाइन हमको नहीं मिली उसको यहां पर खाली छोड़ दिया गया है। जब कभी ये राज्य अपना कोई पर्यटन नारा बनायेंगे तो उसे यहां अद्यतन (Update) किया जायेगा।
<br />
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<br />
तो लीजिये देखिये मई 2021 तक अद्यतन की गई भारत के राज्यों के पर्यटन विभागों की टैगलाइनों की लिस्ट - <br/><br /><ol style="text-align: left;"><blockquote><li>भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय (<a href="http://tourism.gov.in" rel="nofollow" target="_blank">Ministry of Tourism, GoI</a>) - <b>अतिथि देवो भव:</b> (Incredible India! Atithi Devo Bhava)</li><li>अंडमान एवं निकोबार (<a href="http://www.andamans.gov.in" target="_blank">Andaman & Nicobar</a>) - <b>Emerald. Blue. And You</b></li><li>आंध्र प्रदेश (<a href="http://www.aptourism.in" rel="nofollow" target="_blank">Andhra Pradesh</a>) - <b>Everything Possible</b></li><ul><li>Andhra Pradesh Tourism Development Corporation (APTDC) - <b>The more you see it. The more you love it...</b></li></ul><li>अरूणाचल प्रदेश (<a href="http://www.arunachaltourism.com/#0" target="_blank">Arunachal Pradesh</a>) - <b>Gateway to Serenity</b></li><li>आसाम (<a href="http://www.assamtourism.org" target="_blank">Assam</a>) - <b>Awesome Assam</b></li><li>बिहार (<a href="http://bstdc.bih.nic.in" target="_blank">Bihar</a>) - <b>Blissful Bihar</b></li><li>चंडीगढ़ (<a href="http://chandigarhtourism.gov.in" target="_blank">Chandigarh</a>) - <b>The City Beautiful</b></li><li>छत्तीसगढ़ (<a href="http://tourism.cg.gov.in" target="_blank">Chhattisgarh</a>) - <b>Full of Surprises</b></li><li>दादरा - नागर हवेली और दमन एवं दीव (<a href="http://dnh.nic.in/Tourism/index.html" target="_blank">Dadra Nagar Haveli</a> and <a href="https://daman.nic.in/tourism-dept-dd.aspx" target="_blank">Daman</a> & <a href="http://diutourismgov.in" target="_blank">Diu</a>) - <b>Small is Big</b></li><li>गोवा (<a href="http://www.goatourism.gov.in" target="_blank">Goa</a>) - <b>See More. Be More.</b></li><li>गुजरात (<a href="http://www.gujarattourism.com" target="_blank">Gujarat</a>) - <b>कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में</b></li><li>हरियाणा (<a href="http://haryanatourism.gov.in" target="_blank">Haryana</a>) - <b>Come, holiday with us!</b></li><li>हिमाचल प्रदेश (<a href="http://himachaltourism.gov.in" target="_blank">Himachal Pradesh</a>) </li><li>जम्मू और कश्मीर (<a href="http://www.jktourism.org" target="_blank">Jammu and Kashmir</a>) - <b>See J&K in a new light</b></li><ul><li>Jammu & Kashmir Tourism Development Corporation (JKTDC) - <b>Proud to serve you</b></li></ul><li>लद्दाख (<a href="https://ladakh.nic.in" target="_blank">Ladakh</a>) </li><li>झारखण्ड (<a href="http://jharkhandtourism.gov.in" target="_blank">Jharkhand</a>) - <b>Nature's hidden jewel</b></li><li>कर्नाटक (Karnataka Tourism) - <b>One State. Many Worlds</b></li><li>केरल (<a href="http://www.keralatourism.org" target="_blank">Kerala</a>) - <b>God's own Country</b></li><li>लक्षद्वीप (<a href="http://lakshadweeptourism.com" target="_blank">Lakshadweep</a>) </li><li>मध्य प्रदेश (<a href="http://www.mptourism.com" target="_blank">Madhya Pradesh</a>) - <b>The heart of Incredible India</b></li><li>महाराष्ट्र (<a href="http://www.maharashtratourism.gov.in" target="_blank">Maharashtra</a>) - <b>Maharashtra Unlimited</b></li><li>मणिपुर (<a href="http://www.manipurtourism.gov.in" target="_blank">Manipur</a>) </li><li>मेघालय (<a href="http://megtourism.gov.in" target="_blank">Meghalaya</a>) - <b>Check into Nature</b></li><li>मिजोरम (<a href="https://tourism.mizoram.gov.in" target="_blank">Mizoram</a>) </li><li>नागालैण्ड (<a href="http://tourism.nagaland.gov.in" target="_blank">Nagaland</a>) - <b>Land of Festivals</b></li><li>दिल्ली (<a href="http://web.delhi.gov.in/wps/wcm/connect/doit_tourism/Tourism/Home/" target="_blank">Delhi</a>) </li><li>ओडिशा (<a href="http://www.odishatourism.gov.in" target="_blank">Odisha</a>) - <b>India's Best Kept Secret</b></li><li>पुडुचेरी (<a href="http://tourism.pondicherry.gov.in" target="_blank">Puducherry</a>) - <b>Peaceful Puducherry - Give time a break</b></li><li>पंजाब (<a href="http://www.punjabtourism.gov.in" target="_blank">Punjab</a>) - <b>India begins here</b></li><li>राजस्थान (<a href="http://www.rajasthantourism.gov.in" target="_blank">Rajasthan</a>) - <b>पधारो म्हारे देस! The Incredible State of India</b></li><li>सिक्किम (<a href="http://www.sikkimtourism.gov.in" target="_blank">Sikkim</a>) - <b>Sikkim, where Nature smiles</b></li><li>तमिलनाडु (<a href="http://www.tamilnadutourism.org" target="_blank">Tamil Nadu</a>) - <b>Enchanting Tamil Nadu - Experience Yourself</b></li><li>त्रिपुरा (<a href="http://tripuratourism.gov.in" target="_blank">Tripura</a>) - <b>Tripura: Where Culture Meets Nature</b></li><li>उत्तर प्रदेश (<a href="http://www.uptourism.gov.in" target="_blank">Uttar Pradesh</a>) - <b>यूपी नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा</b></li><li>उत्तराखण्ड (<a href="https://uttarakhandtourism.gov.in" target="_blank">Uttarakhand</a>) - <b>Simply Heaven</b></li><li>पश्चिम बंगाल (<a href="https://www.wbtourismgov.in/" target="_blank">West Bengal</a>) - <b>Experience Bengal - The Sweetest part of India</b></li></blockquote></ol><div><br /></div><a href="https://www.hindidiary.com/search/label/हिंदी">हिंदी</a> भाषी राज्यों के <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/पर्यटन">पर्यटन</a> नारे भी <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/अंग्रेजी">अंग्रेजी</a> में हैं।<br /><br />यहां नीचे 👇 कमेंट टिप्पणी कर के बताइये आपको किस राज्य का <a href="https://www.hindidiary.com/search/label/पर्यटन">पर्यटन</a> नारा सबसे अच्छा लगा।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-9963630220561637452020-06-29T13:57:00.010+05:302020-07-19T11:29:35.029+05:30अच्छा वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर कैसा हो?<h2 style="text-align: left;">अच्छा वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर कैसा हो? Achcha Video Conference Software Kaisa ho?</h2><div><br /></div><div>कोरोना की महामारी के प्रकोप के चलते जब से पूरी दुनिया में लॉकडाउन हुआ है, लोगों को अपने घरों में रहना पड़ रहा है उससे लोगों को एक दूसरे से काट दिया है। सभी लोग अपने परिवार के करीबी और संबंधियो से नहीं मिल पा रहे हैं। सामाजिक रुप से सब लोग अलग थलग पड़ गये हैं।</div>
<div><br /></div><div>अधिकांश कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने को बोल दिया है। इस <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/कोरोना">कोरोना</a> कोविद -19 की वजह से पूरी दुनिया भर में हुये लॉकडाउन में छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के साथ-साथ बड़े बड़े कॉरपोरेट भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुये हैं। </div><div><br /></div><div>खुदरा क्षेत्र की शटडाउन, एक जगह से दूसरी जगह जाने के अंतर-राज्य परिवहन और वैश्विक <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/यात्रा">यात्रा</a> के बंद होने ने कॉर्पोरेट क्षेत्र की व्यापार करने की क्षमता पर व्यापक प्रभाव डाला है। </div>
<div><br />
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<br /></div>
<div>हालांकि दुनिया के तमाम देशों ने और भारत में भी चरणबद्ध तरीके से प्रतिष्ठान खोलने शुरू कर दिए गये हैं। अब कॉरपोरेट्स को अपने ग्राहकों और विक्रेताओं के साथ बेहतर तरीके से संवाद करने, जुड़ने और सहयोग करने के लिए इस तरह से काम करना है कि काम कम से कम समय में हो, कम से कम लागत में हों और भौगोलिक स्थिति की कोई सीमा न हो। </div><div><br /></div><div><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjdjd7T30waYVto-Ya-hsJHz5NSJvomE1w7AYReb3rAtLnLcw-cQeUfNhr-_FPASG8OlS_cWYuZwGMd5_B_rMVTLskwpbu51TMSBDwCvfFR8dpAkhjkg3APH_eoBMtNWMic52XJRHKCZzn5/s570/video-conference.webp" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="वीडियो कोन्फ्रेंस सम्मेलन सॉफ्टवेयर Video Conference Software" border="0" data-original-height="393" data-original-width="570" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjdjd7T30waYVto-Ya-hsJHz5NSJvomE1w7AYReb3rAtLnLcw-cQeUfNhr-_FPASG8OlS_cWYuZwGMd5_B_rMVTLskwpbu51TMSBDwCvfFR8dpAkhjkg3APH_eoBMtNWMic52XJRHKCZzn5/d/video-conference.webp" title="वीडियो कोन्फ्रेंस सम्मेलन सॉफ्टवेयर Video Conference Software" loading="lazy" /></a></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div><br /></div><h2 style="text-align: left;">वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर क्या है</h2><div><br /></div><div>ऐसे कोरोना वाले कठिन समय में वीडियो कोन्फ्रेंस या वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर (Video Conference Software) बड़े काम के साबित हुये हैं। इन वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयरों के जरिये लोग अपने पारिवारिक संबंधियो, पारिवारिक मित्रों या फिर अपने आस पड़ोस के लोगों से लॉकडाउन के घर में रहने के निर्देश का पालन करते हुये सभी लोगों के साथ संपर्क रख पा रहे हैं।</div><div><br /></div><div>हम यहां पर ये जानने की कोशिश करेंगे कि अगर वीडियो कोन्फ्रेंस सॉफ्टवेयर की प्रयोग करना हो तो वो कैसा हो, वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर की क्या क्या विशेषतायें हों आदि आदि।</div><div><br /></div><div>वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर छोटे बड़े सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और कॉरपोरेट्स के लिये भी वरदान साबित हुये हैं। वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर की कंपनियों की इस प्रकार की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे उन्हें डिजिटल सहयोग का उपयोग करके अपने व्यापार की निरंतरता को बनाए रखने में मदद मिले क्योंकि वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर भौगोलिक सीमाओं के पार व्यापार करने का साधन है। </div><div><br /></div><div>वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर कंपनियों को आंतरिक कर्मचारियों के साथ-साथ उनके बाहरी विक्रेताओं और ग्राहकों के साथ बैठकें, प्रशिक्षण, व्यवसाय समीक्षा, योजना सत्र आदि के संचालन के समाधान के लिए एक पूर्ण सुविधा प्रदान करता है।</div><div><br /></div><div>वीडियो सम्मेलन कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट डेटा प्रसारित करने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क का उपयोग करके विभिन्न साइटों पर दो या अधिक प्रतिभागियों के बीच लाइव कॉन्फ्रेंस शुरू करने और संचालित करने की सुविधा प्रदान करता है। अधिकांश वीडियो सम्मेलन कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ़्टवेयर उपयोगकर्ताओं को संवाद करने और साझा करने और फ़ाइलों पर काम करने में सहयोग करने देते हैं। ये एक बहुत ही कारगर <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/तकनीक">तकनीक</a> है जिसका विकास हम सब के फायदे के लिये हो रहा है। हालांकि अभी भी इसमें विकास की और संभावना और गुंजाइश बाकी है।</div><div><br />
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<br /><br /></div><h3 style="text-align: left;">वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग कौन करता है?</h3><div><br /></div><div>सभी प्रकार और आकारों के व्यवसाय और कंपनियां और सामान्य जन भी अपनी सोसाइटी, रिश्तेदारी और मित्र मंडली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते हैं। यह अलग-अलग स्थानों में कई शाखाओं या कंपनियों के उपर के स्तर के प्रबंधन के लिए बहुत ही शक्तिशाली चेक-इन साधन साबित होता है। </div><div><br /></div><div>इन वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयरो का उपयोग व्यवसायों को उनकी संभावनाओं का विस्तार करने और यात्रा की आवश्यकता के बिना कर्मचारियों के साथ जांच करने या कोई जानकारी लेने के लिए भी किया जाता है। यहां तक कि छोटे, मध्यम या बड़े आकार के व्यवसाय अपने साझेदारों, हितधारकों और व्यापार की नयी संभावनाओं से जुड़ने के लिए अपने दैनिक कार्यों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का उपयोग करते हैं।</div><div><br /></div><div><div>इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपकरण कभी-कभी शिक्षकों को उनके छात्रों के साथ जोड़ने के लिए एक माध्यम के रूप में या फिर ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों या शिक्षण प्रबंधन के लिये प्रयोग होते हैं। ये सब वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर ऑनलाइन सीखने के माहौल के लिए बहत ही अधिक उपयोगी हैं, जो अक्सर फ़ाइल साझाकरण, मतदान और व्हाइटबोर्डिंग क्षमता प्रदान करते हैं ताकि सीखने का एक प्रभावी ढंग का वातावरण बन सके। </div></div><div><br /></div><div>सरकार मे भी वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर की प्रभावी ढंग से प्रयोग हो रहा है। आप सब ने देखा होगा कि किस प्रकार भारत के प्रधानमंत्री भारत के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो सम्मेलन करके कोरोना वायरस से लड़ने के लिये बातचीत कर रहे हैं। प्रशासन में भी रोजाना वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर की मदद से बैठकें की जा रही हैे और महतिवपूर्र सरकारी काम निपटाये जा रहे हैं। भारत के हर जिला प्रशासन, राज्य सचिवालय और केन्द्र सरकार के सभी मंत्रालयों और महत्वपूर्ण विभागों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा चल रही है जिससे समय और पैसे की भी बचत हो रही है।</div><div><br /></div><div><br /></div><h3 style="text-align: left;">प्रसिद्ध वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर (Famous Video Conference Software's)</h3>
<div><br /></div>
<div>भारत में जब 25 मार्च को अचानक से कोरोना को चलते लॉकडाउन लगाया तो लोगों ने वीडियो कोन्फ्रेंस सम्मेलन सॉफ्टवेयरों को खोजना शुरु कर दिया। अचानक से किसी ने जूम वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर को खोज लिया और बस सब लोग इसी का प्रयोग करने लगे। हालांकि बाद में चीन का उत्पाद होने और खराब निजता सुरक्षा के चलते भारत के गृह मंत्रालय ने इसका प्रयोग न करने की सलाह दी तब लोगों ने अन्य वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयरों को खोजना शुरू किया। </div><div><br /></div><div>अब लोग गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, स्काइप, सिस्को इत्यादि कंपनियों के तमाम वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयरों का प्रयोग कर रहे हैं।</div><div><br />
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<br /></div><div>हालांकि कई मुफ्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग विकल्प भी उपलब्ध हैं, जो स्वतंत्र रूप से काम करने वालों, परामर्शदाताओ या अन्य स्व-नियोजित व्यक्तियों के लिए एक आकर्षक <span style="color: #222222;">वीडियो सम्मेलन साधन</span> बनते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयरों के मुफ्त संस्करण आमतौर पर ऐसे कम कम क्षमताओं वाले विकल्प होते हैं, जो एकल उपयोगकर्ताओं के लिए थोड़ी कम व्यापक कार्यक्षमता प्रदान करते हैं लेकिन काम चल जाता है।</div><div><br /></div><div>यहां पर हमने कुछ प्रसिद्ध वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयरों की सूची हमने बनाने की कोशिश की है। आप को जो भी पसंद हो उस वीडियो कोन्फ्रेंस सॉफ्टवेयर का अपने काम में उपयोग कर सकते हैं।</div><div><br /></div><div style="text-align: left;"><ul style="text-align: left;"><ul><li>जूम (<a href="https://zoom.us" rel="nofollow" target="_blank">Zoom Conference</a>)</li><li>मीट (<a href="https://meet.google.com" rel="nofollow" target="_blank">Google Meet</a>)</li><li>टीम (<a href="https://www.microsoft.com/en-in/microsoft-365/microsoft-teams/group-chat-software" rel="nofollow" target="_blank">Microsoft Team</a>)</li><li>कनेक्ट (<a href="https://www.adobe.com/products/adobeconnect.html" rel="nofollow" target="_blank">Adobe Connect</a>)</li><li>वेबएक्स (<a href="https://www.webex.com" rel="nofollow" target="_blank">Cisco WebEx</a>)</li><li>विड्यो (<a href="https://www.vidyo.com" rel="nofollow" target="_blank">Vidyo</a>)</li><li>डेमियो (<a href="https://demio.com" rel="nofollow" target="_blank">Demio</a>)</li><li>ब्लूजींस मीटिंग (<a href="https://www.bluejeans.com" rel="nofollow" target="_blank">BlueJeans Meetings</a>)</li><li><font color="#222222" face=""><span style="background-color: white;">गो टू मीटिंग (</span></font><a href="https://www.gotomeeting.com" rel="nofollow" target="_blank">GoToMeeting</a>)</li><li><span style="background-color: white; color: #222222; font-family: arial, sans-serif; font-size: 16px;">जोहो मीटिंग (<a href="https://www.zoho.com/meeting/" rel="nofollow" target="_blank">Zoho Meeting</a>)</span></li><li><span style="background-color: white; color: #222222; font-family: arial, sans-serif; font-size: 16px;">जोइन.मी (<a href="https://www.join.me/" rel="nofollow" target="_blank">Join.Me</a>)</span></li><li><font color="#222222" face=""><span style="background-color: white;">रिंग सेंट्रल वीडियो (</span></font><a href="https://www.ringcentral.com/video.html" rel="nofollow" target="_blank">RingCentral Video</a>)</li><li>क्लिक मीटिंग (<a href="https://clickmeeting.com" rel="nofollow" target="_blank">ClickMeeting</a>)</li><li>यू मीटिंग (<a href="http://www.umeeting.com" rel="nofollow" target="_blank">U Meeting</a>)</li><li>बिग ब्लू बटन (<a href="https://bigbluebutton.org" rel="nofollow" target="_blank">BigBlueButton</a>)</li><li>ब्लू जींस मीटिंग (<a href="https://www.bluejeans.com" rel="nofollow" target="_blank">Bluejeans Meetings</a>)</li><li>लाइफ साइज (<a href="https://www.lifesize.com" rel="nofollow" target="_blank">Lifesize</a>)</li><li><span style="background-color: white; color: #222222; font-family: arial, sans-serif; font-size: 16px;">स्काइप (<a href="https://www.skype.com/en/" rel="nofollow" target="_blank">Skype</a>)</span></li><li>8x8 वीडियो मीटिंग (<a href="https://www.8x8.com/products/video-conferencing" rel="nofollow" target="_blank">8x8 Video Meetings</a>)</li><li>फ्री कोन्फ्रेंस (<a href="https://www.freeconference.com/" rel="nofollow" target="_blank">FreeConference</a>)</li><li><span style="background-color: white; color: #222222; font-family: arial, sans-serif; font-size: 16px;">जब्बर (<a href="https://www.webex.com/downloads/jabber.html" rel="nofollow" target="_blank">Cisco Jabber</a>)</span></li><li><span style="background-color: white; color: #222222; font-family: arial, sans-serif; font-size: 16px;">उबर </span>कोन्फ्रेंस (<a href="https://www.uberconference.com/" rel="nofollow" target="_blank">UberConference</a>)</li><li><font color="#222222" face=""><span style="background-color: white;">ग्लोबल मीट कोलाबोरेशन (</span></font><a href="https://www.globalmeet.com" rel="nofollow" target="_blank">GlobalMeet Collaboration</a>)</li><li>व्हेयरबाई (<a href="https://whereby.com/" rel="nofollow" target="_blank">Whereby</a>)</li><li>फ्री कोन्फ्रेंस कॉल (<a href="https://www.freeconferencecall.com/" rel="nofollow" target="_blank">FreeConferenceCall.com</a>)</li><li>सर्किट (<a href="https://www.circuit.com" rel="nofollow" target="_blank">Circuit</a>)</li><li>ब्लिज (<a href="https://www.blizz.com" rel="nofollow" target="_blank">Blizz by TeamViewer</a>)</li><li>इजीटॉक (<a href="https://www.eztalks.com" rel="nofollow" target="_blank">ezTalks</a>)</li><li>जियोचैट विडियो (<a href="https://www.jio.com/en-in/apps/jio-chat" rel="nofollow" target="_blank">JioChat Video</a>)</li><li>इंटरमीडिया ऐनीमीटिंग (<a href="https://www.intermedia.net/anymeeting-video-conferencing" rel="nofollow" target="_blank">Intermedia AnyMeeting</a>)</li><li>स्टार लाइफ (<a href="https://www.starleaf.com" rel="nofollow" target="_blank">StarLeaf</a>)</li><li>अपाचे ओपन मीटिंग (<a href="https://openmeetings.apache.org" rel="nofollow" target="_blank">Apache OpenMeetings</a>)</li></ul></ul></div><div><font color="#222222" face=""><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjwsAMBkETQ7Hie5jAQPZdHSvkAZGb6UgrbgN-vf4pGKzuRmhZUXZF7I1V4TXolyKlScbjPg70SZCW6gIxcVRL7QaohPf9UXMF3bqeXV0A0MRSf1keKmervKCTcB-Inmq0jfl_GiC3A1X6c/s400/Video-Conference-2.webp" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="लाइव वीडियो कोन्फ्रेंस सम्मेलन Live Video Conference" border="0" data-original-height="276" data-original-width="400" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjwsAMBkETQ7Hie5jAQPZdHSvkAZGb6UgrbgN-vf4pGKzuRmhZUXZF7I1V4TXolyKlScbjPg70SZCW6gIxcVRL7QaohPf9UXMF3bqeXV0A0MRSf1keKmervKCTcB-Inmq0jfl_GiC3A1X6c/d/Video-Conference-2.webp" title="लाइव वीडियो कोन्फ्रेंस सम्मेलन Live Video Conference" loading="lazy" /></a></div><div><br /></div><h3 style="text-align: left;">अच्छे वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर की विशेषतायें</h3><div><br /></div><div>तो आप को जब यह देखना हो कि कौन सा वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर प्रयोग करें, उस से पहले ये आपको ये जानना जरूरी है कि एक अच्छा वीडियो कांफ्रेंस सॉफ्टवेयर कैसा हो, उसकी क्या विशेषतायें होनी चाहिये? हमारे विचार में एक अच्छे वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर में ये सारी विशेषतायें होनी चाहिये -</div></font></div><div><br /></div>
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<div><ul style="text-align: left;"><ul><li>विंडोज, एपल, एन्ड्रायड, लाइनक्स आदि सभी कंप्यूटरों पर उपलब्ध होना</li><li>किसी भी प्रकार के उपकरण जैसे मोबाइल, टैब इत्यादि पर भी उपलब्ध होना</li><li>कई लोगों के साथ मल्टी पार्टी ऑडियो और वीडियो सम्मेलन की सुविधा देना</li><li>पहले से मौजूद <span style="color: #222222;">वीडियो कांफ्रेंस </span>सिस्टम के साथ जुड़ाव और एकीकरण</li><li>बैठकों की रिकॉर्डिंग करने की सुविधा प्रदान करना</li><li>एन्क्रिप्टेड डेटा ट्रैफ़िक के साथ अत्यधिक सुरक्षित होना</li><li>डाटा की गोपनीयता और सुरक्षा प्रदान करना</li><li>प्रस्तुतियों, पीडीएफ फाइलों और स्क्रीन आदि के रूप में सामग्री साझा करने की सुविधा देना</li><li>सहयोगी कार्यों के लिए टीमों और कार्य स्थान का निर्माण</li><li>भारत के इंटरनेट और भारत के टेलीफोन नंबर पर आवाज (जब कि इंटरनेट उपलब्ध नहीं है) की सुविधा देना</li><li>सफेद बोर्डिंग यानी कि कुछ लिख कर दिखाने की क्षमता देना</li><li>100% उपस्थिति और भागीदारी के लिए सभी लोगों के पूर्ण सेट की दृश्यता सुनिश्चित करने वाली एकल खिड़की पर देखने की सुविधा देना</li><li>एन्क्रिप्टेड और सुरक्षित डाटा के यातायात का आवागमन</li><li>वीडियो की बहुत ही अच्छे स्तर की कांफ्रेंस सुविधा देना जिससे लोगो को वीडियो सम्मेलन के बाद संतुष्टि हो</li><li>वीडियो को बन्द करके खाली ऑडियो को प्रयोग करने की सुविधा देना</li></ul></ul></div></div><div>ये तो थीं साधारतया उपलब्ध होने वाली विशेषतायें जो कि एक अच्छे <span style="color: #222222;">वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर में होनी ही चाहिये।</span> </div><div><br /></div><h3 style="text-align: left;">वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर के साथ होने वाली समस्यायें </h3><div><br /></div><div><div>वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर के साथ सबसे आम मुद्दों में से एक उसकी कॉल गुणवत्ता है। यानी कि कितनी आसानी से आप किसी के साथ वीडियो सम्मेलन कर सकते हैं। उसकी गति कितनी है? वो कितनी कम बैंडविड्थ पर इंटरनेट पर काम कर सकता है। वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर अपने आप में मजबूत हो सकता है पर इस पर वीडियो या ऑडियो की गुणवत्ता शामिल लोगों की इंटरनेट गति पर अत्यधिक निर्भर होती है। </div><div><br /></div><div>अत: किसी संभावित हताशा या परेशानी से बचाने के लिये यह महत्वपूर्ण है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ़्टवेयर का उपयोग करते समय उपयोगकर्ताओं के पास विश्वसनीय इंटरनेट तक पहुंच हो और साथ ही साथ उसकी गति और गुणवत्ता वहुत अच्छी हो। नहीं तो लोगों को आपस में एक दूसरे से बातचीत के दौरान बहुत सारे व्यवधान होते रहेंगे।</div><div><br /></div><div><br /></div><h3 style="text-align: left;">वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर के मुख्य लाभ</h3><div><br /></div><div><div>हमने देखा कि कंपनियों द्वारा अपने व्यवसाय में या फिर ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ाई और कोचिंग के लिये या फिर लोगों द्वारा सामाजिक जुड़ाव के लिये वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर बहुत ही काम के हैं और इसके बहुत से लाभ और फायदे हैे जिसका लाभ सभी ले रहे हैं। मुख्य तौर पर एक अच्छे वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर से ये लाभ होते हैं (और भी अन्य कई लाभ हो सकते हैं) -</div><div><br /></div><div><ol style="text-align: left;"><ol><li>सस्ते लंबी दूरी और अंतर्राष्ट्रीय संचार विकल्पों के साथ धन और संसाधनों को बचाता है।</li><li>भौगोलिक बाधाओं को दूर करता है और अपनी टीम से दूरी को कम करके मऑनलाइन मिलजुल कर काम करने की सुविधा देता है।</li><li>स्क्रीनशेयरिंग और फ़ाइल साझाकरण के माध्यम से आपस में मिलजुल कर काम करने की की अनुमति देकर टीम सहयोग को बढ़ाता है।</li><li>लोगों को अपने कार्यालय में आराम से बैठे बैठे से बैठकों में शामिल होने की अनुमति देकर यात्रा की लागत को कम करता है।</li></ol></ol></div></div>
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<h2 style="text-align: left;">निष्कर्ष</h2></div><div><br /></div><div>निष्कर्ष के तौर पर हम कह सकते हैं कि वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर अब लोगों की जरुरत बन गये हैं। अब कोरोना वायरस के माहौल में तो आम लोगों का भी ध्यान इन वीडियो कॉन्फ्रेंस सॉफ्टवेयरों की तरफ गया है और लोगों ने बहुत से विविध तरीकों से इनको प्रयोग करना आरम्भ कर दिया है। हाल ही मैंने वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर के द्वारा कई कवि सम्मेलनों और गोष्ठियों में भाग लिया और कुल मिलाकर ये एक मजेदार <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/अनुभव">अनुभव</a> रहा।</div><div><br /></div><div>तो अब हम ये कह सकते हैं कि वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर एक बहुत ही अच्छी तकनाकि पहल है जो हमारे काम की आवश्यकता बनते जा रहे हैं और हम सब को ये अच्छी तरह से परख कर कि एक अच्छा वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर कैसा हो, उसके प्रयोग करके जांच लेने कि आवश्यकता है ताकि बाद में किसी कांफ्रेंस के बीच में कोई परेशानी न हो।</div><div><br /></div><div>आप लोग भी कमेंट कर के बताये कि आपका अच्छा वीडियो सम्मेलन सॉफ्टवेयर पर अनुभव कैसा रहा?</div>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-51748214621381564792020-06-21T14:18:00.012+05:302021-05-26T18:00:01.503+05:30कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं कंपनियां<h2 style="text-align: left;">कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं कंपनियां Corona Mask become Brand Tool for Fashion Companies</h2><br />Fashion houses have turned Coronavirus face masks as branding tools and made them power billboards for brand logos.<br /><br />कोरोना की महामारी के बीच कोरोना वायरस से बचने के लिये चेहरे पर हमेशा एक मास्क या हिंदी में कहें तो आवरण या नकाब को लगाने का सरकार की ओर से लोगों को निर्देश है।
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लोगबाग भी इस कोरोना की गंभीरता को समझ रहे हैं और जब भी घर से बाहर निकल रहे हैं तो चेहरे पर मास्क लगा कर जा रहे हैं।<br />जैसा कि हमारे प्रधान मंत्री जी ने भी कहा था कि विपदा में भी संभावना देखनी चाहिये, लगता है इस बात को दुनिया भर की फैशन कंपनियों ने समझ लिया है और चेहरे पर लगाने वाले मास्क को ही अपना ब्रांड प्रसिद्ध करने का जरिया बना लिया है।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbRGBcP1BtJF6SBM0BgoaH4UZhSnocZ8TTawd0X5dLKeVQqskd0ny8fSMPR0SC9yG1p98K6D0BgJh3zQHdMibcD7GWEBmOuNw351UOZvX75P669gp69kDLIreAdhm1uCt9i3z7Ef9ByQ27/s645/corona-face-mask-fashion-brand-statement.webp" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Corona Mask become Brand tool कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं कंपनियां" border="0" data-original-height="497" data-original-width="645" height="308" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbRGBcP1BtJF6SBM0BgoaH4UZhSnocZ8TTawd0X5dLKeVQqskd0ny8fSMPR0SC9yG1p98K6D0BgJh3zQHdMibcD7GWEBmOuNw351UOZvX75P669gp69kDLIreAdhm1uCt9i3z7Ef9ByQ27/w400-h308/corona-face-mask-fashion-brand-statement.webp" title="Corona Mask become Brand tool कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं कंपनियां" width="400" loading="lazy" /></a></div><br /><br />लगभग हर बड़ी फैशन एक्सेसरीज़ सामान बनाने वाली कंपनी इस समय चेहरे पर लगाने वाले मास्क बना रही हैं।<br /><br />इन नकाबों पर वो अपने लोगो (Logo) को इस तरह से लगा रही हैं कि वो मास्क पर खास तौर पर चमके।<br /><br />इस तरह से फैशन कंपनियां अदृश्य रुप से अपनी बांड वैल्यू या ब्रांड ताकत बढ़ा रही हैं।<br /><br />भारत में बड़ी कंपनियों के ब्रांडेड सामान को खरीद कर प्रयोग करने वालों की तादात अच्छी खासी है। भारत में ब्रांड अपनी हैसियत दिखाने का एक मौका है। लोग अपने आप को समाज में स्थापित हुआ दिखाने के लिये बड़े ब्रांड का सामान लेकर उस को दिखाने में पड़े रहते हैं।<br /><br />बड़ी अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय कंपनियां इस बात को जानती और पहचानती हैं इसलिये उन्होंने कोरोना की महामारी के दौरान मास्क लगाने के मौके को अपनी ब्रांड इमेज बढ़ाने के रुप में लिया है।<br /><br />भारत की लगभग हर फैशन और कपड़े बनाने बनाने वाली कंपनी इस समय मास्क बना रही है।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgpZ5cf2d5TuC6BNKnPIGG-vGfmdnxzwUGqJlplk3FHCNIcemmlxsTLYJY2pTWi-m-JD5o1mmaLRPmHAux243uTEJcq8GKillY38-YKrlxT2m4-WfB8y40omvJg1JSnVsC629nWPP4meS26/s547/corona-face-latest-branding-tools.webp" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Corona Mask as Branding Tool for Fashion Companies" border="0" data-original-height="322" data-original-width="547" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgpZ5cf2d5TuC6BNKnPIGG-vGfmdnxzwUGqJlplk3FHCNIcemmlxsTLYJY2pTWi-m-JD5o1mmaLRPmHAux243uTEJcq8GKillY38-YKrlxT2m4-WfB8y40omvJg1JSnVsC629nWPP4meS26/d/corona-face-latest-branding-tools.webp" title="Corona Mask as Branding Tool for Fashion Companies" loading="lazy" /></a></div><br /><br />लोगों के लिये भी कोरोना मास्क एक मौका लेकर आया है जब कि वो ब्रांडेड मास्क लगा कर अपनी माली हालत और हैसियत का प्रदर्शन कर सकते हैं। भारत के लोगों मे ब्रांडेड सामान को लेकर जबर्दस्त आकर्षण है।<br /><br />सामने वाले व्यक्ति की पहली निगाह आपके चेहरे पर ही जाती है जो कि उसकी आंखों के ठीक सामने ही होता है। ऐसे में स्वाभाविक है कि वो आपके मास्क को और उस पर लगे ब्रांड के लोगो (Logo) के देख ले।<br /><br />भारत में अगर आप देखें तो प्रसिद्ध कंपनी लेवि (Levis), गिरोडानो (Girodano), वाइल्डक्राफ्ट (Wildcraft), पूमा (Puma), आदीदास (Adidas), बनाना रिपब्लिक (Banana Republic), एसेल वर्ल्ड (Essel World), निनोश्काइंडिया (NinoshkaIndia) जैसी बड़ी नामी गिरामी और अन्य छोटी बड़ी लगभग सभी फैशन, पोषाक और परिधान बनाने वाली कंपनियां इस मैदान में उतर चुकी हैं।
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<div>ब्रांड की प्रसिद्धि के अलावा मुनाफा भी इस मास्क बनाने के धंधे में उतरने का एक कारण है। मास्क बहुत ही कम लागत में बन जाता है और कंपनियां तो अपने बचे हुये कपड़े से ही मास्क बना देती हैं।<br /><br />फैशन कंपनियों के मास्क 150 रूपये से लेकर 500 रूपये तक में मिल रहे हैं जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किस कदर मुनाफे का धंधा है मास्क बनाना।<br /><br />नकली सामान बनाने वाले भी बड़ी कंपनियों के मास्क की नकल बाजार में ले आये हैं।<br /><br />मास्क नकली हो या असली, फैशन कंपनियों के ब्रांड की पहचान तो कोरोना काल में चेहरे का मास्क से बढ़ ही रही है। इसलिये कोरोना मास्क से अपना ब्रांड चमका रही हैं फैशन कंपनियां। Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-72384731504624650842020-06-20T10:13:00.006+05:302020-07-19T11:28:25.864+05:30कोरोना काल में बहुत कुछ बदलेगा - स्वचालित नल लगाने होंगे<h2 style="text-align: left;">कोरोना काल में बहुत कुछ बदलेगा - स्वचालित नल लगाने होंगे</h2><div>आपके मैं एक उदाहरण से बताना चाहूंगी कि कोरोना के समय और इसके बाद कैसे हम लोगों की दुनिया छोटी छोटी बातों में बदल जायेगी। </div><div><br /></div><div><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEZ8r0KcFXzBRaqxwMecFKNFgiMmCR0aiE0u5MiYsVCqfz5dnCfAA3B-JCduMc-gMJbZRxjS986BMh4wiJPD2BtLa0rkqAa6J_NYioy2PzrSATRsxZbM0G2OdlfyuOS6Oid_LlNttJLOqM/s347/automatic-censor-taps.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em; text-align: center;"><img alt="Fully Automated Tap पूर्ण स्वचालित नल" border="0" data-original-height="260" data-original-width="347" height="240" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhEZ8r0KcFXzBRaqxwMecFKNFgiMmCR0aiE0u5MiYsVCqfz5dnCfAA3B-JCduMc-gMJbZRxjS986BMh4wiJPD2BtLa0rkqAa6J_NYioy2PzrSATRsxZbM0G2OdlfyuOS6Oid_LlNttJLOqM/w320-h240/automatic-censor-taps.jpg" title="Fully Automated Tap पूर्ण स्वचालित नल" width="320" loading="lazy" /></a></div><div>हमारी सोसाइटी के क्लब में कुछ समय पहले तक जब कि कोरोना का कोई नाम भी नहीं जानता था तब इस क्लब के वाश रुम (सार्वजनिक शौचालय) में एक पूर्ण स्वचालित नल लगा था जिसके आगे हाथ करने से पानी लगभग एक मिनट तक अपने आप निकलता रहता था।<div><br /></div> वो अच्छा चल रहा था पर कुछ दिनों के बाद उसके संवेदक (सेंसर) में कुछ खराबी आ गई और इन नलों ने काम करना बंद कर दिया।</div><div><br /></div><div>तो इन के स्थान पर जो नये नल लगाये गये वो स्वचालित तो थे पर ऐसे थे कि पहले उन्हें दबाना पड़ता है और फिर उसमें से आने वाला पानी लगभग एक मिनट बाद बंद हो जाता है। इस व्यवस्था से भी किसी को कोई परेशानी नहीं थी और सब ठीक चल रहा था।</div>
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<div>लेकिन अब मार्च के महीने में होली के आस पास से जब लोग कोरोना वायरस को लगकर जागरूक होने लगे और लोगों को यह हिदायत सरकार द्वारा दी गई कि उन्हें अपने हाथों को बार बार साबुन से धोना है और वो भी बीस सेकंड तक। </div><div><br /></div><div>अब इस नल पर अगर आप अपना हाथ धोने को लिये आते हैं <div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjuMDrsc_tCxyNrGFO_k-LNxFw150Aw4tWYZT4Mf0RTCcRYo4HHm1kuyyeT0cOPAs_v1xWc5sLB78PUdUZONGFGbVtBi7hCO3WsxMju6sIM7ANtWTzTGATNuglnMTtQN4_qK5LK-gyHExQx/s725/pushed-censor-tap.jpg" style="clear: right; float: right; margin-bottom: 1em; margin-left: 1em;"><img alt="Automated Tap स्वचालित नल" border="0" data-original-height="725" data-original-width="600" height="320" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjuMDrsc_tCxyNrGFO_k-LNxFw150Aw4tWYZT4Mf0RTCcRYo4HHm1kuyyeT0cOPAs_v1xWc5sLB78PUdUZONGFGbVtBi7hCO3WsxMju6sIM7ANtWTzTGATNuglnMTtQN4_qK5LK-gyHExQx/w266-h320/pushed-censor-tap.jpg" title="Automated Tap स्वचालित नल" width="266" loading="lazy" /></a></div>तो पहली बात तो ये कि आपको इस नल को छूकर चलाना पड़ेगा, दूसरी बात जब आप हाथ गीला करके 20 सेकन्ड तक अपना हाथ साबुन से रगड़ते रहते हैं तब तक नल का स्वचालिच संवेदक उसको बंद कर देता है और फिर साबुन को हाथ से हटाने के लिये पानी के लिये नल को फिर से छू कर चलाना पड़ता है। </div>
<div><br /></div>
<div>इस कोरोना काल में वैसे ही हर कोई कुछ भी छूने से डर रहा है वहां पर नल वो भी सार्वजनिक शौचागार में तो बिलकुल ही अस्पृश्य बन जाता है।</div><div><br /></div><div>अब लोग फिर से वहां पर पूर्ण स्वचालित नल की मांग कर रहे हैं।</div><div><br /></div><div>ये तो मैंने एक उदाहरण दिया है। ऐसे कितनी ही जगह इस बात की आवश्यकता महसूस की जा रही होगी।</div><div><br /></div><div>मैंने अब इस बात को महसुस किया है कि कोरोना काल के बाद स्वचालित वस्तुऔं और मशीनों की मांग ज्यादा बढ़ेगी और लोग अपने को सुरक्षित रखने के क्रम में किसी वस्तु या व्यक्ति को छूने से परहेज कर रहे हैं और शायद करते भी रहेंगे। </div><div><br /></div><div>
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</div>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-33021937024243461402020-06-19T10:15:00.004+05:302020-07-19T11:27:59.303+05:30घिसी पिटी भारतीय नीतियां जिनसे भारत को घाटा हो रहा है<h2 style="text-align: left;">घिसी पिटी भारतीय नीतियां जिनसे भारत को घाटा हो रहा है</h2><div><br /></div><div>जब से भारत ने अंग्रेजों से स्वाधीनता प्राप्त करी है तब से ही हम भारत के लोग एक ऐसी काल्पनिक दुनिया की सोच में रहते हैं जहं पर सब कुछ अच्छा होता है और सारे देश और वहां के लोग सीधे और सच्चे होते हैं। इन्हीं ख्यालों में हमने कुछ नीतियां और जुमले बनाये हुये हैं और समय समय पर उनकी बात करते रहते हैं।</div>
<br />
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<br />
<div>आजादी के बाद से दुनिया कहां से कहां पहुंच गई पर हम अभी भी इन्हीं नीतियों और जुमलों के जाल में फंसे हुये हैं। एक-आधा नीति को शायद हमने छोड़ा होगा या नई कोई नीति बनाई होगी वर्ना तो बस पुराने रिकार्ड की तरह हम हमेशा वही बातें दोहराते रहते हैं।</div><div><br /></div><div><br /></div><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhAskl-ehOhqZqh8HJXjCIhGtycyT4eDbIAh9t2_tWDHBFnLgsUhm0j8Ys5uwtomnIvI2PJ_G72uUpJwEfT1jtjpDFp_LmtNLNpzn_BLeDXf25QlKwknH2H-n9nTLwzVynW9J71LF1ZS0Rb/s498/outdated-indian-policies.jpg" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="Outdated Indian Policies घिसी पिटी भारतीय नीतियां" border="0" data-original-height="277" data-original-width="498" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhAskl-ehOhqZqh8HJXjCIhGtycyT4eDbIAh9t2_tWDHBFnLgsUhm0j8Ys5uwtomnIvI2PJ_G72uUpJwEfT1jtjpDFp_LmtNLNpzn_BLeDXf25QlKwknH2H-n9nTLwzVynW9J71LF1ZS0Rb/d/outdated-indian-policies.jpg" title="Outdated Indian Policies घिसी पिटी भारतीय नीतियां" loading="lazy" /></a></div><div><br /></div><div><br /></div><h3 style="text-align: left;">घिसी पिटी नीतियां और जुमले</h3>
<div><br /></div>
<div>आइये आपको बताते हैं ऐसी ही कुछ घिसी पिटी नीतियां और जुमले जो भारत में चलती हैं -</div>
<div><br /></div>
<div><ol style="text-align: left;"><li><b>हम दुनिया के जिम्मेदार लोकतांत्रिक देश हैं</b> - जब आप पिट गये और कोई कार्रवाई न करने का बहाना है</li><li><b>वसुधैव कुटुंबकम</b> - इस का फायदा उठा कर सब देशों के लोग अवैध तरीके से भारत में रह रहे हैं</li><li><b>पंचशील और हिंदी-चीनी भाई भाई</b> - ये बात तो 1962 में ही पिट गई</li><li><b>गुट निरपेक्षता नीति </b>- अब ये तो बिलकुल ही समाप्त होने को आई लेकिन हम अभी भी इसका जिक्र करते रहते हैं</li><li><b>गुजराल डॉक्टरिन</b> - पाकिस्तान हमेशा फायदा उठाता है</li><li><b>पहले परमाणु हथियारों का प्रयोग न करने की नीति</b> - तो क्या जब हमारे ऊपर कोई परमाणु बम गिर जायेगा तब हम प्रयोग करेंगे तो हमें उससे पहले भयानक नुकसान तो हो चुका होगा</li><li><b>भारत ने आज तक किसी देश पर हमला नहीं किया</b> - ये बात हम बार बार बताते हैं पर इसको भारत के दुश्मन भारत की कमजोरी समझते हैं</li><li><b>भारत सब को साथ लेकर चलना चाहता है </b>- अरे भाई सबको कभी साथ नहीं लिया जा सकता, पहले अपना फायदा देखो</li><li><b>भारत समस्या का समाधान बातचीत और शांति से चाहता है</b> - बातचीत और शांति से तो आजतक अपनी बढ़त को गंवाया ही है, बेहतर है एक-दो बार अशांति से भी समस्या समाधान निकालें</li><li><b>पाकिस्तान की जनता तो शाति चाहती है पर वहां के शासक नहीं </b>- अरे भाई जनता तो यहां से ही गई है न, जो कि साथ नहीं रहना चाहती थी, शासक तो राजनीतिक लोग होते हैं वो लोगों की नब्ज पहचानते हैं, अगर जनता भारत के साथ शांति से रहना चाहेगी तो कोई भी शासन में हो वो वाेट लेने के लिये जनता की बात को ही मानेगा। असल ये है कि पाकिस्तानी जनता ही भारत विरोधी है</li><li><b>दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को एक साथ आना चाहिये</b> - अगल अलग परिस्थितियों और भौगोलिक स्थिति के अनुसार सब देश निर्णय लेते हैं</li><li><b>हम अहिंसा को मानने वाले देश हैं</b> - यही तो सारी कमजोरी का कारण है</li><li><b>आतमकवाद को कई धर्म नहीं है</b> - बताइये? क्या सचमुच?</li><li><b>हम विश्व आध्यात्मिक गुरू हैं</b> - हो सकता है कभी रहे हों या वास्तव में हों पर दुनिया तभी मानेगी जब हम आर्थिक और सामरिक तौर पर भी सशक्त हों</li></ol><br />
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</script><br />
और भी कई ऐसी नीतियां और जुमले जिन्हें हम ढो रहे हैं। </div><div><br /></div>
<div>अच्छा हो यदि हम इन रुमानी बातों से निकल कर ठोस धरातल पर होने वाले घटनाकृम को देख कर नीतियां बनायें और भारत देश को सशक्त बनायें।</div>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-67236634804847135052020-06-13T19:57:00.008+05:302021-05-26T18:15:24.672+05:30भारत के राज्य और उनकी भाषायें<h2 style="text-align: left;">भारत के राज्य और उनकी भाषायें</h2><br />भारत में इस समय (जून 2020) 28 राज्य और 9 केन्द्र शासित राज्य हैं। <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/भारत">भारत</a> में नये राज्यों का गठन और विलय होता रहता है और इसके लिये भारत के संविधान में भी आवश्यक संशोधन किया जाता है। सबसे बड़ा जो राज्यों का पुनर्गठन 1956-57 में किया गया था वो खास तौर पर <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/भाषा">भाषाओं</a> के आधार पर ही किया गया था और उसके कारण नये राज्य भारत में बने थे। बाद के वर्षों में भी ये प्रक्रिया जारी रही और नये राज्य बनते रहे।<br />
<br />
<div id="TOC" style="background-color: #f0f0f0;">
<h3>
<span style="font-weight: normal;"><span> </span><span> </span><span> </span><span> </span><span> </span><span> राज्यों की भाषायें - </span></span><span style="font-weight: 400;">विषय-सूची (</span><span style="font-weight: normal;">Table of Content</span>) </h3>
<ol style="text-align: left;">
<ol><ol><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/indian-state-languages.html#constitution">भारत का संविधान और भाषायें</a></li>
<li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/indian-state-languages.html#fullstate">भारत के पूर्ण राज्यों की अधिकारिक भाषायें</a></li>
<li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/indian-state-languages.html#UT">भारत के केन्द्र शासित राज्यों की अधिकारिक भाषायें</a></li>
<li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/indian-state-languages.html#22languages">भारत की 22 राजभाषायें</a></li></ol></ol>
</ol>
</div>
<br />
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<br />
<h3 id="constitution" style="text-align: left;">भारत का संविधान और भाषायें</h3>
<br />भारत के संविधान में भारत संघ और उसके राज्यों की कोई आधिकृत <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/भाषा">भाषा</a> नहीं बताई गई है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 से 351 तक भारत की अधिकृत भाषाओं के बारे में बात की गई है। भारत के संविधान में अनुच्छेद 343 के अनुसार पहले भारत की राजभाषा का दर्जा <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/हिंदी">हिंदी</a> को दिया गया था परंतु 1963 के संविधान संशोधन करके हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी को भी यह दर्जा दिया गया। >
<br /><br />
संविधान के आठवें अध्याय में भारत की 22 भाषाओं को अधिसूचित किया गया है जो कि आधिकारिक तौर पर भारत की राजभाषायें हैं (साथ ही साथ अंग्रेजी भी है यानी कि कुल 23 हैं)।<br /><br />भारत का संविधान राज्यों की आधिकारिक और शासकीय भाषाओं के बारे में मौन है लेकिन सभी राज्यों ने अपने अपने राज्य का प्रथम प्रमुख <a href="https://www.HindiDiary.com/search/label/भाषा">भाषा</a> को अधिसूचित किया हुआ है। कई राज्यों ने तो दूसरी, तीसरी और चौथी भाषा तक को मान्यता दी हुई है।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhI6yAEe25MJvMMkHlBy5K62oELPe9jmLU_2eI6X0gG-KSymzFdEPO8qDtHmYI2wNxD5OYH6ehiNVm6KBIMZNgg58UIjbEOVlqNkR8-j5lYC60k7FWb7ExLg8IDXTi14ALpxiYIM2xfq_wi/s440/Indian-states-languages.webp" imageanchor="1" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="भारत के राज्यों का भाषायें Indian State Languages" border="0" data-original-height="440" data-original-width="404" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhI6yAEe25MJvMMkHlBy5K62oELPe9jmLU_2eI6X0gG-KSymzFdEPO8qDtHmYI2wNxD5OYH6ehiNVm6KBIMZNgg58UIjbEOVlqNkR8-j5lYC60k7FWb7ExLg8IDXTi14ALpxiYIM2xfq_wi/d/Indian-states-languages.webp" title="भारत के राज्यों का भाषायें Indian State Languages" loading="lazy" /></a></div><br /><br />
<h3 id="officiallanguage" style="text-align: left;">भारत का राज्यों की अधिकारिक भाषायें</h3><br />यहां पर हम भारत के समस्त राज्यों की जून 2020 तक की स्थिति के अनुसार भाषायों की सूची बना रहे हैं। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के बारे में स्थिति साफ होनी बाकी है।<br />
<br />
<h4 id="fullstate"><ul style="text-align: left;"><li><b>पूर्ण राज्य</b></li></ul></h4><ul style="text-align: left;"><ol><li><b>आंध्र प्रदेश</b> - तेलुगु</li><li><b>अरुणाचल प्रदेश</b> - हिंदी/अंग्रेजी</li><li><b>असम</b> - असमिया (तीन बाराक घाटी जिलों की भाषा बंगाली और बोडोलैंड काउंसिल क्षेत्र का भाषा बोडो है)</li><li><b>बिहार</b> - हिंदी</li><li><b>छत्तीसगढ़</b> - हिंदी</li><li><b>गुजरात</b> - गुजराती</li><li><b>हरियाणा</b> - हिंदी</li><li><b>हिमाचल प्रदेश</b> - हिंदी</li><li><b>झारखण्ड</b> - हिंदी</li><li><b>कर्नाटक</b> - कन्नड़</li><li><b>केरल</b> - मलयालम</li><li><b>मध्य प्रदेश</b> - हिंदी</li><li><b>महाराष्ट्र</b> - मराठी</li><li><b>गोवा</b> - कोंकणी / मराठी</li><li><b>मणिपुर</b> - मणिपुरी</li><li><b>मेघालय</b> - हिंदी/अंग्रेजी</li><li><b>मिजोरम</b> - मिजो</li><li><b>नागालैंड</b> - हिंदी/अंग्रेजी</li><li><b>त्रिपुरा</b> - बंगाली</li><li><b>ओडिशा</b> - उड़िया</li><li><b>पंजाब</b> - पंजाबी</li><li><b>राजस्थान</b> - हिंदी</li><li><b>तमिलनाडु</b> - तमिल</li><li><b>तेलंगाना</b> - तेलुगु</li><li><b>उत्तर प्रदेश</b> - हिंदी</li><li><b>उत्तराखण्ड</b> - हिंदी</li><li><b>पश्चिम बंगाल</b> - बंगाली (दार्जिलिंग को छोढ़कर, दार्जिलिंग की भाषा - नेपाली/बंगाली, गोरखा क्षेत्र प्रशासन - नेपाली)</li><li><b>सिक्किम</b> - नेपाली/अंग्रेजी </li></ol></ul><h4 id="UT"><ul style="text-align: left;"><li><b>केन्द्र शासित राज्य</b></li></ul></h4><ul style="text-align: left;"><ol><li><b>अंडमान और निकोबार द्वीप समूह</b> - हिंदी</li><li><b>दिल्ली</b> - हिंदी</li><li><b>दादरा नागर हवेली</b> - गुजराती</li><li><b>दमन एवं दीव</b> - गुजराती</li><li><b>चंडीगढ़</b> - हिंदी/अंग्रेजी</li><li><b>जम्मू एवं कश्मीर</b> - उर्दू, कश्मारी, डोगरी एवं हिंदी</li><li><b>पुड्डुचेरी</b> - तमिल (माहै और यनम को छोढ़कर)</li><li><b>लक्षद्वीप</b> - मलयालम</li><li><b>लद्दाख</b> - लद्दाखी, तिब्बती, उर्दू, कश्मीरी, डोगरी एवं बाल्टी</li></ol></ul>
<br />
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<br />
<h3 id="22languages" style="text-align: left;">भारत की 22 राजभाषायें</h3>
<br />
संविधान के आठवें अध्याय में अनुच्छेद 344(1) और 351 के अनुसार भारत की 22 भाषाओं को अधिसूचित किया गया है जो कि आधिकारिक तौर पर भारत की राजभाषायें हैं (साथ ही साथ अंग्रेजी भी है यानी कि कुल 23 हैं)। <span style="background-color: white; font-family: arial; font-size: 14px; text-align: justify;">As per Articles 344(1) and 351 of the Indian Constitution, the eighth schedule includes the recognition of the following 22 languages:</span><br /><ol style="text-align: left;"><li>असमिया Assamese</li><li>बंगाली Bengali</li><li>बोडो Bodo</li><li>डोगरी Dogri</li><li>गुजराती Gujarati</li><li>हिंदी Hindi</li><li>कन्नड़ Kannada</li><li>कश्मारी Kashmiri</li><li>कोंकणी Konkani</li><li>मैथली Maithili</li><li>मलयालम Malayalam</li><li>मणिपुरी Manipuri</li><li>मराठी Marathi</li><li>नेपाली Nepali</li><li>उड़िया Odia</li><li>पंजाबी Punjabi</li><li>संस्कृत Sanskrit</li><li>संथाली Santali</li><li>सिंधी Sindhi</li><li>तमिल Tamil</li><li>तेलुगु Telugu</li><li>उर्दू Urdu</li><li>अंग्रेजी English - ये 22 अनुसूचित भाषाओं की सूची में नहीं है पर 1963 के संविधान संशोधन के अनुसार इसे हिंदी के साथ जोड़ा गया था। This is not in the list but it is used and inserted by constitutional amendment of 1963</li></ol>
<br />
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"mainEntity": [{
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"name": "Which Article of Indian Constitution deal with Official Language?",
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"text": "Part XVII of the <strong>Indian Constitution</strong> deals with the Official Languages in the articles 343 to 351."
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"text": "<strong>भारत के संविधान</strong> के अनुच्छेद 343 से 351 तक भारत की भाषाओं का जिक्र है।"
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"text": "According to Eight Schedule of <strong>Indian Constitution</strong> 22 Indian languages are listed. But actually there 23 language with inclusion of English"
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"name": "भारत के कितने राज्यों की राज्य भाषा हिंदी है?",
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"text": "कुल 15 पूर्ण राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की भाषा हिंदी है जो कि इस प्रकार हैं <br/> <ul><li>अरुणाचल प्रदेश</li> <li>बिहार</li><li>छत्तीसगढ़</li><li>हरियाणा</li><li>हिमाचल प्रदेश</li><li>झारखण्ड</li> <li>मध्य प्रदेश</li> <li>मेघालय</li> <li>नागालैंड</li><li>राजस्थान</li><li>उत्तर प्रदेश</li><li>उत्तराखण्ड</li> <li>अंडमान और निकोबार द्वीप समूह </li><li>दिल्ली</li><li>चंडीगढ़</li></ul>"
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"text":"भारत के संविधान के आठवें अध्याय में अनुच्छेद 344(1) और 351 के अनुसार भारत की 22 भाषाओं को अधिसूचित किया गया है जो कि आधिकारिक तौर पर भारत की राजभाषायें हैं (साथ ही साथ अंग्रेजी भी है यानी कि कुल 23 हैं)। <a href='https://www.hindidiary.com/2020/06/indian-state-languages.html#22languages'>भारत की 22 राजभाषाओं</a> की पूरी लिस्ट देखें।"}
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</script>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com4tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-3545189152123567912020-06-05T16:37:00.006+05:302021-05-26T17:55:08.674+05:3011 बॉलीवुड कलाकार जिन्होंने अपने नाम वाले गानों में काम किया<h2 style="text-align: left;">11 बॉलीवुड कलाकार जिन्होंने अपने नाम वाले गानों में काम किया Bollywood actors acted in songs with their names</h2><br />बॉलीवुड फिल्म यानी कि हिंदी फिल्मों में गाने उनका महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। फिल्मों में काम करने वाले कलाकारों को फिल्मों में काम करने के दौरान गानों पर एक्टिंग करनी होती है।<br /><br />हिंदी फिल्मों में कुछ गाने इस प्रकार बने हैं जिनमें फिल्मों के नामों का प्रयोग किया गया है। बहुत सारे गाने ऐसे बने हैं जिनमें फिल्मी कलाकारों का नाम इस्तेमाल किया गया है। पर कुछ ही गाने ऐसे बने हैं जिनमें जिन कलाकारों के नाम का प्रयोग किया गया है उन्हीं कलाकारों ने <a href="https://www.SarkariNaukriBlog.com/search/label/फिल्म">फिल्म</a> में गाया भी है। यहां पर हम 11 ऐसे बॉलीवुड कलाकार के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने अपने नाम वाले गानों में काम किया।
<br />
<div id="TOC" style="background-color: #f0f0f0;">
<h3>
<span><span style="font-weight: normal;"> </span><span style="font-weight: normal;"> </span><span style="font-weight: normal;"> </span><span style="font-weight: normal;"> </span><span style="font-weight: normal;"> </span><span style="font-weight: normal;"> </span>Table of Content विषय सूची</span></h3>
<ol style="text-align: left;">
<ol><ol><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Akshay">अक्षय कुमार</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Sridevi">श्रीदेवी और जितेन्द्र</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Kishor">किशोर कुमार</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Rishi">ऋषि कपूर और रीना रॉय</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Karina">करीना कपूर</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Bipasha">बिपाशा बसु</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Urmila">उर्मिला मतोंडकर</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Kadar">कादर खान</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Salma">सलमा आगा</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Amitabh">अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर</a></li><li><a href="https://www.hindidiary.com/2020/06/actors-act-their-name-song.html#Golmal">विभिन्न कलाकार</a></li></ol></ol>
</ol>
</div>
<br />ऐसे कई 11 गाने यहां प्रस्तुत है जिनमें बॉलीवुड कलाकारों नें अपने नाम वाले गानों में काम किया है।
<br />
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<br />
<h3 id="Akshay" style="text-align: left;">1. अक्षय कुमार</h3><br />अक्षय कुमार ने 1996 में आई बॉलीवुड फिल्म 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी' में एक ऐसे गाने में काम किया था जिसमें 'अक्षय कुमार' नाम का इस्तेमाल किया गया था। गाने की लाईन थी - 'न हम अमिताभ, न हम दिलीप कुमार, हम हैं सीधे सादे अक्षय अक्षय'
<br />
<div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/_lsUTgqsifk" width="480" youtube-src-id="_lsUTgqsifk"></iframe></div><br />
<br /><h3 id="Sridevi" style="text-align: left;">2. श्रीदेवी</h3><br />भारत की अब तक की सबसे लोकप्रिय और सुंदर अभिनेत्री श्रीदेवी जो कि अब हमारे बीच नहीं हैं ने बॉलीवुड की हिंदी फिल्मों के कैरियर के अपने आरम्भिक दौर में ही अपने नाम के गाने पर काम कर लिया था क्योंकि उन की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही थी। सन 1985 में आई फिल्म 'सरफरोश' में जितेन्द्र श्रीदेवी को श्रीदेवी कह कर गाना गा रहे हैं और श्रीदेवी इसमें काम कर रही हैं।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/eNCmx5wSdIA" width="480" youtube-src-id="eNCmx5wSdIA"></iframe></div><br /><br /><h3 id="Kishor" style="text-align: left;">3. किशोर कुमार</h3><br />किशोर कुमार ने एक गाना ऐसा अपनी आवाज में गाया और अपने ऊपर ही फिल्माया जिसमें अपनी और इनकम टैक्स (आयकर विभाग) की हंसी भी उड़ाई। इस गाने को देखिये इसके लगभग अन्त में अपना नाम लेकर गाया है। ये फिल्म है 1970 में बनी 'आंसू और मुस्कान'।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/SiGYmsRW1VM" width="480" youtube-src-id="SiGYmsRW1VM"></iframe></div><br /><br /><h3 id="Rishi" style="text-align: left;">4. ऋृषि कपूर और रीना रॉय</h3><br />1983 में आई फिल्म 'नौकर बीबी का' में ऋृषि कपूर और रीना रॉय दोनों ने एक मेहमान रोल किया था और ये एक गाना अपने नाम वाला गाया था। ज्ञात रहे कि ऋृषि कपूर का घर का प्यार से पुकारा जाने वाला नाम 'चिंटू' था। हम सबके प्यारे ऋृषि कपूर जी का देहान्त इसी साल 30 अप्रैल 2020 को हो गया। ये गाना देख कर आप उनको याद कर सकते हैं। रीना रॉय जी ने भी इसी गाने में अपने नाम वाले गाने पर अभिनय किया था।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/nT_hwlo4gRc" width="480" youtube-src-id="nT_hwlo4gRc"></iframe></div><br /><br /><h3 id="Karina" style="text-align: left;">5. करीना कपूर</h3><br />करीना कपूर इस जमाने की जानी मानी अभिनेत्री हैं। करीना कपूर का प्यार का नाम 'बेबो' है। 2009 में आई फिल्म 'कमबख्त इश्क' में करीना कपूर ने अपने इसी नाम बेबो वाले एक गाने को गाया था जो कि हर प्रकार से उनके ही ऊपर था।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/UadkGIzWGs4" width="480" youtube-src-id="UadkGIzWGs4"></iframe></div><br /><br /><h3 id="Bipasha" style="text-align: left;">6. बिपाशा बसु</h3><br />बिपाशा बसु ने 2012 में प्रदर्शित फिल्म 'जोड़ी ब्रेकर्स' के लिये एक गाने के लिये अभिनय किया जिसमें नो अपना नाम बिपाशा बताते हुये नाच रही हैं। इस गाने में अपनी ही तारीफ करती हुई नजर आ रही हैं। <br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/DhytQnmTtxw" width="480" youtube-src-id="DhytQnmTtxw"></iframe></div><br /><br /><h3 id="Urmila" style="text-align: left;">7. उर्मिला मतोंडकर </h3><br />उर्मिला मतोंडकर ने सन 2000 में लोकप्रिय गोविंदा के साथ हीरोईन के रोल में 'कुंवारा' नाम की हिंदी फिल्म में काम किया था। इस फिल्म के एक गाने में गोविंदा उर्मिला मतोंडकर को उर्मिला उर्मिला कहते हुये गा रहे हैं और उर्मिला मतोंडकर अपने ही नाम वाले गाने पर अभिनय कर रही हैं।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/c6ktve_r1A8" width="480" youtube-src-id="c6ktve_r1A8"></iframe></div>
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<br /> <h3 id="Kadar" style="text-align: left;">8. कादर खान</h3><br />जी हां, आप ने ठीक पढ़ा, कादर खान पर भी एक ऐसा गाना गाया था जिसमें वो अपने को कादर खान के नाम से पुकार कर गा रहे थे। कादर खान ने अपना बॉलीवुड का कैरियर एक संवाद लेखक के तौर पर आरम्भ किया। फिर बाद में उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में भी कदम रखा और शुरूआत में विलेन या खलनायक के रोल में नजर आये। बाद में उन्होंने चरित्र भूमिकाओं और हास्य में भी हाथ अजमाया। एक जमाने में उनकी लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि वो 1980-90 लेकर 2000-2010 तक की अधिकांश फिल्मों में नजर आते थे। वर्ष 1991 में आई फिल्म 'प्यार का देवता' में उन्होंने एक गाना केवल अपने ऊपर कादर खान नाम के साथ गाया था।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/C4cPUbFTJQc" width="480" youtube-src-id="C4cPUbFTJQc"></iframe></div><br /><br /><h3 id="Salma" style="text-align: left;">9. सलमा आगा</h3><br />सन 198 में आई फिल्म 'निकाह' से सुर्खियों में आई पाकिस्तानी कलाकार 'सलमा आगा' हिंदी फिल्मों में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहीं। वो एक अभिनेत्री के साथ साथ एक गायिका भी थी। बहुत सारी फिल्मों में उन्होंने गाने गाये। लोकप्रियता का आलम ये था कि 1985 में उनको हीरोईन लेकर एक फिल्म सलमा बनी जिसमें वो हीरोईन थी। इस के अलावा 1986 में आई एक फिल्म 'आप के साथ' में सलमा आगा ने एक गाना गाया जिसके बोल थे 'मेरा नाम सलमा' और हालांकि इस गाने पर रति अग्निहोत्री ने अभिनय किया था पर सलमा आगा के गाये गाने 'मेरा नाम सलमा' पर उन्होने सलमा आगा के गेटअप और मेकअप में सलमा बन कर ही गाया था।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/yfE9UXdXCrQ" width="480" youtube-src-id="yfE9UXdXCrQ"></iframe></div>
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<br /> <h3 id="Amitabh" style="text-align: left;">10. अमिताभ बच्चन और ऋषि कपूर</h3><br />1983 में मनमोहन देसाई द्वारा बनाई और निर्देशित फिल्म 'कुली' में ही अमिताभ बच्चन को घातक चोट लगी थी और उनके करोड़ों चाहने वालों ने दुआयें की थी। ऐसे में अमिताभ की लोकप्रियता को भुनाने के लिये एक गाना उनके चाहने वालों द्वारा प्यार से कहे जाने वाले नाम 'लम्बू' के नाम से बनाया गया। इस गाने में ऋषि कपूर जो कि छोटे कद के हैं को 'टिंगू' कहा गया है और उन्होंने भी इस में काम किया है।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/u2xQW-qYhzw" width="480" youtube-src-id="u2xQW-qYhzw"></iframe></div><br /><br /><h3 id="Golmal" style="text-align: left;">11. अमिताभ, रेखा, हेमा, जीनत इत्यादि कई कलाकार </h3><br />1979 में आई बेहद लोकप्रिय फिल्म 'गोलमाल' जो कि अपनी हास्य कॉमेडी के प्रसिद्ध है और आज तक अमोल पालेकर के डबल रोल और उत्पल दत्त की की अदाकारी के लिये याद की जाती है। इस फिल्म के एक गाने 'एक दिन सपने में देखा सपना' में अमोल पालेकर उस जमाने के कई अभिनेताओं और अभिनेत्रियों को नाम लेकर गा रहे हैं और इस गाने में इन सब कलाकारों ने काम भी किया है। गाने में अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, जीनत अमान, रेखा इत्यादि का नाम लिया गया है और इन सब को दिखाया भी गया है।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><iframe allowfullscreen="" class="BLOG_video_class" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/AgN8N810a_0" width="480" youtube-src-id="AgN8N810a_0"></iframe></div>Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-5436209341132131634.post-20149403200461958342020-05-29T10:40:00.014+05:302021-05-26T17:45:42.647+05:30एयरकंडीशनर का 24 डिग्री तापमान और हमारे अनुभव<h2 style="line-height: 1.5; text-align: left;"><span style="line-height: 1.5;">एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री रखने पर हमारे अनुभव</span></h2><br />भारत में इस समय गर्मियों का मौसम है। अधिकांश जगहों पर दिन का तापमान 45-47 डिग्री के करीब चल रहा है। करीब-करीब हर घर में एसी (Air Conditioner - AC) का इस्तेमाल हो रहा है। गर्मियों से बचने के लिए लोग एयर कंडीशनर का सहारा ले रहे हैं।<br /><br />आखिर लोग करें भी क्या जब इतनी गर्मी पड़ रही है। सब से बड़ी मुसीबत तो ये है कि कोरोना वायरस के चलते भारत में लॉकडाउन लगा हुआ है और लोगों को घरों मे ही रहना है।<br /><br />ऐसे में देश में बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ रही है। हालांकि घर-ऑफिस में एसी का आदर्श तापमान कितना रखा जाए, इसकी जानकारी भी लोगों को कम ही होती है इसीलिए अब <a href="https://beeindia.gov.in/press-releases/bee-notifies-new-energy-performance-standards-air-conditioners" style="line-height: 1.5;" target="_blank">भारत सरकार ने इसको लेकर एक नियम बना कर एयर कंडीशनर (एसी) के लिए तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री नियत कर दिया है</a>।<br /><br /><div class="separator" style="clear: both; text-align: center;"><a href="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjuKjFKSnsvcYxmY85WvGa2y1KhZl4SX2chWw6Ugh0Uoy3EcJrCIGllb3fjGZbW9ZuffVnfMSAzafzwDLNcn01CUYLyhXOsNR66udZMsDrsjr2MeQsARhD8ehejFgtMR1goD5wPN8TBKkT4/s400/air-conditioner-24-degree-setting.webp" style="margin-left: 1em; margin-right: 1em;"><img alt="air-conditioner-24-degree-setting" border="0" data-original-height="158" data-original-width="400" loading="lazy" src="https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjuKjFKSnsvcYxmY85WvGa2y1KhZl4SX2chWw6Ugh0Uoy3EcJrCIGllb3fjGZbW9ZuffVnfMSAzafzwDLNcn01CUYLyhXOsNR66udZMsDrsjr2MeQsARhD8ehejFgtMR1goD5wPN8TBKkT4/d/air-conditioner-24-degree-setting.webp" title="air-conditioner-24-degree-setting" /></a></div><br /><br />सरकार के अनुसार अगर इससे देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट सालाना बिजली की बचत होगी साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।<br /><br />सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाला ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (<a href="https://beeindia.gov.in" style="line-height: 1.5;" target="_blank">बीईई</a>) ने इस संदर्भ में एक अध्ययन कराया था और एयर कंडीशनर में तापमान 24 डिग्री सेल्सियस निर्धारित करने की सिफारिश की थी। इस दिशा में शुरुआत करते हुए हवाईअड्डा, होटल, शापिंग मॉल समेत सभी वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और विनिर्माताओं को परामर्श जारी किया गया है।<br /><br /><ul style="line-height: 1.5; text-align: left;"><li style="line-height: 1.5;"><b style="line-height: 1.5;">देखें</b> - <a href=" https://pib.gov.in/PressReleaseIframePage.aspx?PRID=1537124" style="line-height: 1.5;" target="_blank">एसी का तापमान 24 डिग्री पर रखने पर ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले पश्नों (Frequently asked Questiones - FAQ) के उत्तर</a></li></ul><br /><br />विनिर्माताओं को एयर कंडीशन में 24 डिग्री सेल्सियस तापमान निर्धारित करने का सुझाव दिया गया। साथ ही उस पर लेबल लगाकर ग्राहकों को यह बताने को कहा गया है कि उनके पैसे की बचत और बेहतर स्वास्थ्य के नजरिए से कितना तापमान नियत करना बेहतर है. यह तापमान 24 से 26 डिग्री के दायरे में होगा।<br /><br />इस अधिसूचना के द्वारा बीईई स्टार-लेबलिंग कार्यक्रम के दायरे में आने वाले सभी रूम एयर कंडीशनरों के लिए 24 डिग्री सेल्सियस डिफॉल्ट सेटिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।<br /><br />इस से कमरे के एयर कंडीशनरों (एसी) का डिफॉल्ट (अपने आप में तय) तापमान अब 24 डिग्री सेल्सियस होगा। इसका मतलब है कि कमरे का तापमान 24 डिग्री रखने के हिसाब से ही एसी चलेगा। हां, व्यक्ति जरूरत के हिसाब से इसे ऊपर नीचे कर सकता है। फिलहाल एसी का डिफाल्ट तापमान 18 डिग्री सेल्सियस है।<br />
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<h2 style="line-height: 1.5; text-align: left;"><span style="line-height: 1.5;">एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री करने का क्या फायदा होगा?</span></h2><br />लेकिन असल सवाल है कि ऐसा करने से हासिल क्या होगा? क्या वाकई एसी के तापमान से बिजली की खपत निर्धारित होती है?<br /><br />दरअसल ऊर्जा मंत्रालय का सुझाव था कि 'एसी पर 1 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ाने से 6% एनर्जी बचती है। न्यूनतम तापमान को 21 डिग्री के बजाय 24 डिग्री पर सेट करने से 18% एनर्जी बचेगी।'<br /><br />भारत के ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक कमरे में तापमान कम पर रखने के लिए कम्प्रेसर ज़्यादा काम करेगा। 24 से 18 डिग्री पर सेट करने के पर एसी का तापमान कम करने से कंप्रेसर को ज्यादा लंबे समय तक काम करना पड़ता है। अगर एसी के तापमान को 25 डिग्री के बजाए 18 डिग्री पर कर दिया जाता है तो बिजली की खपत भी बढ़ जाती है। एसी का तापमान 24 डिग्री पर रखने से बिजली की बचत भी होगी और आपकी सुविधा में भी कोई कमी नहीं आएगी।<br /><br />किसी कमरे या जगह का तापमान 18 डिग्री करने के लिए एसी को लगातार काफी देर तक काम करते रहना पड़ता है। इससे एयर कंडीशनर की सेहत पर खराब असर के साथ बिजली की खपत भी ज्यादा होती है.<br /><br />सबसे खास बात ये है कि इससे वहां मौजूद व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। दरअसल एसी कमरे में मौजूद नमी को सोखता है। इसलिए इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी त्वचा पर पड़ता है। ऊपर से यह आपके शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने वाले प्राकृतिक तंत्र को प्रभावित करता है।<br /><br /><h2 style="line-height: 1.5; text-align: left;"><span style="line-height: 1.5;">कई देशों में एयरकंडीशनर का तापमान 24 डिग्री करने के नियम पहले से लागू है</span></h2><br />जापान और अमेरिका जैसे देशों ने एयर कंडीशनर के प्रदर्शन के लिए पहले ही इस तरह के नियम बना दिए हैं। जापान में एसी का डिफाल्ट तापमान 28 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, अमेरिका में कुछ शहरों में एसी का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस से कम पर नहीं चलाने की सीमा तय है।<br /><br />हार्वर्ड के मुताबिक 23.3 और 25.6 डिग्री सेल्सियस और लंदन स्कूल इकनॉमिक्स के मुताबिक तापमान 24 डिग्री होना चाहिए।<br />
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<h2 style="line-height: 1.5; text-align: left;"><span style="line-height: 1.5;">एयर कंडीशनर को लेकर हमारे अनुभव</span></h2><br />एयर कंडीशनर (एसी) का प्रयोग हम भी कई सालों से कर रहे हैं। हमारे अनुभव कुछ हद तक सरकार के साथ हैं और कई मामलों में सरकार से उलट हैं।<br /><br />सबसे पहले जब हम ने अपने घर पर एसी लगवाया था तब हम सबसे ऊपर के तल वाले घर पर रहते थे। यकीन मानिये 40-45 डिग्री के तापमान के समय छत इतनी गर्म हो जाती थी कि अधिकांश समय हमको अपना एयर कंडीशनर 18-20 डिग्री पर चलाना पड़ता था।<br /><br />दूसरी बात ये देखी कि अलग-अलग कंपनियों के समान एयर कंडीशनर (जैसे कि 1.5 या 2.0 टन) भी समान ठंडक नहीं करते हैं जिससे अलग-अलग तापमान पर एसी चलाने पड़ते हैं। एयर कंडीशनर की बनावट का भी असर होता है, कोई एसी 2 कोईल वाला होता है कोई 3 कोईल वाला। इससे भी एयर कंडीशनर की ठंड़ पर असर पड़ता है।<br /><br />तो अगर किसी का घर एक मंजिल का है या फिर कोई किसी बिल्डिंग में इस तरह की छत वाली सबसे ऊपरी मंजिल पर रहता है तो उसके लिये तो सरकार का इस तरह 24 डिग्री वाला एयर कंडीशनर ज्यादा काम नहीं आयेगा। सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिये।<br /><br />तीसरी बात जो हमने देखी वो ये थी कि जबसे सरकार मे एसी में स्टार श्रेणी मूल्यांकन (* रेटिंग) किया है तो हमने भी एक कमरे के लिये एक 5 स्टार श्रेणी का एसा खरीद लिया। लेकिन हमने पाया कि इस तरह के एसी कम ठंडा करते हैं। शायद इनको बनाया ही बिजली बचाने के लिये है।<br /><br />चौथी बात ये कि हमारे अनुभव में खिड़की वाले एयर कंडीशनर की तुलना में दीवार पर लगने वाले स्प्लिट एसी (Split AC) ज्यादा ठंडा करते हैं। भले ही दोनो की समान क्षमता हो (1.5 Ton or 2.0 Ton).<br /><br />आखिरी बात ये कि बाद में हमने एक बहुमंजिली इमारत में अपना घर ले लिया और वहां हमारा घर बीच की मंजिलों पर है। यहां पर एसी 25 डिग्री में भी काफी ठंडा कर देता है। ऐसी बहुमंजिली इमारतों में भारत सरकार का 24 डिग्री तापमान वाला एसी कामयाब रहेगा।<br /><br />अत: सरकार को सब प्रकार के घरों को ध्यान में रखकर इस नियम को बनाना चाहिये था। वैसे कुल मिलाकर बिजली बचाने की बात तो ठीक है।Manishahttp://www.blogger.com/profile/07335662336498803553noreply@blogger.com0